जोधपुर/बाड़मेर. बाड़मेर जिले के गिड़ा थाना इलाके में कुछ बदमाशों ने आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम (RTI activist Amraram) पर जानलेवा हमला कर दिया. हमलावरों ने अमराराम का अपहरण करने के बाद उसकी निर्दयतापूर्वक पिटाई कर उसे अमानवीय यातनायें दी. हमलावरों ने आरटीआई कार्यकर्ता के दोनों पैर और एक हाथ तोड़ दिया. यही नहीं क्रूरता की हदें पार करते हुये उसके पैरों में कील ठोक दी. पांवों में सरिया डालकर घुमाया. उसके बाद उसे गांव के पास सड़क किनारे फेंक गये.
जानकारी के अनुसार आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम गोदारा लगातार शराब माफियाओं के खिलाफ पुलिस को जानकारी दे रहा था. इसके साथ ही वह ग्राम पंचायत में होने वाले घोटालों को लेकर भी एक्टिविस्ट का काम कर रहा था. गत मंगलवार को शाम के समय अमराराम जोधपुर से रवाना होकर अपने गांव आ रहा था. इसी दौरान बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया. बाद में सुनसान जगह पर ले जाकर उसे क्रूरतापूर्वक पीटा. इसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी. फिलहाल, जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम गोदारा भर्ती है और उसका उपचार जारी है.
अमराराम ने पूर्व सरपंच पर लगाया आरोप
अमराराम गोदारा ने कहा कि मारपीट और अमानवीय क्रूरता कुंपलिया के पूर्व संरपच नगराज के इशारे पर हुई है. इसमें परेउ का शराब ठेकेदार भी शामिल है. गोदारा ने बताया कि उसके नरेगा सड़क निर्माण में हुई धांधली को लेकर लगाई गई आरटीआई से वह नाराज था. उन्होंने सरपंच पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके लोगों ने ही मंगलवार को जब वह जोधपुर से गांव पहुंचा तो बस से उतरते ही अपहरण किया और उसके साथ बेइंतहा मारपीट की गई. उसके दोनों पावों में तीन-तीन कीलें ठोकी गई.
पुलिस पर भी गंभीर आरोप
गोदारा ने बताया कि बदमाशों ने मुंह पर नकाब लगा रखा था. मारपीट करने के बाद उसे मरा हुआ समझ कर उन्होंने नगराज को फोन लगाकर कहा कि मिशन पूरा हो गया. उसके बाद उसे छोड़ कर चले गए. बाद में लोगों ने अमराराम को अस्पताल पहुंचाया. उन्होंने पुलिसकर्मी पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि गिड़ा थाना अधिकारी और पुलिसकर्मी अपराधियों से सांठ गांठ रखते हैं. कई अवैध शराब की दुकानें उनके संरक्षण में चल रही है. ऐसे में उनसे किसी तरह की न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती है. बाड़मेर एसपी ही इस मामले में सही जांच करवा सकते हैं, इधर, पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने उसके परिजनों से बात कर आश्वासन दिया है कि दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी.
परिजनों में भय, गवाही कौन देगा?
जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में भर्ती अमराराम के साथ बुजुर्ग पिता करताराम और भाई हुक्माराम आए हुए हैं. बातों-बातों में साफ जाहिर हो रहा था कि उनके मन में भी पूर्व सरपंच नगराज व बदमाशों का खौफ है. भाई हुक्माराम ने बताया कि बदमाश कुछ भी कर सकते हैं. उनके साथ आए ग्रामीण का कहना था कि इस मामले में गांव में कोई गवाह मिलने की भी उम्मीद कम है. जबकि जिस बस से अमराराम उतरा और वहां पर खड़ी स्कॉर्पियों में डालकर ले जाते हुए कई लोगों ने देखा था क्योंकि पूरे इलाके में नगराज का खौफ व्याप्त है. इसकी वजह उसका पुलिस के साथ उठना बैठना है.
गुर्गों के मार्फत मुख्य षड्यंत्रकारी तक पहुंचे पुलिस
पुलिस सूत्रों के अनुसार कुछ लोगों को पुलिस ने चिन्हित किया है. लेकिन परिजनों का कहना है कि नगराज के इशारे पर हमला हुआ है. पुलिस जिन्हें भी पकड़े, लेकिन मुख्य षड्यंत्रकारी भी पकड़ा जाना चाहिए.
आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा
आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम ने वारदात से एक दिन पहले ही फेसबुक पर लिखा था कि उसे धमकियां मिल रही है. उसने इस बात की जानकारी पुलिस को दे भी थी. अमराराम ने लिखा कि मैं अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा. अमराराम की मांग है कि बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
राज्य मानवाधिकार आयोग ने की सख्त टिप्पणी
राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस पूरे मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राजस्थान पुलिस महानिदेशक, आबकारी आयुक्त, बाड़मेर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया है. आयोग ने पूछा है कि RTI कार्यकर्ता ने क्या क्या शिकायत की थी. उन पर क्या कार्रवाई की गई है. इसके साथ घटना के बाद अब तक क्या कार्रवाई हुई है.
सीएमओ ने मांगी रिपोर्ट
बाड़मेर जिले के गिड़ा थाना इलाके में मंगलवार रात्रि आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम गोदारा की तालिबानी तरीके से पिटाई मामले में बाड़मेर के कलेक्टर और एसपी से सीएमओ ने रिपोर्ट तलब की है. साथ ही आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं.
घटना ने लिया सियासी रूप
आरटीआई कार्यकर्ता का अपहरण कर हाथों और पैरों में पेचकस घुसाने की घटना ने सियासी रूप ले लिया है. भाजपा ने इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस्तीफे तक की मांग कर डाली. वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि क्या राजस्थान में अभी भी मुगलों का राज है. राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने भी ट्वीट (diya kumari on RTI activist attacked in Barmer) कर कहा कि बाड़मेर में RTI कार्यकर्ता की अवैध शराब बेचने की शिकायत करने पर बदमाशों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी. पैरों में लोहे की कीलें ठोकने जैसी निर्मम व क्रूरतम घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है.