जोधपुर. केंद्र सरकार जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti ) के तहत ग्रामीण क्षेत्र में हर घर में नल से जल (tap water in every household) पहुंचाने के लिए प्रयासरत है. लेकिन जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) के गृह जिले जोधपुर में ही इस योजना की चाल बहुत धीमी है.
आलम ये है कि जोधपुर जिला राजस्थान में 16वें स्थान पर है. यहां ग्रामीण क्षेत्र (Drinking water system in rural areas) में सिर्फ 18.70 फीसदी घरों तक ही नल कनेक्शन हुआ है. जहां कनेक्शन है वहां भी कई जगह पानी नहीं आता. जोधपुर के ग्रामीण इलाकों के लोगों को कहना है कि 7 से 10 दिन में एक बार नल से पानी आता है. ऐसे में उन्हें गर्मी के सीजन में टैंकर से पानी डलवाना पड़ता है.
जिला जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के कारण काम देर से शुरू हुआ. वर्ष 2024 तक जोधपुर जिले में शत-प्रतिशत घरों में कनेक्शन पहुंचा देंगे. जोधपुर जल संसाधन विभाग के परियोजना खंड के मुख्य अभियंता शरद माथुर का कहना है कि जिले में 2500 करोड़ रुपए जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत खर्च हो रहे हैं. विभाग चरणबद्ध तरीके से कनेक्शन दे रहा है. 2024 तक लक्ष्य पूरा हो जाएगा. प्रत्येक गांव में समितियों का गठन हो चुका है, जिसके मार्फत आगे की प्रक्रिया चल रही है.
ईटीवी भारत ने ग्रामीण क्षेत्र में हालात का जायजा लेने के लिए लूनी ब्लॉक क्षेत्र की पंचायत खारा बेरा पुरोहितान में जाकर लोगों से बात की. ग्रामीण प्रेम ने बताया कि उसके घर में नल कनेक्शन को 1 साल से ज्यादा का समय हो गया. 7 से 10 दिन में पानी आता है. पहले भी पानी के टैंकर डलाने पड़ते थे, अब भी यही करना पड़ता है.
इसी तरह ग्रामीण महिला ने बताया कि कनेक्शन तो हो गया, लेकिन पानी 15 दिन में एक बार आता है. ग्रामीण माधो सिंह ने बताया कि गांव में लगभग हर घर में कनेक्शन है, लेकिन पानी देर से आता है. इसलिए टैंकर डलवाना पड़ता है. खाराबेरा भिमावतना गांव निवासी महिला ने कहा कि उनके घर के नल में तो 1 साल से पानी नहीं आया है. टैंकर के लिए 2 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं.
अभी 18.70 फीसदी हुए नल कनेक्शन
जोधपुर जिले में 3 लाख 75 हजार घरों को कनेक्शन के लिए चुना गया है. जन जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) शुरू होने से पहले 14 अगस्त 2019 तक जिले में 28 हजार 7 कनेक्शन थे. मिशन शुरू होने के बाद इस योजना से 42 हजार 309 घर जुड़े हैं. अब तक जिले में 70 हजार 316 घर ही पानी के कनेक्शन से जुड़ पाए हैं. ऐसे में अभी तीन लाख से ज्यादा घर पानी के कनेक्शन से वंचित हैं. काम की धीमी रफ्तार उन घरों का इंतजार और बढ़ा देगी.
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इस रफ्तार से 4 से 5 साल लगेंगे
जोधपुर जिले के 21 ब्लॉक में अभी तक 70 हजार 316 ग्रामीण क्षेत्र के घरों में कनेक्शन हुए हैं. 2019 से 2021 अगस्त तक 42 हजार कनेक्शन हुए हैं. इस रफ्तार से अगर जोधपुर जिले में कनेक्शन होते हैं तो बकाया 3 लाख से अधिक कनेक्शन होने में 4 से 5 साल लगेंगे. खास बात ये भी है कि जिले के 21 ब्लॉक में ज्यादातर में अभी जो कनेक्शन हुए हैं वह संख्या सैकड़ों में ही है.
उदाहरण के तौर पर जिले के बाप ब्लॉक में कुल 21 हजार 240 घरों में कनेक्शन होने हैं. इनमें अभी सिर्फ 1499 घरों में कनेक्शन हुए हैं. इसी तरह शेख आला ब्लॉक में 11 हजार 857 घरों में से सिर्फ 245 घरों में कनेक्शन हुए हैं. शेरगढ़ में 13772 घरों में से 645 में ही अभी कनेक्शन हुए हैं. जबकि जिले के बापिणी ब्लॉक में 8833 घरों में से अभी तक एक भी घर में कनेक्शन नहीं हुआ है. इसके अलावा गांव के पास स्थित 5-7 घरों की ढाणियों तक नल का जल पहुंचाना भी आसान नहीं है.
नहर पर ही है निर्भरता
जोधपुर शहर और पूरे जिले में पेयजल के लिए इंदिरा गांधी नहर (Indira Gandhi Canal) से आने वाले पानी पर ही निर्भरता है. जोधपुर में बनाए गए स्टोरेज से ही पानी आपूर्ति किया जा रहा है. पानी की आवक वर्षों से नहीं बढ़ी है. हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हमारी मांग के अनुरूप हमें अभी पानी मिल रहा है. लेकिन यह बात सतही नजर आती है. जब ग्रामीण इलाकों में जाते हैं तब पता चलता है कि घरों में पीने का पानी 7 से 10 दिन में आ रहा है.