जोधपुर. कृषि उपज मंडी मंडोर के चैयरमेन के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में महज 9 वोट आए हैं. वहीं विरोध में 6 वोट आए हैं. राजस्थान उच्च न्यायालय में सोमवार को न्यायाधीश अरुण भंसाली की अदालत में मंडी चैयरमेन जगराम विश्नोई की ओर से पेश याचिका पर सुनवाई के दौरान निर्वाचन अधिकारी द्वारा सीलबंद लिफाफे में परिणाम पेश किया गया था. जिसे न्यायालय में खोला गया तो जगराम के विरुद्ध पेश अविश्वास प्रस्ताव में केवल 9 वोट ही थे, जबकि अविश्वास के लिए 10 होना था. अब याचिका पर अगली सुनवाई अप्रैल माह में होगी.
गौरतलब है कि जगराम ने अविश्वास प्रस्ताव में केवल 15 मिनट ही निर्धारित किए जाने पर राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. याचिकाकर्ता जगराम विश्नोई ने अधिवक्ता संजीत पुरोहित के जरिए याचिका पेश कर बताया कि 30 मार्च 2021 को एक नोटिस जारी करते हुए 9 अप्रैल 2021 को चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समय निर्धारित किया गया, लेकिन 11 बजे से केवल 15 मिनट तक यानी सवा ग्यारह बजे तक निर्धारित किया गया जो कि कम है. इसको लेकर सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रतिवेदन भी पेश किया गया, लेकिन उसका निर्धारण नहीं होने पर याचिका दायर की गई.
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सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित, वहीं अन्य पक्षकार की ओर से विकास बालिया, वरिष्ठ अधिवक्ता जीआर पूनिया ने पक्ष रखा. सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश दिनेश मेहता ने निर्देश दिए थे कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए चर्चा या बैठक के लिए निर्धारित समय एक घंटे यानी 11 से 12 बजे तक होगा. उसके बाद मतदान होगा.
वही मतदान गुप्त मतपत्रों द्वारा आयोजित किया जाएगा. ना कि केवल हाथ उठाकर वहीं चुनाव अधिकारी पूरी वीडियोग्राफी करवाएं और मतपत्रों की गोपनीयता बनाए रखते हुए चुनाव अधिकारी मतपत्रों की गणना करेगा, लेकिन परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा. परिणाम अदालत के समक्ष सीलबंद लिफाफे के जरिए पेश किया जाएगा. सोमवार को सुनवाई के दौरान परिणाम बंद लिफाफे में पेश कर दिया गया.