जोधपुर. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े बीकानेर के कोलायत में जमीन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामले के विरुद्ध स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ओर महेश नागर द्वारा दायर क्रिमिनल याचिका पर गुरुवार को जस्टिस पीएस भाटी की अदालत में सुनवाई हुई.
सुनवाई के दौरान भारत सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि लगातार दस बार से अधिक यह मामला एडर्जन हो चुका है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इसे फाइनल बहस व आदेश के तहत लिस्टेट करने का कहा था लेकिन लगातार इसे लंबा किया जा रहा है.
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गुरुवार को जस्टिस भाटी की अदालत 1 बजे तक ही थी. ऐसे में समयाभाव के चलते आरडी रस्तोगी ने मामले को शुक्रवार को ही रखने का निवेदन किया. लेकिन इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने व्यक्तिगत कारणों से कोर्ट में पेश नहीं होने की बात कही. इस पर कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा कि एएसजी ने इस मामले के लंबा होने पर कड़ी आपत्ति जताई है. मामले की सुनवाई 26 सितंबर को दो बजे होगी.
इससे पहले सुनवाई के दौरान रस्तोगी ने कोर्ट से कहा कि अगर अंतिम बहस के लिए नहीं सुने तो कम से कम हमारी उस अर्जी पर सुनवाई होनी चाहिए जो बचाव पक्ष को गिरफ्तारी पर एकतरफा रोक दी गई है. रस्तोगी ने कहा कि ईडी हर सुनवाई के दौरान रॉबर्ट वाड्रा और मौरीन वाड्रा की गिरफ्तारी पर लगाई गई रोक को हटाने की मांग कर रहा है. इससे पहले गुरुवार को भारत सरकार के वकील आरडी रस्तोगी ने कोर्ट में सुबह जल्दी ही जाकर सुनवाई मेंशन करवाई क्योंकि अदालत एक बजे ही थी. जिसका भी बचाव पक्ष ने विरोध किया.
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गिरफ्तारी पर रोक हटाने के प्रयास
राबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरिन वाड्रा की गिरफ्तारी पर रोक हाईकोर्ट ने लगा रखी है. इसके चलते प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच पूरी नहीं कर पा रहा है. एएसजी रस्तोगी केअनुसार इसके चलते पूरा अनुसंधान रुका हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय और वे स्वयं गिरफ्तारी पर रोक हटाने के आदेश को खारिज करवाने के लिए जुटे हुए हैं.