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बीकानेर: शहर के आसपास गोचर भूमि और ग्रीन बेल्ट का भू परिवर्तन नहीं करने के लिए लोगों ने जताई आपत्ति

बीकानेर शहर के आसपास सुरक्षित गोचर भूमि, ग्रीन बेल्ट को रेल बाईपास के लिए भू परिवर्तन करने और इसे अवाप्त करने के विरोध में लोगों ने आपत्ति दर्ज करवाई है. रेल बाईपास के लिए भूमि अवाप्ति किए जाने के विरोध में शुक्रवार को प्रेसवार्ता के जरिए बीकानेर गौशाला संघ ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है.

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गोचर भूमि को लेकर लोगों ने जताई आपत्ति
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Published : Oct 16, 2020, 5:04 PM IST

बीकानेर. शहर के आसपास सुरक्षित गोचर भूमि, ग्रीन बेल्ट को रेल बाईपास के लिए भू परिवर्तन करने और इसे अवाप्त करने के विरोध मे लोगों ने आपत्ति दर्ज करवाई है. रेल बाईपास के लिए भूमि अवाप्ति किए जाने के विरोध में प्रेसवार्ता के जरिए बीकानेर गौशाला संघ ने नाराजगी व्यक्त की.

नगर नियोजन विभाग के द्वारा बीकानेर में मास्टर प्लान 2023 में भू उपयोग परिवर्तन पर आपत्तियां आमंत्रित की गई. इसके आधार पर भू परिवर्तन में सरह नाथानिया, सुजानदेसर, भीनासर और इससे संबंधित गंगाशहर, किमसीदेसर और करमीसर आदि की गोचर भूमियों के बड़े भू-भाग को सम्मिलित किया गया है, जो कि बीकानेरवासियों की आस्था का केन्द्र है. यह भूमि गायों के चारागाह के लिए है. इसका उपयोग करना सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी उल्लंघन करना है. सरकार के इस फैसले का सुजानदेसर गोचर विकास समिति द्वारा विरोध किया गया था. वहीं, समिति के लोगों ने गोचर भूमि को बचाने के लिए आवाज भी उठाई है.

यह भी पढ़ें: जोधपुर में कांग्रेस के बोर्ड बनेंगे, युवाओं को मिलेगी तरजीह : उप मुख्य सचेतक

वहीं, उन्होंने बताया कि सरकार गोचर भूमियों को शहरी क्षेत्र में लेकर इस पूरे भाग को एक्वायर करना चाहती है. इसका हम कड़े शब्दो में निंदा करते हैं. वहीं अगर इस निर्णय को वापस नहीं लिया गया तो आगे आने वाले समय में आंदोलन को तेज किया जाएगा.

बीकानेर. शहर के आसपास सुरक्षित गोचर भूमि, ग्रीन बेल्ट को रेल बाईपास के लिए भू परिवर्तन करने और इसे अवाप्त करने के विरोध मे लोगों ने आपत्ति दर्ज करवाई है. रेल बाईपास के लिए भूमि अवाप्ति किए जाने के विरोध में प्रेसवार्ता के जरिए बीकानेर गौशाला संघ ने नाराजगी व्यक्त की.

नगर नियोजन विभाग के द्वारा बीकानेर में मास्टर प्लान 2023 में भू उपयोग परिवर्तन पर आपत्तियां आमंत्रित की गई. इसके आधार पर भू परिवर्तन में सरह नाथानिया, सुजानदेसर, भीनासर और इससे संबंधित गंगाशहर, किमसीदेसर और करमीसर आदि की गोचर भूमियों के बड़े भू-भाग को सम्मिलित किया गया है, जो कि बीकानेरवासियों की आस्था का केन्द्र है. यह भूमि गायों के चारागाह के लिए है. इसका उपयोग करना सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी उल्लंघन करना है. सरकार के इस फैसले का सुजानदेसर गोचर विकास समिति द्वारा विरोध किया गया था. वहीं, समिति के लोगों ने गोचर भूमि को बचाने के लिए आवाज भी उठाई है.

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वहीं, उन्होंने बताया कि सरकार गोचर भूमियों को शहरी क्षेत्र में लेकर इस पूरे भाग को एक्वायर करना चाहती है. इसका हम कड़े शब्दो में निंदा करते हैं. वहीं अगर इस निर्णय को वापस नहीं लिया गया तो आगे आने वाले समय में आंदोलन को तेज किया जाएगा.

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