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Special: पुलिस की 'तीसरी आंख' में कैद जोधपुर, एक रूम से पूरे शहर पर रखी जा रही नजर - Jodhpur news

जोधपुर पुलिस अपनी 'तीसरी आंख' की सहायता से शहर में अपराधियों पर नकेल कस रही है. शहर के हर कोने पर पुलिस की नजर है. अत्याधुनिक तकनीक से लैस पुलिस को अपराध पर लगाम लगाने में ये डिजीटल तकनीक बहुत मदद कर रहा है. पढ़िए ये रिपोर्ट..

जोधपुर पुलिस, Jodhpur Abhay Command Control Room
पुलिस कर रही शहर की मॉनिटरिंग
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Published : Aug 19, 2020, 2:05 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 9:44 PM IST

जोधपुर. डिजिटल युग में जोधपुर शहर पुलिस भी पूरी तरह आधुनिक हो चुकी है. जोधपुर पुलिस ने शहर के अलग-अलग इलाकों में लगभग 550 से अधिक CCTV लगाए गए हैं. जिससे शहर के कोने-कोने पर पुलिस की पैनी नजर रहती है.

पुलिस कर रही शहर की मॉनिटरिंग

इन कैमरों की मॉनिटरिंग जोधपुर के अभय कमांड कंट्रोल स्थित कंट्रोल रूम में की जाती है. जोधपुर के पुलिस कंट्रोल रूम में सीसीटीवी मॉनिटरिंग के लिए सहायक पुलिस आयुक्त, तीन पुलिस निरीक्षक सहित 25 से अधिक हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल ड्यूटी करते हैं. इनकी ड्यूटी 8-8 घंटों की तीन शिफ्ट में लगाई जाती है. 3 शिफ्टों के तहत पुलिस दिन-रात 24 घंटे जोधपुर शहर के कोने-कोने पर नजर रखती है.

जोधपुर पुलिस, Jodhpur Abhay Command Control Room
वारदात CCTV में कैद होने के बाद तुरंत पकड़ा गया बदमाश

कहे तो एक कमरे से ही पूरे जोधपुर पर नजर रखी जाती है. कंट्रोल रूम में तैनात पुलिसकर्मी सीसीटीवी की मदद से हर प्रमुख चौराहों पर नजर रखते हैं. अगर उन्हें कैमरे में कोई भी आपराधिक गतिविधि या अन्य कोई भी घटना नजर आती है तो वह इसकी सूचना तुरंत रूप से संबंधित पुलिस थाने को देते हैं. जिससे कि मौके पर जाकर समय रहते पुलिस कार्यवाही कर सके और शांति व्यवस्था बनाई जा सके.

कंट्रोल रूम में 100 से अधिक सिस्टम

जोधपुर के अभय कमांड कंट्रोल रूम में बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई है. जिसमें शहर के प्रमुख चौराहों पर होने वाली हर गतिविधि कंट्रोल रूम से लाइव देखी जाती है. साथ ही पुलिसकर्मी अपनी सुविधा अनुसार टीवी स्क्रीन पर कैमरे की लोकेशन भी चेंज कर सकते हैं. वर्तमान समय में जोधपुर के अभय कमांड कंट्रोल में एलईडी टीवी स्क्रीन के अलावा लगभग 100 से अधिक कंप्यूटर सिस्टम भी लगे हैं.

कंट्रोल रूम को सूचना मिलने पर वीडियो किए जाते हैं रिकॉर्ड

पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन के जरिए जब किसी क्षेत्र में कानून व्यवस्था बिगड़ने या झगड़े होने की सूचना मिलती है तो कंट्रोल रूम में बैठे हुए पुलिसकर्मी टीवी स्क्रीन पर उस लोकेशन के कैमरे को चालू चाल कर लेते हैं. फिर वहां होने वाली हर घटना को रिकॉर्ड किया जाता है. जिससे की पुलिस को कार्यवाही में आसानी हो सके.

यह भी पढ़ें. Special : नासमझी बढ़ा रही खतरा...थूकना मना है, लेकिन फोकस सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पर

वहीं मौके पर हो रहे घटनाक्रम को पुलिस कंट्रोल रूम लाइव देता है. अगर उस जगह पर पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता भेजने की जरूरत होती है तो कंट्रोल रूम स्वत ही उस इलाके में अतिरिक्त जाब्ता भी भेजता है.

क्राइम सीन देखने और वारदात के खुलासे में मिलती है मदद

सीसीटीवी से पुलिसकर्मियों को अपराध पर नियंत्रण रखने में सहायता मिलती है. चोरी इत्यादि की वारदात होने के बाद उस क्षेत्र के वीडियो फुटेज देखे जाते हैं, जिससे कि पता लग जाता है कि बाइक चोरी, बैग लिफ्टिंग की घटना करने वाले आरोपी कौन हैं और किस गाड़ी का उपयोग किया गया है. जिससे अपराधियों को ट्रेस करने में मदद मिलती हैं. साथ ही आरोपियों द्वारा आपराधिक घटना करने के बाद वे जिन इलाकों में जाते हैं, उन इलाकों के कैमरों को लाइन टू लाइन कनेक्ट कर पुलिस को वारदातें खोलने में भी आसानी होती है.

