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कोर्ट ने जब्त कार के दस्तावेज तलब की, पुलिस ने कोर्ट का आदेश बता छोड़ दी कार, दोबारा पकड़ने के आदेश - Jodhpur police action on Verna car

जोधपुर की रातनाडा पुलिस की एक कार्रवाई चर्चा का विषय बन गई है. एक कार पर पुलिस ने कार्रवाई की. जब कोर्ट ने जब्त कार की पत्रावली तलब की तो पुलिस ने बताया कि उसने कार छोड़ दी है. जिसके बाद कोर्ट ने फिर से कार जब्त करने के आदेश दिए हैं.

Ratnada police of Jodhpur, rajasthan news
रातनाडा पुलिस की वरना कार पर कार्रवाई
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Published : Aug 13, 2021, 3:29 PM IST

Updated : Aug 13, 2021, 7:59 PM IST

जोधपुर. शहर की रातानाडा पुलिस ने एक कार पर कार्रवाई की. यह कार्रवाई ​एक कार के किस्से में तब्दील (Jodhpur police action on Verna car) हो गई है. पुलिस ने बुधवार रात को एक वरना कार का चलान काटा था. जिसमें पुलिस ने कोर्ट के आदेश के पहले गफलत में कार छोड़ दी. इस पर मोबाइल मजिस्ट्रेट ने रातानाडा पुलिस को दुबारा कार सीजन करने के आदेश दिए हैं.

जानकारी के अनुसार कार उस समय संजय भारती नामक युवक चला रहा था. पुलिस के चालान बनाने से पहले कार का मालिक सुनील कुमार थाने पहुंच गया और कहा कि ​कार का मालिक मैं हूं. इस पर पुलिस ने कहा कि कार संजय चला रहा था. इसलिए चालान उसके नाम से बनाया और उसमें फोन नंबर सुनील के लिख दिए. गुरुवार को कागजात के साथ सुनील थाने पहुंचा. पुलिस ने कागज लेकर कहा कि कोर्ट से आदेश लाओ. इस पर सुनील ने मोबाइल मजिस्ट्रेट न्यायालय में प्रार्थनापत्र दायर किया. जिस पर कोर्ट ने शुक्रवार को मूल दस्तावेज के साथ पुलिस को बुलाया. यह सूचना लेकर गुरुवार शाम को सुनील थाने पहुंचा तो उसे कहा गया कि कल देखते हैं लेकिन उसके कुछ देर बाद पुलिस ने गाड़ी संजय को सुपुर्द कर दी.

यह भी पढ़ें. मेहरानगढ़ दुखांतिकाः राजस्थान हाईकोर्ट ने कैबिनेट उपसमिति की रिपोर्ट पेश करने के दिए निर्देश

सुनील को अपने जीपीएस से पता चला कि गाड़ी झालामंड क्षेत्र में है. वह वापस थाने पहुंचा तो पुलिस वालों ने उसे कह दिया कि संजय कोर्ट की तहरीर लेकर आया था. इस पर गाड़ी छोड़ दी. शुक्रवार सुबह सुनील अपने वकील के साथ कोर्ट पहुंचा और पूरा वाकिया बताया तो मोबाइल मजिस्ट्रेट को भी अचरज हुआ. ऐसे में सवाल उठा कि क्या कोर्ट ने दो आदेश जारी​ किए?

यह भी पढ़ें. #JeeneDo: मजदूरी के लिए बंगाल से लाया जोधपुर, दुष्कर्म कर अनैतिक काम में डाला...मामला दर्ज

सुनील के वकील कैलाश पंचारिया ने कोर्ट को बताया कि गुरुवार के एक आदेश के अनुसार तो पुलिस को आज दस्तावेज पेश करने थे. जिस पर कोर्ट गाड़ी छोड़ने का आदेश करता लेकिन इससे पहले गाड़ी पुलिस ने छोड़ दी. वह किसके आदेश से छोड़ी. इस पर मोबाइल मजिस्ट्रेट ने रातानाडा पुलिस को दुबारा गाड़ी सीज करने के आदेश दिए है.

मिलीभगत या आदेशों की हेराफेरी

इस घटनाक्रम की चर्चा कोर्ट में इस लिए बन गई कि आखिरकार इस मामले में कोर्ट के आदेश ही हेराफेरी की गई है या पुलिस की मिलीभगत हैं. क्योंकि पुलिस ने सुनील को कहा कि कोर्ट के आदेश पर गाड़ी छोड़ी है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर कोर्ट ने दस्तावेज तलब किए तो छोड़ने का आदेश कब दिया. परिवादी सुनील ने कोर्ट में इसको लेकर सवाल भी उठाए.

