अलवर: अलवर में बीते तीस वर्षों से डीग के कारीगरों द्वारा रावण के पुतले तैयार यह जा रहे हैं. खास बात यह है कि अलवर में तैयार होने वाले रावण को गोवर्धन के स्पेशल बांस द्वारा तैयार किया जाता है. विजयदशमी के पर्व पर शाम 7 बजे पुरुषार्थी समाज की ओर से दशहरा मैदान में रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
अलवर में रावण बनाने का काम कर रहे डीग के कारीगर गुड्डू ने बताया कि रावण बनाने का उनका पुश्तैनी कार्य है. वे दिल्ली, यूपी, अलवर सहित कई जगहों पर रावण बना चुके हैं. बीते 30 सालों से वे अलवर में पुरुषार्थी समाज के लिए रावण का पुतला तैयार कर रहे हैं. गुड्डू ने बताया कि पुतला बनाने के लिए सभी माल अलग-अलग जगह से लेकर आते हैं. दशहरा मैदान में करीब 25 दिन में 10 कारीगरों की मेहनत के बाद रावण का पुतला तैयार होता है.
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700 बांस लगते हैं तीन पुतले बनाने में: गुड्डू ने बताया कि रावण, मेघनाथ व कुंभकरण के पुतले तैयार करने में करीब 700 बांस उपयोग में लिए जाते हैं, जिन्हें गोवर्धन से मंगाया जाता है. अलवर में गोल बांस की कमी के चलते गोवर्धन से बांस मंगाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि रंगीन पेपर दिल्ली से मंगाया गया है, जिससे कि रावण चमकता हुआ दिखाई दे. उन्होंने बताया कि करीब 80 साड़ियां और एक क्विंटल मैगज़ीन रद्दी भी लगाई जाती है. उन्होंने बताया पुतले बनाने का सामान दिल्ली, गोवर्धन, अलीगढ़ व अलवर के बाजारों से लाते हैं.
65 फीट का होगा दशानन: कारीगर गुड्डू ने बताया कि इस साल दशहरा मैदान में रावण दहन के लिए 65 फीट के दशानन, कुंभकरण 55 फीट व मेघनाथ के 50 फीट के पुतले तैयार किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इस बार लोगों को रावण आकर्षक दिखाई देगा. रंगीन आतिशबाजियों से लैस रावण को शुक्रवार शाम तक दशहरा मैदान में खड़ा किया जाएगा.
रावण के साथ सेल्फी ले सकेंगे शहरवासी: पुरुषार्थी समाज के प्रवक्ता विशाल गांधी ने बताया कि सोशल मीडिया के बढ़ते दौर में इस बार शहरवासी दशहरा मैदान में लगे दशानन, मेघनाथ व कुंभकरण के साथ अपनी सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर डाल सकेंगे. सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज के चलते समिति ने इस बार यह निर्णय लिया है.