जोधपुर. आश्रम वेब सीरीज के निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा के खिलाफ जोधपुर पश्चिम के लूणी थाने में दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करने एवं नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की अदालत में याचिकाकर्ता प्रकाश झा की ओर से अधिवक्ता निशांत बोडा व उनके सहयोगी डॉ. विजय पटेल ने याचिका पेश कर लूणी थाने में दर्ज एफआईआर को चुनौती दी.
पढ़ें: डूंगरपुर हिंसा : BTP की ओर से हाईकोर्ट में याचिका...सरकार से जवाब-तलब
न्यायालय ने राज्य सरकार व प्रार्थी परिवादी डीआर मेघवाल को नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह में जवाब तलब किया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता बोडा ने न्यायालय को बताया कि परिवादी डीआर मेघवाल ने जरिये डाक के लूणी थाने में एक परिवाद भेजा. जिसको लूणी थाने में 12 जनवरी 2021 को एससी एसटी एक्ट की धारा 3(1) (द)(ध)(प) व 67 आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया है. परिवादी मेघवाल के परिवाद के अनुसार आश्रम वेब सीरीज में निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा ने एक जाति विशेष के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग कई बार किया.
परिवादी ने अपनी शिकायत में कहा कि निर्माता ने जानबूझकर बहुत ही घटिया निम्न स्तर से समाज विशेष को खुलेआम बेइज्जत किया है. देश में सांप्रदायिकता वैमनस्यता भड़काने, दंगा फसाद फैलाने का गंभीर कृत्य किया है. वेब सीरीज में नग्नता का चित्रण करने के साथ ही महिला वर्ग को लेकर भी निम्न स्तर के शब्दों का उपयोग किया है. जिसे सात-आठ मिलियन लोगों ने देखा. इसीलिए मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गुहार की गई. है. जिस पर लूणी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया. उच्च न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता प्रकाश झा को राहत देते हुए बलपूर्वक कार्रवाई करने पर रोक लगाई है. वहीं नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.