जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म से गर्भवती होने वाली नाबालिग पीड़िताओं को लेकर गंभीरता दिखाई है. मंगलवार को भी एक नाबालिग के गर्भवती होने पर उच्च न्यायालय के समक्ष गर्भपात की अनुमति का आवेदन आने पर शीतकालीन अवकाश के बावजूद तत्काल एकलपीठ का गठन किया गया है.
वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता ने अवकाश के बावजूद एकलपीठ में पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया. जिसके तहत मेडिकल बोर्ड गठित कर दो दिन में रिपोर्ट तलब की है. जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्र की पीड़िता की ओर से याचिका में बताया गया कि उसके साथ दुष्कर्म की वारदात हुई थी. जिसकी वजह से वह गर्भवती हो गई है. वर्तमान में वह 21 सप्ताह की गर्भवती है, जिसको वह गिरना चाहती है लेकिन कानूनी तौर पर इसके लिए अनुमति आवश्यक है. इसीलिए याचिका पेश की गई है.
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न्यायाधीश मेहता ने अप्रार्थी सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा को नोटिस जारी करते हुए एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक को तत्काल मेडिकल बोर्ड गठित कर पीड़िता का मेडिकल कर 31 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी किए हैं. वहीं अगली सुनवाई पर पीड़िता को भी न्यायालय में उपस्थित रहने के निर्देश जारी किए गए हैं.