जोधपुर. लोकसभा चुनाव के दौरान 1996 में ह्रदय गति रुकने से वीरगति को प्राप्त हुए आरएसी में कांस्टेबल ड्राइवर की विधवा पत्नि को विशेष पेंशन अवार्ड एवं परिलाभ देने के राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर एकलपीठ के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने यथावत रखते हुए राज्य सरकार की एसएलपी को खारिज किया (Supreme court dismissed SLP of Raj govt) है. इस तरह अप्रार्थी सरोज कंवर को 26 साल बाद उसका हक देने का आदेश दिया है.
प्रार्थी सरोज कंवर के पति दीप सिंह आरएसी में कांस्टेबल ड्राईवर पद पर रहते 1996 में लोकसभा चुनाव के दौरान ह्रदय गति रुकने से निधन हो गया था. तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी एवं जैसलमेर कलेक्टर ने राजस्थान सेवा नियम 1951 के नियम 268 एचएच के तहत तुरंत ही ग्रेसिया रिलिफ प्रदान करते हुए सरोज कंवर को सम्बल प्रदान किया. जब सरोज कंवर ने नियम 109 व 111 राजस्थान सिविल सिर्विसेज पेंशन नियम 1996 के तहत स्पेशल पेशन अवार्ड जारी कर सभी परिलाभ दिलाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, जिसे खारिज कर दिया.
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हाईकोर्ट एकलपीठ में याचिका: सरोज कंवर ने राज्य सरकार द्वारा स्पेशल पेंशन अवार्ड आवेदन खारिज करते हुए रविन्द्र सिंह चम्पावत के जरिए याचिका पेश की थी जिस पर लम्बी सुनवाई के बाद जस्टिस विजय विश्नोई की अदालत ने साल 2013 में आदेश पारित करते हुए स्पेशल पेंशन के साथ सभी परिलाभ देने के आदेश दिया. लेकिन राज्य सरकार की ओर से खंडपीठ में अपील पेश कर दी, जिसे सुनवाई के बाद खंडपीठ ने भी खारिज करते हुए एकलपीठ के आदेश को यथावत रखा.