जोधपुर. यह कोरोना योद्धाओं का सम्मान है, लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि यह योद्धा कोई पुलिसकर्मी या मेडिकल कर्मी नहीं हैं. अबलत्ता यह दुकानों के मालिक हैं, जिन्होंने अपने किराएदारों का तीन लाख रुपए तक का किराया माफ किया है. उसके बदले उन्हें सम्मान दिया गया और लोगों ने उन्हें भी कोरोना योद्धा माना है. जो अपने किराएदारों के दुख दर्द में काम आए हैं. इनका कहना है कि इस दौर में सभी दुकान मालिकों को अपने किराएदारों का सहयोग करना चाहिए, जिससे वो दोबारा खड़े हो सकें.
दरअसल, शहर के त्रिपोलिया बाजार क्षेत्र स्थित पारख मार्केट में 9 दुकानें हैं, जिनके मालिक वीरेंद्र पारख और अभिषेक पारख हैं. खासबात यह है कि इनकी दुकान भी यहां है. दो माह से अधिक समय बाद यह बाजार हाल ही में खुला है तो किराएदारों की परेशानी देखते हुए उन्होंने दो माह का करीब दो लाख 90 हजार रुपए का किराया माफ कर दिया. दुकानदार इनकी इस दरियादिली के कायल हो गए हैं. इनका कहना है कि इस राशि के प्रत्येक दुकानदार को करीब 30 हजार की बचत हुई है, जो उनके इस संकट के दौर में बहुत सहायक है.
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इसी बाजार में पारख परिवार की भी दुकान हैं, वह भी बंद थी. ऐसे में उन्होंंने अपने किराएदारों की परेशानी को समझते हुए जोधपुर की अपनायत यानी अपनापन निभाते हुए इस संकट के दौर में अपने किराएदारों का किराएदारों का किराया माफ कर यह बता दिया कि पैसा ही सब कुछ नहीं होता.
अभिषेक पारख ने बताया कि जब दो माह तक दुकान नहीं खुली तो किराएदार से किराया लेना सही नहीं है. इसलिए हमने तय किया कि हम किराया नहीं लेंगे. इससे हमारे किराएदार आसानी से व्यापार कर सकेंगे. पारख ने कहा कि अन्य मालिकों को भी ऐसी पहल करनी चाहिए. जब दुकान खुली नहीं तो किराया क्यों लें. पारख परिवार की इस पहल का दुकानदार तहे दिल से स्वागत कर रहे हैं. इसके लिए सभी किराएदारों ने उनका सम्मान भी किया. वहीं किराएदारों का कहना है कि इस गंभीर संकट के दौर में किराए की बचत उनके व्यवसाय और परिवार के लिए बहुत बड़ी मदद है.