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पीपाड-खिंवसर स्टेट हाईवे को लेकर दायर याचिकाएं निस्तारित

जोधपुर-पीपाड-खिंवसर स्टेट हाईवे 86 सी में गांव गजसिंह पुरा, लालवास, मांगेरिया व कांकरिया के पास से गैर मुमकिन आगोर व गैर मुमकिन नाडी की जमीन से होकर निर्माण के मामले को सुनवाई करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने निस्तारित कर दिया है.

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स्टेट हाईवे पीपाड खिंवसर मामला निस्तारित
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Published : Apr 7, 2021, 10:16 PM IST

जोधपुर. पीपाड-खिंवसर स्टेट हाईवे 86 सी में गांव गजसिंह पुरा, लालवास, मांगेरिया व कांकरिया के पास से गैर मुमकिन आगोर व गैर मुमकिन नाडी की जमीन से होकर निर्माण करने के मामले में दायर याचिकाओं को सुनवाई के बाद राजस्थान उच्च न्यायालय ने निस्तारित कर दिया है.

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने दायर अलग याचिका पर एक साथ सुनवाई करते हुए कहा कि पिछली सुनवाई पर निरंजन सिंह प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीपीपी-पीआईयू-जोधपुर, सार्वजनिक निर्माण विभाग ने आवश्वस्त किया था कि नाडी का पानी नही रुकेगा. याचिकाओं में कहा गया था कि गैर मुमकिन आगोर व नाडी की जमीन व पानी के रास्ते पर यदि हाईवे का निर्माण होगा तो नाडी में पानी नही आयेगा.

पढ़ें: कोविड के दौरान किया काम, प्रोत्साहन राशि नहीं देने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि जहां-जहां नाडी के पानी का फ्लो है वहां पर अंडर पास व नाले बनाये जा रहे हैं ताकि पानी का फ्लो नहीं रुके और पानी नाडी में आता रहेगा. प्रोजेक्ट डायरेक्टर के आश्वासन के बाद सभी याचिकाओं को निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ताओं को भी निर्देश दिये हैं कि यदि इसके बाद भी कोई मामला बचता है तो सक्षम अथॉरिटी के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकते हैं. सरकार की ओर से एएजी करणसिंह राजपुरोहित उनके सहयोगी रजत अरोडा,वरिष्ठ अधिवक्ता जीआर पूनिया ने पक्ष रखा, वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से डॉ सचिन आचार्य, मुक्तेश माहेश्वरी, दिनेश कुमार गोदारा, आईदान चौधरी ने पक्ष रखा.

जोधपुर. पीपाड-खिंवसर स्टेट हाईवे 86 सी में गांव गजसिंह पुरा, लालवास, मांगेरिया व कांकरिया के पास से गैर मुमकिन आगोर व गैर मुमकिन नाडी की जमीन से होकर निर्माण करने के मामले में दायर याचिकाओं को सुनवाई के बाद राजस्थान उच्च न्यायालय ने निस्तारित कर दिया है.

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने दायर अलग याचिका पर एक साथ सुनवाई करते हुए कहा कि पिछली सुनवाई पर निरंजन सिंह प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीपीपी-पीआईयू-जोधपुर, सार्वजनिक निर्माण विभाग ने आवश्वस्त किया था कि नाडी का पानी नही रुकेगा. याचिकाओं में कहा गया था कि गैर मुमकिन आगोर व नाडी की जमीन व पानी के रास्ते पर यदि हाईवे का निर्माण होगा तो नाडी में पानी नही आयेगा.

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प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि जहां-जहां नाडी के पानी का फ्लो है वहां पर अंडर पास व नाले बनाये जा रहे हैं ताकि पानी का फ्लो नहीं रुके और पानी नाडी में आता रहेगा. प्रोजेक्ट डायरेक्टर के आश्वासन के बाद सभी याचिकाओं को निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ताओं को भी निर्देश दिये हैं कि यदि इसके बाद भी कोई मामला बचता है तो सक्षम अथॉरिटी के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकते हैं. सरकार की ओर से एएजी करणसिंह राजपुरोहित उनके सहयोगी रजत अरोडा,वरिष्ठ अधिवक्ता जीआर पूनिया ने पक्ष रखा, वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से डॉ सचिन आचार्य, मुक्तेश माहेश्वरी, दिनेश कुमार गोदारा, आईदान चौधरी ने पक्ष रखा.

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