जोधपुर. कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ने के बाद प्रदेश सरकार ने 3 मई तक लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है, जिसमें आवश्यक सेवाओं को छूट देने के साथ ही आवागमन पर भी रोक लगा दी है. जोधपुर रोडवेज की बात करें तो कृष्ण लगाने के साथ ही जोधपुर रोडवेज की आर्थिक स्थिति भी एक बार फिर से खराब हो चुकी है. जोधपुर रोडवेज के यात्री भार में भी काफी कमी देखने को मिली है और इसी के कारण जोधपुर रोडवेज का रेवेन्यू भी काफी कम हो चुका है.
जोधपुर रोडवेज के मुख्य प्रबंधक कुलदीप शर्मा ने बताया कि कर्फ्यू और लॉकडाउन के कारण रोडवेज जोधपुर का यात्री भार और रेवेन्यू में काफी कमी देखने को मिली है, जहां पहले जोधपुर आगार से सभी बसें मिलाकर प्रतिदिन 38 हजार किलोमीटर का सफर होता था, वहीं वह सिर्फ अब 20 से 22 हजार किलोमीटर प्रति दिन तक का रह गया है. इसके साथ ही दामिनी की बात करें तो पहले जोधपुर रोडवेज आगार को प्रतिदिन 15 से 20 लाख रुपए की आय होती थी तो वहीं वह वर्तमान समय में घटकर सिर्फ 5 से 6 लाख रुपए तक की रह गई है.
रोडवेज के मुख्य प्रबंधक का कहना है कि रोडवेज को होने वाली आर्थिक तंगी कहीं ना कहीं कर्मचारियों और पेंशन कर्मियों के लिए काफी घातक है क्योंकि अगर रोडवेज को आय नहीं होगी तो वह अपने कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वेतन का भुगतान कैसे करेंगे. वर्तमान समय के हालातों को देखते हुए राज्य सरकार ने आदेश निकाले हैं कि रोडवेज बस में क्षमता के 25 प्रतिशत यात्री ही सफर कर पाएंगे. ऐसे में रोडवेज द्वारा सिर्फ 25 प्रतिशत यात्रियों के ही टिकट काटे जा रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी ड्राइवर कंडक्टर की लापरवाही से बसों में काफी भीड़ भाड़ देखने को मिल रही है.
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इस पर रोडवेज के मुख्य प्रबंधक का कहना है कि सभी ड्राइवर और कंडक्टरो को पाबंद किया जाएगा. रोडवेज के मुख्य प्रबंधक ने बताया कि सवारियों को देखते हुए रोडवेज प्रशासन जोधपुर द्वारा अतिरिक्त बसों का भी संचालन किया जा रहा है, जिससे कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले यात्री समय रहते अपने घरों पर पहुंच सके और साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग भी मेंटेन हो सके, इसको ध्यान में रखकर रोडवेज प्रशासन द्वारा समय-समय पर रोडवेज बस स्टैंड पर अनाउंसमेंट करवाकर मास्क लगाना हाथों को संगठित करना सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना इत्यादि के बारे में आम जनता और यात्रियों को जागरूक करने का भी प्रयास किया जा रहा है.