जोधपुर. जोधपुर सेंट्रल जेल हमेशा की तरह इस बार भी काफी सुर्खियों में है. सेंट्रल जेल में एक कैदी की शुक्रवार को अचानक तबीयत खराब हो गई. तबीयत खराब होते ही उसे जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी डिस्पेंसरी में चेक करवाया गया. उसके बाद कैदी को जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है.
दरसअल, जेल उद्योग में एक कैदी मोबाइल फोन को अपनी प्राइवेट पार्ट में छिपाकर ले गया, लेकिन मोबाइल नहीं निकला तो उसकी तबियत खराब हो गई. इसके बाद जेल प्रशासन ने जेल डिस्पेंसरी में इलाज करवा मोबाइल निकालने के प्रयास किए, लेकिन नहीं निकला. उसके बाद कैदी को MDM में भर्ती करवाया, जहां उसका इलाज चल रहा है.
जोधपुर सेंट्रल जेल में सजायाफ्ता कैदी शुक्रवार सुबह हमेशा की तरह जेल उद्योग शाला में काम करने के लिए गया था. उसके बाद वह दोपहर को वापस मुख्य जेल में दाखिल हुआ, जहां उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. तबीयत बिगड़ने पर उसे जेल में बनी डिस्पेंसरी में भर्ती करवाया गया. जहां से जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में रेफर किया गया है.
बताया जा रहा है कि उद्योग शाला में काम करने के दौरान कैदी ने 3 मोबाइल अपने प्राइवेट पार्ट में छिपा लिया. वह इन मोबाइल को मुख्य जेल में ले जाना चाहता था, लेकिन मुख्य जेल में दाखिल होने के बाद तीनों मोबाइल कैदी के प्राइवेट पार्ट में फंस गए और बाहर नहीं निकले. इसके कारण उसकी तबीयत खराब हो गई. फिलहाल, कैदी का मथुरादास माथुर अस्पताल में उपचार जारी है.
फिलहाल, जेल प्रशासन भी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठा है. बताया जा रहा है कि मोबाइल ले जाने और अंदर कैदियों को देने में भी उन्हें बड़ी राशि मिलती है. हालांकि मामला सामने आने के बाद जेल प्रशासन ने भी इस संबंध में जांच शुरू की है. जब कैदी से इस बारे में पूछा गया तो उसने केवल पेट दर्द होने की बात कहते हुए और कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.