जोधपुर. कोरोना काल में जहां एक ओर लोग एक दूसरे की मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर जोधपुर में सोमवार शाम को एक शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई. जब एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार होने वाला था, तो कुछ लोगों ने अंतिम संस्कार यह कहकर रुकवा दिया कि रहवासी बस्ती के बीच स्थित मोक्षधाम में संस्कार हुआ तो उसके धुएं से कोरोना वायरस हमारे घर-घर में फैल जाएंगे. समझाने के बावजूद लोग नहीं माने तो आखिरकार थक हार कर मृतक के परिजन अपने सदस्य का शव 10 किलोमीटर दूर नागौरी गेट स्थित कागा श्मशान ले गए, जहां अंतिम संस्कार किया गया.
दरअसल शहर के नयापुरा निवासी 45 साल के तिलोकचंद सोनी को बीमार होने पर एमडीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां तीन-चार दिन उपचार के बाद सोमवार को उनकी मौत हो गई. कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार शव को समीप लालसागर स्थित फतेह नाडी स्थित सार्वजनिक स्वर्गाश्रम लाया गया. इस श्मशान में अलग-अलग समाज के लोगों के लिए जगह चिन्हित है. त्रिलोक सोनी का शव का अंतिम संस्कार स्वर्णकार समाज के लिए चिन्हित जगह पर करने की पूरी तैयारी कर ली गई. एंबुलेंस शव लेकर पहुंच गई, लेकिन शव उतारने से पहले ही वहां एक समाज के कुछ लोग आए और बोले मृतक कोरोना पॉजिटिव था तो अंतिम संस्कार यहां मत करो. हमारे घर श्मशान के आसपास ही हैं. अंतिम संस्कार के धुएं से कोरोना वायरस फैल जाएगा.
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मृतक परिवार ने काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने. मृतक के भाई मूल चंद सोनी ने बताया कि काफी देर तक समझाने का प्रयास किया गया. लेकिन वे लोग नहीं माने. अंतिम संस्कार के समय किसी तरह का विवाद नहीं चाहते थे. ऐसे में फिर हम नागोरी गेट स्थित कागा में स्वर्णकार समाज के स्वर्गाश्रम में अंतिम संस्कार किया गया.
गौरतलब है कि जोधपुर में सभी श्मशानों में जातिगत व्यवस्थाएं बनाई गई हैं. फतेह नाडी के साग्निक स्वर्ग आश्रम में भी अलग-अलग समाज के अंतिम संस्कार स्थल हैं, लेकिन इसके बावजूद कुछ लोगों की हठधर्मिता के चलते परिजनों को परेशानी उठानी पड़ी.