जोधपुर. राजस्थान का दूसरा बड़ा शहर यूं तो खुले में शौच से मुक्त हो चुका है. इसके लिए नगर निगम ने शहर में 600 से ज्यादा सार्वजनिक शौचालय बनाए थे. लेकिन अब इन शौचालय का रखरखाव नहीं होने से इनका उपयोग बंद होने लगा है. ऐसे में शौचालय के आस पास के क्षेत्रों में गंदगी फैलने लग गई.
इसकी वजह है इनका संचालन नगर निगम द्वारा करना. शौचालय बनने के बाद इनका संचालन निजी हाथों में था. लेकिन, एक साल बाद निगम के कर्मचारियों के हाथों में इनका रखरखाव आया तो हालात खराब हो गए. शौचालय के दरवाजे तक टूट चुके है. यहां तक की नल और कमोड तक चोरी हो गए. प्रतिदिन की सफाई भी नहीं की जा रही है. इसके चलते लोगों ने भी उपयोग करना बंद कर दिया.
निगम के रखरखाव से हुए बेहाल
स्वच्छ अभियान के तहत देश भर के गांवों व शहरों को खुले में शौच से मुक्त करवाने के लिए शौचालय बनवाने का अभियान शुरू हुआ था. इसके तहत ही जोधपुर में शौचालय बनाए गए. महापौर घनश्याम ओझा ने खुद स्वीकार किया कि निगम के हाथों में रखरखाव आने से परेशानी बढी है इसका निस्तारण का प्रयास कर रहे हैं.
गोद लेने का आग्रह
महापौर घनश्याम ओझा का कहना है कि इनके रखरखाव में जनसहभागिता की आवश्यकता है, क्योंकि बिना सहयोग के संचालन संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि बाजारों में लगे शौचालय मार्केट एसोसिएशन संचालित करे तो आवासीय क्षेत्र के शौचालयों का रखरखाव मौहल्ला विकास समिति कर सकती है. इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं.