जोधपुर. 26 मई को बुद्ध पूर्णिमा पर जोधपुर में डॉ. बीआर अंबेडकर अध्ययन केन्द्र और राजस्थान बौद्ध विरासत एवं संस्कृति संवर्धन प्रतिष्ठान, अंबलिक फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया. इस वेबिनार में जेएनवीयू के कुलपति प्रो. प्रवीण चन्द्र त्रिवेदी कहा कि महात्मा बुद्ध ने वैज्ञानिक सोच और परीक्षण के आधार पर कार्य करने के संदेश दिए हैं. महात्मा बुद्ध ने अप्प दीपो भव: यानी 'अपना प्रकाश स्वयं बनो' के संदेश के जरिये स्वयं को जानने, कर्मकांड और अंधविश्वास के विरुद्ध तर्क और विज्ञान का मार्ग प्रदान किया है. यह मार्ग कोरोना महामारी से लड़ने में एक सशक्त हथियार है.
डॉ. बीआर अंबेडकर अध्ययन केन्द्र-जेएनवीयू के निदेशक डॉ. भरत कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय वेबिनार में प्रसिद्ध बौद्ध चिंतक और मुंबई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दामोदर मोरे, डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सोसायटी के सह आचार्य डॉ. वरुण गुलाटी, महाराजा सूरजमल ब्रज विश्वविद्यालय से डॉ. राजाराम, मदुरै विश्वविद्यालय के डॉ. माई राम ने विचार व्यक्त किए.
राष्ट्रीय वेबिनार में प्रो. दामोदर मोरे ने कहा कि महात्मा बुद्ध ने प्राणी मात्र के दुख को हरने का संदेश दिया है. बुद्ध का संदेश था कि ‘यह वक्त भी बदल जाएगा’ इसलिए बुरे दौर से घबराएं नहीं और अच्छे वक्त पर इतराए नहीं, बल्कि वर्तमान में जीवन जीने का प्रयास किया जाना चाहिए.
वर्तमान ही व्यक्ति की सच्चाई है. इसे बेहतर बनाने के लिए हमें कार्य करना चाहिए. इस परिप्रेक्ष्य में हमें देखना होगा कि कोरोना महामारी का दौर भी बीत जाएगा. दया और करुणा भाव से हमें मनुष्य की मदद करनी चाहिए.
आयुर्वेदिक काढ़े का वितरण
राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के चिकित्सकों की टीम ने डॉक्टर मनीषा गोयल एसोसिएट प्रोफेसर के नेतृत्व में ग्राम पंचायत धींगाणा में कोरोना से बचाव के लिए आयुर्वेदिक काढ़े का वितरण किया. सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के लक्षण वाले मरीजों को आयुर्वेदिक दवाइयां वितरित की गई. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले 155 किट भी बांटे गए.