यह भी पढ़ें. Report: कोटा में 148 मिलावटखोरों के खिलाफ बीते 3 साल से पेंडिंग कार्रवाई

ऐसे ही एक बैग लिफ्टिंग के केस में एक युवक ने राह चलते बुजुर्ग व्यक्ति के हाथ से बैग छीनने का प्रयास किया लेकिन उस दौरान बुजुर्ग व्यक्ति नीचे गिर गया, उसके बाद अभय कमांड कंट्रोल ने कैमरे की मदद से बैग लिफ्टिंग करने वाले आरोपी की शिनाख्त की और उसे सलाखों के पीछे पहुंचाया.

सीसीटीवी से पुलिस का काम हुआ आसान

शहर में लगे कैमरे से थानों में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों का कुछ काम आसान हो गया है. किसी भी थाना क्षेत्र में होने वाली चोरी, चैन स्नैचिंग, बैग लिफ्टिंग जैसी घटनाओं को खोलने अपराधियों की शिनाख्त करने और अपराध करने आए अपराधियों के गाड़ी नंबर पता करने में सीसीटीवी कैमरे काफी सफल साबित हो रहे हैं. शहर के अलग-अलग पुलिस थानों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं. जिनके खुलासे अभय कमांड कंट्रोल रूम की मदद से किये गए है.

पुलिसकर्मियों पर भी रहती है कंट्रोल रूम की नजर

पुलिस कंट्रोल रूम शहर में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों सहित शहर के अलग-अलग इलाकों में गश्त कर रही पुलिस की गाड़ियों पर भी इन कैमरों की मदद से पैनी नजर रखता है. भीड़भाड़ वाले इलाकों में अगर पुलिसकर्मी नहीं दिखाई देते तो कंट्रोल रूम तुरंत वायरलेस सेट पर मैसेज कर उन्हें मौके पर जाने का निर्देश देता है.

गौरतलब है कि जोधपुर शहर में बढ़ रहे अपराधों के ग्राफ के बीच अब पुलिस कंट्रोल रूम की मदद से पुलिस अपराधियों पर पैनी नजर रख रही है. साथ ही जोधपुर पुलिस कमिश्नर जोस मोहन के निर्देशन पर आने वाले कुछ दिनों में शहर में 200 कैमरे और लगाए जाएंगे.

देखा जाए तो जोधपुर शहर को पूर्ण रूप से सीसीटीवी लेस करना, कहीं ना कहीं शहर के लिए फायदेमंद साबित होगा क्योंकि अपराधी एक बार पुलिस से तो बच जाएगा लेकिन जोधपुर शहर में लगी इस तीसरी आंख से वो नहीं बच पाएगा.

जोधपुर. डिजिटल युग में जोधपुर शहर पुलिस भी पूरी तरह आधुनिक हो चुकी है. जोधपुर पुलिस ने शहर के अलग-अलग इलाकों में लगभग 550 से अधिक CCTV लगाए गए हैं. जिससे शहर के कोने-कोने पर पुलिस की पैनी नजर रहती है.

पुलिस कर रही शहर की मॉनिटरिंग

इन कैमरों की मॉनिटरिंग जोधपुर के अभय कमांड कंट्रोल स्थित कंट्रोल रूम में की जाती है. जोधपुर के पुलिस कंट्रोल रूम में सीसीटीवी मॉनिटरिंग के लिए सहायक पुलिस आयुक्त, तीन पुलिस निरीक्षक सहित 25 से अधिक हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल ड्यूटी करते हैं. इनकी ड्यूटी 8-8 घंटों की तीन शिफ्ट में लगाई जाती है. 3 शिफ्टों के तहत पुलिस दिन-रात 24 घंटे जोधपुर शहर के कोने-कोने पर नजर रखती है.

जोधपुर पुलिस, Jodhpur Abhay Command Control Room
वारदात CCTV में कैद होने के बाद तुरंत पकड़ा गया बदमाश

कहे तो एक कमरे से ही पूरे जोधपुर पर नजर रखी जाती है. कंट्रोल रूम में तैनात पुलिसकर्मी सीसीटीवी की मदद से हर प्रमुख चौराहों पर नजर रखते हैं. अगर उन्हें कैमरे में कोई भी आपराधिक गतिविधि या अन्य कोई भी घटना नजर आती है तो वह इसकी सूचना तुरंत रूप से संबंधित पुलिस थाने को देते हैं. जिससे कि मौके पर जाकर समय रहते पुलिस कार्यवाही कर सके और शांति व्यवस्था बनाई जा सके.