बिना आरसी के नहीं छोड़ सकते

मोटर परिवहन कानून की धारा 207 के अनुसार बिना मूल पंजीकरण आरसी के नहीं छोड़ सकते. सुनील ने खुद पुलिस को बताया कि वह गाड़ी का मालिक है और दस्तावेज उसके पास है. इसके बावजूद गाड़ी का छोड़ना अचरज की बात है.

जोधपुर. शहर की रातानाडा पुलिस ने एक कार पर कार्रवाई की. यह कार्रवाई ​एक कार के किस्से में तब्दील (Jodhpur police action on Verna car) हो गई है. पुलिस ने बुधवार रात को एक वरना कार का चलान काटा था. जिसमें पुलिस ने कोर्ट के आदेश के पहले गफलत में कार छोड़ दी. इस पर मोबाइल मजिस्ट्रेट ने रातानाडा पुलिस को दुबारा कार सीजन करने के आदेश दिए हैं.

जानकारी के अनुसार कार उस समय संजय भारती नामक युवक चला रहा था. पुलिस के चालान बनाने से पहले कार का मालिक सुनील कुमार थाने पहुंच गया और कहा कि ​कार का मालिक मैं हूं. इस पर पुलिस ने कहा कि कार संजय चला रहा था. इसलिए चालान उसके नाम से बनाया और उसमें फोन नंबर सुनील के लिख दिए. गुरुवार को कागजात के साथ सुनील थाने पहुंचा. पुलिस ने कागज लेकर कहा कि कोर्ट से आदेश लाओ. इस पर सुनील ने मोबाइल मजिस्ट्रेट न्यायालय में प्रार्थनापत्र दायर किया. जिस पर कोर्ट ने शुक्रवार को मूल दस्तावेज के साथ पुलिस को बुलाया. यह सूचना लेकर गुरुवार शाम को सुनील थाने पहुंचा तो उसे कहा गया कि कल देखते हैं लेकिन उसके कुछ देर बाद पुलिस ने गाड़ी संजय को सुपुर्द कर दी.

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सुनील को अपने जीपीएस से पता चला कि गाड़ी झालामंड क्षेत्र में है. वह वापस थाने पहुंचा तो पुलिस वालों ने उसे कह दिया कि संजय कोर्ट की तहरीर लेकर आया था. इस पर गाड़ी छोड़ दी. शुक्रवार सुबह सुनील अपने वकील के साथ कोर्ट पहुंचा और पूरा वाकिया बताया तो मोबाइल मजिस्ट्रेट को भी अचरज हुआ. ऐसे में सवाल उठा कि क्या कोर्ट ने दो आदेश जारी​ किए?

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सुनील के वकील कैलाश पंचारिया ने कोर्ट को बताया कि गुरुवार के एक आदेश के अनुसार तो पुलिस को आज दस्तावेज पेश करने थे. जिस पर कोर्ट गाड़ी छोड़ने का आदेश करता लेकिन इससे पहले गाड़ी पुलिस ने छोड़ दी. वह किसके आदेश से छोड़ी. इस पर मोबाइल मजिस्ट्रेट ने रातानाडा पुलिस को दुबारा गाड़ी सीज करने के आदेश दिए है.

मिलीभगत या आदेशों की हेराफेरी

इस घटनाक्रम की चर्चा कोर्ट में इस लिए बन गई कि आखिरकार इस मामले में कोर्ट के आदेश ही हेराफेरी की गई है या पुलिस की मिलीभगत हैं. क्योंकि पुलिस ने सुनील को कहा कि कोर्ट के आदेश पर गाड़ी छोड़ी है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर कोर्ट ने दस्तावेज तलब किए तो छोड़ने का आदेश कब दिया. परिवादी सुनील ने कोर्ट में इसको लेकर सवाल भी उठाए.

बिना आरसी के नहीं छोड़ सकते

मोटर परिवहन कानून की धारा 207 के अनुसार बिना मूल पंजीकरण आरसी के नहीं छोड़ सकते. सुनील ने खुद पुलिस को बताया कि वह गाड़ी का मालिक है और दस्तावेज उसके पास है. इसके बावजूद गाड़ी का छोड़ना अचरज की बात है.

Last Updated : Aug 13, 2021, 7:59 PM IST
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