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RJS परीक्षा परिणामः जोधपुर की सोनल ने टॉप 10 में बनाई जगह, कहा- फोकस और हार्ड वर्क से ही संभव

जोधपुर की सोनल ललवानी ने आरजेएस परीक्षा में टॉप 10 में अपना स्थान बनाया है. सोनल इसका श्रेय अपनी मां को देती हैं, जिन्होंने इन 11 महीनों में भरपूर सहयोग किया.

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Published : Nov 20, 2019, 7:40 PM IST

जोधपुर आरजेएस परीक्षा की खबर, News of jodhpur rjs exam ,

जोधपुर. आरजेएस परीक्षा में जोधपुर की सोनल ललवानी ने टॉप टेन में अपना स्थान बनाया है. सोनल को 175 अंक के साथ नौवां स्थान प्राप्त हुआ. सोनल बताती है कि यह उनका पहला ही प्रयास था और इसमें सफलता मिलने से उनका सपना सच हो गया है. सोनल इसका सबसे ज्यादा श्रेय अपनी मां को देती है, जिन्होंने इन 11 महीनों में भरपूर सहयोग किया.

जोधपुर की सोनल ललवानी ने आरजेएस परीक्षा में टॉप टेन में अपना स्थान बनाया

साथ ही सोनल ने बताया कि आरजेएस की परीक्षा देने का अनुभव अच्छा है. लेकिन सफर आसान नहीं है. इसके लिए बहुत ही फोकस के साथ स्टडी करनी पड़ती है. खासतौर से इस बात का ध्यान रखना होता है कि क्वांटिटी रीडिंग के बजाय क्वालिटी रीडिंग हो. अगर यह मापदंड नहीं अपनाया तो परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों का सटीक जवाब देना संभव नहीं होता है. मुंबई की गवर्नमेंट कॉलेज से एलएलबी और एलएलएम कर चुकी सोनल करीब ढाई साल से जोधपुर के राजस्थान हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही है.

पढ़ेंः राजस्थान हाई कोर्ट ने जोधपुर के गांव बेरासर में अस्पताल बनाने के दिए आदेश

सोनल ने बताया कि एलएलबी में प्रवेश के साथ ही तय किया था कि आरजेएस बनना है. उनके जीवन का यही लक्ष्य था. हाई कोर्ट में प्रैक्टिस के दौरान उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला जो उनके इस परीक्षा में काम भी आया. अब उनके जीवन का उद्देश्य यही है कि वह इस सेवा के माध्यम से समाज हित के कार्य करें, अच्छे निर्णय पारित करें और लीगल फर्टिनिटी को आगे बढ़ा सके. गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार देर रात आरजेएस परीक्षा का परिणाम जारी किया था. इस परीक्षा में 197 प्रतिभागी आरजेएस के रूप में चयनित हुए हैं.

जोधपुर. आरजेएस परीक्षा में जोधपुर की सोनल ललवानी ने टॉप टेन में अपना स्थान बनाया है. सोनल को 175 अंक के साथ नौवां स्थान प्राप्त हुआ. सोनल बताती है कि यह उनका पहला ही प्रयास था और इसमें सफलता मिलने से उनका सपना सच हो गया है. सोनल इसका सबसे ज्यादा श्रेय अपनी मां को देती है, जिन्होंने इन 11 महीनों में भरपूर सहयोग किया.

जोधपुर की सोनल ललवानी ने आरजेएस परीक्षा में टॉप टेन में अपना स्थान बनाया

साथ ही सोनल ने बताया कि आरजेएस की परीक्षा देने का अनुभव अच्छा है. लेकिन सफर आसान नहीं है. इसके लिए बहुत ही फोकस के साथ स्टडी करनी पड़ती है. खासतौर से इस बात का ध्यान रखना होता है कि क्वांटिटी रीडिंग के बजाय क्वालिटी रीडिंग हो. अगर यह मापदंड नहीं अपनाया तो परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों का सटीक जवाब देना संभव नहीं होता है. मुंबई की गवर्नमेंट कॉलेज से एलएलबी और एलएलएम कर चुकी सोनल करीब ढाई साल से जोधपुर के राजस्थान हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही है.

पढ़ेंः राजस्थान हाई कोर्ट ने जोधपुर के गांव बेरासर में अस्पताल बनाने के दिए आदेश

सोनल ने बताया कि एलएलबी में प्रवेश के साथ ही तय किया था कि आरजेएस बनना है. उनके जीवन का यही लक्ष्य था. हाई कोर्ट में प्रैक्टिस के दौरान उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला जो उनके इस परीक्षा में काम भी आया. अब उनके जीवन का उद्देश्य यही है कि वह इस सेवा के माध्यम से समाज हित के कार्य करें, अच्छे निर्णय पारित करें और लीगल फर्टिनिटी को आगे बढ़ा सके. गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार देर रात आरजेएस परीक्षा का परिणाम जारी किया था. इस परीक्षा में 197 प्रतिभागी आरजेएस के रूप में चयनित हुए हैं.

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Body:जोधपुर की सोनल में बनाई आरजेएस के टॉप टेन में जगह
-175 अंको के साथ 9 वां स्थान प्राप्त किया

जोधपुर।
आरजेएस परीक्षा में जोधपुर की सोनल वाली में टॉप टेन मैं अपना स्थान बनाया है सोनल को 175 अंक के साथ नौवां स्थान प्राप्त हुआ सोनल बताती है कि यह उनका पहला ही प्रयास था और इसमें सफलता मिलने से उनका सपना सच हो गया है सोनल इसके लिए सबसे ज्यादा श्रेय अपनी मां को देती है जिन्होंने इन 11 महीनों में भरपूर सहयोग किया साथ ही सोनल ने बताया कि आरजेएस की परीक्षा देने का अनुभव अच्छा है लेकिन सफर आसान नहीं है इसके लिए बहुत ही फोकस स्टडी करनी होती है खासतौर से इस बात का ध्यान रखना होता है कि क्वांटिटी रीडिंग के बजाय क्वालिटी रीडिंग हो। अगर यह मापदंड नहीं अपनाया जाए तो परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों का सटीक जवाब देना संभव नहीं होता है मुंबई की गवर्नमेंट कॉलेज से एलएलबी व एलएलएम कर चुकी सोनल करीब ढाई साल से जोधपुर के राजस्थान हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही है। सोनल ने बताया कि एलएलबी में प्रवेश के साथ ही तय किया था कि आरजेएस बनना है और यही जीवन का लक्ष्य था हाई कोर्ट में प्रैक्टिस के दौरान उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला  जो उनके इस  परीक्षा में काम भी आया ।अब उनके जीवन का उद्देश्य यही है कि वह इस सेवा के माध्यम से समाज हित के कार्य करें अच्छे निर्णय पारित करें और लीगल फर्टिनिटी को आगे बढ़ा सके। गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार देर रात आरजेएस परीक्षा का परिणाम जारी किया था इस परीक्षा में 197 प्रतिभागी आरजेएस के रूप में चयनित हुए हैं।
बाईट सोनल ललवानी, आरजेएस चयनित 



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