जोधपुर. कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों से जहां पूरे देश में हालत खराब हो रहे हैं. वहीं जोधपुर में तो हालत और भी ज्यादा बदतर होते जा रहे हैं. बता दें कि प्रदेश में कोरोना के मरीजों के मामले में जोधपुर दूसरे नम्बर पर आ चुका है. ऐसे में जोधपुर शहर के थानों, क्षेत्रों में कर्फ्यू के उल्लंघन, मरीजों की स्क्रीनिंग व सर्वे के दौरान स्वास्थ कर्मियों के साथ की जा रही बदसलूकी को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में अधिवक्ता विवेक श्रीमाली द्वारा एक जनहित याचिका दायर की गई.
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में सरकार व पुलिस द्वारा लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया. साथ ही जोधपुर में बीएसएफ एवं सीआरपीएफ की बटालियन तैनात करने की प्रार्थना की. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में जस्टिस संगीत लोढा व जस्टिस रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हिमांशु माहेश्वरी ने पक्ष रखते हुए एक केन्द्र सरकार को पक्षकार बनाने का अनुरोध किया.
सरकार की ओर से महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार ग्राउंड लेवल पर यथासंभव सभी व्यवस्थाएं जल्द कर देगी. वहीं केन्द्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आरडी रोस्तगी ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बेहतर सुविधाओं का आश्वसन दिया. सभी को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 20 अप्रैल का दिन रखा है.
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साथ ही केन्द्र व राज्य सरकार को कहा है कि यदि कोई जवाब देना है तो पेश करे. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में यह भी बताया कि जोधपुर कलेक्टर ने आईजी बीएसएफ और डीआईजी सीआरपीएफ को 12 अप्रेल को पत्र लिखकर एक-एक बटालियन भेजने की मांग की थी, लेकिन अभी तक उस पर दोनों अधिकारियों ने कोई रिपलाई तक नहीं दिया है. ऐसे में जोधपुर शहर के हालात बिगड़ जाएंगे.