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Rajasthan High Court: सड़क हादसों को रोकने के लिए सख्ती बरते सरकार, विकसित करे सुरक्षा तंत्र - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि सड़क हादसों को रोकने के लिए तंत्र विकसित किया (Rajasthan High court on road accidents) जाए. साथ ही कोर्ट ने सभी प्रकार की पुश गाड़ियों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर रिफ्लेक्टर लगाने के निर्देश दिए हैं. ये निर्देश कोर्ट ने एक ऊंटगाड़ी दुर्घटना के मामले की सुनवाई के दौरान दिए.

Rajasthan High court on road accidents
सड़क हादसों को रोकने के लिए सख्ती बरते सरकार, विकसित करे सुरक्षा तंत्र
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Published : May 31, 2022, 11:29 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ ने आरएसआरटीसी की ओर से पेश अपीलों को खारिज करते हुए कहा कि सड़क हादसों से कई लोगों की जान जाती है. सड़क हादसों को रोकने के लिए तंत्र विकसित करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिये (Rajasthan High court on road accidents) कि सभी प्रकार की पशु गाड़ियों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर रिफ्लेक्टर लगाए जाएं ताकि मानव जीवन को बचाया जा सके. जस्टिस रामेश्वर व्यास की अदालत में आरएसआरटीसी की ओर से एमएसीटी बीकानेर कोर्ट की ओर से तय राशि को कम करवाने के लिए अपीलें पेश की गई थीं.

एमएसीटी कोर्ट ने 1 नवम्बर, 2018 को आदेश पारित करते हुए दुर्घटना में ऊंटगाड़ी व उसके साथ घायल हुए अन्य को राशि प्रदान करने के आदेश दिये थे. घायल सोनू को 1,24,500 रुपए, फलाराम को 19,100 रुपए और उसकी ऊंटगाड़ी के लिए 22,306 रुपए और 7 प्रतिशत ब्याज राशि 24 जून, 2006 से अदा करने का आदेश पारित किया था. जिसके खिलाफ आरएसआरटीसी ने अपीलें पेश की थीं. कोर्ट ने अपीलों को खारिज करते हुए अवार्ड राशि को उचित माना है. वहीं राज्य सरकार को निर्देश दिया कि व्यक्ति जो उचित सुरक्षा अपनाए बिना सड़कों पर सवारी करते हैं, उसके लिए सख्ती बरती जाए ताकि अन्य व्यक्तियों के जीवन और सुरक्षा को खतरे में नहीं डाला जा सके. आदेश की कॉपी मुख्य सचिव को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजने के निर्देश दिये हैं.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ ने आरएसआरटीसी की ओर से पेश अपीलों को खारिज करते हुए कहा कि सड़क हादसों से कई लोगों की जान जाती है. सड़क हादसों को रोकने के लिए तंत्र विकसित करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिये (Rajasthan High court on road accidents) कि सभी प्रकार की पशु गाड़ियों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर रिफ्लेक्टर लगाए जाएं ताकि मानव जीवन को बचाया जा सके. जस्टिस रामेश्वर व्यास की अदालत में आरएसआरटीसी की ओर से एमएसीटी बीकानेर कोर्ट की ओर से तय राशि को कम करवाने के लिए अपीलें पेश की गई थीं.

एमएसीटी कोर्ट ने 1 नवम्बर, 2018 को आदेश पारित करते हुए दुर्घटना में ऊंटगाड़ी व उसके साथ घायल हुए अन्य को राशि प्रदान करने के आदेश दिये थे. घायल सोनू को 1,24,500 रुपए, फलाराम को 19,100 रुपए और उसकी ऊंटगाड़ी के लिए 22,306 रुपए और 7 प्रतिशत ब्याज राशि 24 जून, 2006 से अदा करने का आदेश पारित किया था. जिसके खिलाफ आरएसआरटीसी ने अपीलें पेश की थीं. कोर्ट ने अपीलों को खारिज करते हुए अवार्ड राशि को उचित माना है. वहीं राज्य सरकार को निर्देश दिया कि व्यक्ति जो उचित सुरक्षा अपनाए बिना सड़कों पर सवारी करते हैं, उसके लिए सख्ती बरती जाए ताकि अन्य व्यक्तियों के जीवन और सुरक्षा को खतरे में नहीं डाला जा सके. आदेश की कॉपी मुख्य सचिव को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजने के निर्देश दिये हैं.

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