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जोधपुर : इंटर्न डॉक्टरों ने सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप, काली पट्टी बांधकर कर रहे विरोध

जोधपुर के डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर मानदेय बढ़ाने को लेकर विरोध कर रहे हैं. इस दौरान वे काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि पिछले साल ही सरकार ने मानदेय बढ़ाकर 14000 रुपये करने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक लागू नहीं हुआ है.

Doctors protest in jodhpur
डॉक्टर कर रहे हैं प्रदर्शन
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Published : May 15, 2021, 8:15 PM IST

जोधपुर. डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर आंदोलन की राह पर है. पिछले दिनों उन्होंने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया था. आने वाले दिनों में वह अपनी मांगों को लेकर बड़ा कदम उठा सकते हैं तो इधर मेडिकल कॉलेज के ही इंटर्न डॉक्टर भी सरकार की वादाखिलाफी से नाराज है.

डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष डॉ. विनोद शर्मा ने बताया कि सरकार की खामोशी के खिलाफ इंटर्न डाक्टर संघर्ष करता रहेगा. जब तक इंटर्न डाक्टर को अपनी मेहनत का उचित मानदेय और सुविधाएं नहीं मिल जाती. गत वर्ष हुई हड़ताल के बाद आश्वासन दिया गया था कि मानदेय बढ़ाकर 14000 रुपये कर दिया जाएगा लेकिन वह अभी तक लागू नहीं हुआ है. यह सरकार की धोखाधड़ी है.

पढ़ें- जोधपुर में पुलिस की ओर से डायलिसिस मरीज की गई मदद

राज्यभर के इंटर्न डाक्टर्स अपनी इस मांग को लेकर काली पट्टी बांधकर अस्पतालों के कोविड वार्डों में सेवाएं दे रहे हैं. जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पीटल और मथुरा दास हॉस्पीटल के डॉक्टर भी काली पट्टी बांधकर 13-14 घंटे अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार उनकी मांगों को लेकर अभी गंभीर नहीं है. इंटर्न डॉक्टर अपने मानदेय को लेकर लगातार संघर्षरत हैं. इसको लेकर गत वर्ष भी उन्होंने विरोध किया था. तब उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनका मानदेय 7000 से बढ़ाकर 14000 कर दिया जाएगा, लेकिन वह अभी तक लागू नहीं हुआ. जिसको लेकर पूरे प्रदेश के इंटर्न डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं.

जोधपुर. डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर आंदोलन की राह पर है. पिछले दिनों उन्होंने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया था. आने वाले दिनों में वह अपनी मांगों को लेकर बड़ा कदम उठा सकते हैं तो इधर मेडिकल कॉलेज के ही इंटर्न डॉक्टर भी सरकार की वादाखिलाफी से नाराज है.

डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष डॉ. विनोद शर्मा ने बताया कि सरकार की खामोशी के खिलाफ इंटर्न डाक्टर संघर्ष करता रहेगा. जब तक इंटर्न डाक्टर को अपनी मेहनत का उचित मानदेय और सुविधाएं नहीं मिल जाती. गत वर्ष हुई हड़ताल के बाद आश्वासन दिया गया था कि मानदेय बढ़ाकर 14000 रुपये कर दिया जाएगा लेकिन वह अभी तक लागू नहीं हुआ है. यह सरकार की धोखाधड़ी है.

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राज्यभर के इंटर्न डाक्टर्स अपनी इस मांग को लेकर काली पट्टी बांधकर अस्पतालों के कोविड वार्डों में सेवाएं दे रहे हैं. जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पीटल और मथुरा दास हॉस्पीटल के डॉक्टर भी काली पट्टी बांधकर 13-14 घंटे अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार उनकी मांगों को लेकर अभी गंभीर नहीं है. इंटर्न डॉक्टर अपने मानदेय को लेकर लगातार संघर्षरत हैं. इसको लेकर गत वर्ष भी उन्होंने विरोध किया था. तब उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनका मानदेय 7000 से बढ़ाकर 14000 कर दिया जाएगा, लेकिन वह अभी तक लागू नहीं हुआ. जिसको लेकर पूरे प्रदेश के इंटर्न डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं.

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