जोधपुर. कोरोना काल में नर्सिंग कर्मचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है. सरकार लगातार दावा करती रही है कि चिकित्सा कर्मियों को सभी तरह का सहयोग दिया जा रहा है, लेकिन उसके उलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर में शुक्रवार को एक तस्वीर नजर आई. जिसमें बड़ी संख्या में संविदा पर कार्य नर्सिंग कर्मियों ने डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज परिसर में एकत्र होकर प्रदर्शन किया.
नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि उन्हें 3 माह से वेतन नहीं मिला है. इसके अलावा उन्हें नियमित नर्सेज के रूप में चयन के बाद नियुक्ति मिल गई है, लेकिन उन्हें यहां से रिलीव नहीं किया जा रहा है. ऐसे में काफी परेशान हैं. खासतौर से कोरोना के चलते वे लंबे समय से अपने घर नहीं जा पा रहे हैं और बिना वेतन प्रतिदिन की आवश्यकताएं पूरी करना उनके बस में नहीं है.
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नर्सेज नेता पीयूष ज्ञानी की अगुवाई में नर्सिंग कर्मियों ने जोरदार नारेबाजी कर अपना विरोध जताया. पीयूष ज्ञानी ने बताया कि हमारी सरकार से मांग है कि वे इन कोरोना योद्धाओं की सहायता करें. इनका वेतन जारी करें और उन्हें नियमित पदस्थापन के लिए यहां से रिलीव करें, जिससे कि वे अपनी नौकरी ज्वॉइन कर सकें. इधर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने काफी देर तक इनसे मिलने से इनकार कर दिया.
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कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बीएल मीणा ने नर्सेज के एक साथ इस तरह से एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन करने पर आपत्ति जताई. उनका कहना था कि कोरोना काल में नर्सिंग कर्मियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. ऐसे में उन्हें इस तरह का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए. वहीं बात उनके वेतन की तो वे सरकार को इसके लिए कह चुके हैं. जब भी वेतन आएगा, हम उपलब्ध करवा देंगे. इसके अलावा नियमित नियुक्ति के लिए रिलीव करने की प्रक्रिया भी सरकार के निर्देश पर ही पूर्ण की जाएगी. काफी देर प्रदर्शन के बाद नर्सिंग कर्मियों ने कॉलेज प्राचार्य से मिलकर अपनी समस्याओं का ज्ञापन दिया.