जोधपुर. आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) ने केंद्र सरकार द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर दिए जाने वाले खेल रत्न अवॉर्ड का नाम राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से बदलकर हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
वैभव गहलोत ने कहा कि इस तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए. पूर्व में भी जो नाम रखे जाते हैं वह किसी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों के नाम पर ही होते हैं. लेकिन खेल में इस तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए. वैभव गहलोत ने कहा कि नाम बदलने से सुधार नहीं होता है. वैभव गहलोत आज जोधपुर में आयोजित की गई एंपायर स्कोरर सेमिनार के समापन समारोह में भाग लेने आए थे.
पढ़ें : राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम बदलने पर बोले मंत्री हरीश चौधरी- मोदी सरकार का निंदनीय काम
इस मौके पर उन्होंने सेमिनार में राजस्थान के एंपायर व स्कोरर को 3 दिन प्रशिक्षण देने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को सम्मानित भी किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम आरसीए के संरक्षक एवं राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) के आह्वान पर जयपुर के अलावा अन्य केंद्र भी क्रिकेट के लिए विकसित कर रहे हैं.
BJP की सरकार नाम बदलने के अलावा कुछ नहीं कर सकती : महेश जोशी
राजस्थान के सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने मोदी सरकार के फैसले को राजनीतिक द्वेष बताया और कहा कि इससे खिलाड़ियों का कोई भला नहीं होने वाला. बेहतर होता कि एक के बजाय दो पुरस्कार खिलाड़ियों को दिए जाते.
महेश जोशी ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, वो नाम बदलने के अलावा कुछ नहीं कर सकती. मेजर ध्यानचंद का सम्मान सारी दुनिया करती है. उनके नाम से कोई नया पुरस्कार शुरू करते, वो ज्यादा बेहतर होता. देश के पूर्व प्रधानमंत्री के नाम से जो पुरस्कार खिलाड़ियों का सालों से उत्साहवर्धन करता आया है, उसका नाम बदलना दुर्भाग्यपूर्ण है.