जोधपुर. प्रदेश में बढ़ते कोविड-19 के मामलों को देखते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर पीठ व मुख्यपीठ जोधपुर में नए साल के प्रथम सप्ताह में भी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए ही सुनवाई जारी रहेगी. पूर्व में रजिस्ट्रार जनरल निर्मल सिंह मेड़तवाल ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ व मुख्यपीठ के लिए व्यक्तिगत सुनवाई को स्थगित करते हुए 23 नवम्बर 2020 से 05 दिसम्बर 2020 तक वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए ही सुनवाई करने की व्यवस्था रखी थी. उसके बाद 07 दिसम्बर से 18 दिसम्बर 2020 तक वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए ही सुनवाई के निर्देश जारी किए गए थे.
शनिवार को फिर से एक आदेश जारी करते हुए नए साल के प्रथम सप्ताह यानी 04 जनवरी से 08 जनवरी 2021 तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही सुनवाई की जाएगी. वहीं दोनों ही उच्च न्यायालयों में व्यक्तिगत फाइलिंग काउंटर खुले रहेंगे, लेकिन सभी अधिवक्ताओं से अनुरोध किया गया कि ई-फाइलिंग, ई फाइलिंग पोर्टल के जरिए की जाए. वहीं कोर्ट फीस ई-पे के जरिए ही राशि जमा करवाने का अनुरोध किया गया है. उच्च न्यायालय ने कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए एहतियात के तौर पर यह व्यवस्था लागू कर दी है. वहीं ऑनलाइन सुनवाई के लिए लिंक व दोनों उच्च न्यायालय के लिए मोबाइल नम्बर भी जारी किए गए हैं, जिस पर अधिवक्ता सम्पर्क कर सकते हैं.
नर्स ग्रेड द्वितीय नियमित भर्ती में दिव्यांगों को चयन सूची में स्थान देने के आदेश
राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत ने एक आदेश जारी करते हुए नर्स ग्रेड द्वितीय नियमित भर्ती 2018 के पदों पर दिव्यांग वर्ग की मेरिट सूची संशोधित कर याचिकाकर्ताओं को चयन सूची में उचित स्थान दिया जाए. याचिकाकर्ता सुरेश व अन्य की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी, रजाक खान व रिषभ ताहिल ने पक्ष रखते हुए बताया कि राज्य सरकार के मेडिकल बोर्ड से विधिवत जारी निशक्तजन प्रमाण पत्र ही नियुक्ति के लिए मान्य है.
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याचिकाकर्ताओं के एक पैर में 40 प्रतिशत से अधिक डिसेबिलिटी होने पर ही PH केटेगरी में नियुक्ति पाने के हकदार होने के बावजूद विभाग ने नियुक्ति से वंचित कर दिया. उच्च न्यायालय ने चिकित्सा विभाग को 28 दिसंबर 2020 को याचिकाकर्ताओ के दिव्यांग प्रमाण पत्र को जांच कर प्रमाण पत्र सही होने पर 31 जनवरी 2021 से पहले पहले नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.