कंट्रोल रूम में 100 से अधिक सिस्टम

जोधपुर के अभय कमांड कंट्रोल रूम में बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई है. जिसमें शहर के प्रमुख चौराहों पर होने वाली हर गतिविधि कंट्रोल रूम से लाइव देखी जाती है. साथ ही पुलिसकर्मी अपनी सुविधा अनुसार टीवी स्क्रीन पर कैमरे की लोकेशन भी चेंज कर सकते हैं. वर्तमान समय में जोधपुर के अभय कमांड कंट्रोल में एलईडी टीवी स्क्रीन के अलावा लगभग 100 से अधिक कंप्यूटर सिस्टम भी लगे हैं.

कंट्रोल रूम को सूचना मिलने पर वीडियो किए जाते हैं रिकॉर्ड

पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन के जरिए जब किसी क्षेत्र में कानून व्यवस्था बिगड़ने या झगड़े होने की सूचना मिलती है तो कंट्रोल रूम में बैठे हुए पुलिसकर्मी टीवी स्क्रीन पर उस लोकेशन के कैमरे को चालू चाल कर लेते हैं. फिर वहां होने वाली हर घटना को रिकॉर्ड किया जाता है. जिससे की पुलिस को कार्यवाही में आसानी हो सके.

यह भी पढ़ें. Special : नासमझी बढ़ा रही खतरा...थूकना मना है, लेकिन फोकस सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पर

वहीं मौके पर हो रहे घटनाक्रम को पुलिस कंट्रोल रूम लाइव देता है. अगर उस जगह पर पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता भेजने की जरूरत होती है तो कंट्रोल रूम स्वत ही उस इलाके में अतिरिक्त जाब्ता भी भेजता है.

क्राइम सीन देखने और वारदात के खुलासे में मिलती है मदद

सीसीटीवी से पुलिसकर्मियों को अपराध पर नियंत्रण रखने में सहायता मिलती है. चोरी इत्यादि की वारदात होने के बाद उस क्षेत्र के वीडियो फुटेज देखे जाते हैं, जिससे कि पता लग जाता है कि बाइक चोरी, बैग लिफ्टिंग की घटना करने वाले आरोपी कौन हैं और किस गाड़ी का उपयोग किया गया है. जिससे अपराधियों को ट्रेस करने में मदद मिलती हैं. साथ ही आरोपियों द्वारा आपराधिक घटना करने के बाद वे जिन इलाकों में जाते हैं, उन इलाकों के कैमरों को लाइन टू लाइन कनेक्ट कर पुलिस को वारदातें खोलने में भी आसानी होती है.

यह भी पढ़ें. Report: कोटा में 148 मिलावटखोरों के खिलाफ बीते 3 साल से पेंडिंग कार्रवाई

ऐसे ही एक बैग लिफ्टिंग के केस में एक युवक ने राह चलते बुजुर्ग व्यक्ति के हाथ से बैग छीनने का प्रयास किया लेकिन उस दौरान बुजुर्ग व्यक्ति नीचे गिर गया, उसके बाद अभय कमांड कंट्रोल ने कैमरे की मदद से बैग लिफ्टिंग करने वाले आरोपी की शिनाख्त की और उसे सलाखों के पीछे पहुंचाया.

सीसीटीवी से पुलिस का काम हुआ आसान

शहर में लगे कैमरे से थानों में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों का कुछ काम आसान हो गया है. किसी भी थाना क्षेत्र में होने वाली चोरी, चैन स्नैचिंग, बैग लिफ्टिंग जैसी घटनाओं को खोलने अपराधियों की शिनाख्त करने और अपराध करने आए अपराधियों के गाड़ी नंबर पता करने में सीसीटीवी कैमरे काफी सफल साबित हो रहे हैं. शहर के अलग-अलग पुलिस थानों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं. जिनके खुलासे अभय कमांड कंट्रोल रूम की मदद से किये गए है.

पुलिसकर्मियों पर भी रहती है कंट्रोल रूम की नजर

पुलिस कंट्रोल रूम शहर में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों सहित शहर के अलग-अलग इलाकों में गश्त कर रही पुलिस की गाड़ियों पर भी इन कैमरों की मदद से पैनी नजर रखता है. भीड़भाड़ वाले इलाकों में अगर पुलिसकर्मी नहीं दिखाई देते तो कंट्रोल रूम तुरंत वायरलेस सेट पर मैसेज कर उन्हें मौके पर जाने का निर्देश देता है.

गौरतलब है कि जोधपुर शहर में बढ़ रहे अपराधों के ग्राफ के बीच अब पुलिस कंट्रोल रूम की मदद से पुलिस अपराधियों पर पैनी नजर रख रही है. साथ ही जोधपुर पुलिस कमिश्नर जोस मोहन के निर्देशन पर आने वाले कुछ दिनों में शहर में 200 कैमरे और लगाए जाएंगे.

देखा जाए तो जोधपुर शहर को पूर्ण रूप से सीसीटीवी लेस करना, कहीं ना कहीं शहर के लिए फायदेमंद साबित होगा क्योंकि अपराधी एक बार पुलिस से तो बच जाएगा लेकिन जोधपुर शहर में लगी इस तीसरी आंख से वो नहीं बच पाएगा.

Last Updated : Aug 19, 2020, 9:44 PM IST
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