जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत ने विविध आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए नोकिया इंडिया कम्पनी के निदेशक मुरूगन एमपी और वी कल्याणसुंदरम को राहत दी है. कोर्ट ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच जोधपुर प्रथम की ओर से जारी जमानती वारंट को निरस्त (Highcourt order to cancel Bailable warrant) कर दिया है.
याचिकाकर्ताओ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विनीत जैन और उनके सहयोगी विवेक माथुर ने याचिका पेश कर बताया कि दोनों के खिलाफ आयोग ने 05 अगस्त 2022 को जमानती वारंट जारी कर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश पारित किए थे. मोबाइल हैंडसेट बनाने का कार्य अब नोकिया इंडिया कम्पनी की बजाय माइक्रो सॉफ्ट के पास है. अधिवक्ता की ओर से यह जानकारी आयोग के समक्ष पेश की गई. यहां तक कि दोनों की ओर से 05 अगस्त 2022 को ही आयोग के समक्ष आवेदन कर अप्रार्थीगण से नाम हटाने का निवेदन भी किया गया.
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आयोग ने उस आवेदन पर विचार करने की बजाय दोनों जमानती वारंट से तलब किया है. आयोग की ओर से जमानती वारंट जारी करना न्याय के हित में नहीं था उसके बावजूद जमानती वारंट जारी किया गया. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद 05 अगस्त 2022 को आयोग की ओर से जारी जमानती वारंट के आदेश को निरस्त कर दिया. इसके साथ ही आयोग को निर्देश दिए हैं कि उनके समक्ष जो आवेदन लम्बित थे उस पर कानून सम्मत निर्णय पारित किया जाए. जब तक निर्णय पारित नहीं होता तब तक याचिकाकर्ताओ की उपस्थिति पर जोर नहीं दिया जाए.