जोधपुर. आईआईटी जोधपुर के 14वें स्थापना दिवस के मौके पर सोमवार को यहां गंभीर रोग मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का केंद्र (Muscular Dystrophy Center) शुरू किया गया. भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. आशुतोष शर्मा ने इसका वर्चुअल उद्घाटन किया.
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी केंद्र पर डीएमडी (Dusen Muscular Dystrophy) रोग में मूलभूत समस्याओं का समाधान किया जाएगा और भारत में डीएमडी रोगियों के लिए जांच की तकनीक के परीक्षण के साथ-साथ थ्यिूरोपेटिक लीड्स के क्लीनिकल ट्रॉयल कर नई तकनीक विकसित होगी. इस सेंटर पर केंद्र के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (डीएसटी-एसईआरबी), आईआईटी जोधपुर, एम्स जोधपुर और डार्ट बैंगलोर के सहयोग से अनुसंधान कार्य करेगा.
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डॉक्टरों के अनुसार मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक असाध्य रोग है, जिसमें जन्मजात बच्चों के धीरे-धीरे मांसपेशियां कमजोर होती हैं. उम्र बढ़ने के साथ-साथ रोग बढ़ता जाता है. देश में हर वर्ष इस दुर्लभ बीमारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में जोधपुर आईआईटी में कमजोर व क्षीण होती मांसपेशियों के सहारे मरीज को कैसे सशक्त बनाया जा सके, इस पर काम होगा.
स्थापना दिवस के कार्यक्रम में जोधपुर एम्स के निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा, आईआईटी जोधपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. आर. चिदंबरम ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की. इस कार्यक्रम में IIT जोधपुर के संकाय और कर्मचारियों ने भाग लिया. आयोजन के दौरान संस्थान ने अपने शिक्षकों को अनुसंधान और शिक्षण उत्कृष्टता में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया.