जोधपुर. जोधपुर स्थित माचिया बायोलॉजिकल पार्क 41 हेक्टेयर में फैला हुआ है. माचिया बायोलॉजिकल पार्क पश्चिमी राजस्थान का एकमात्र ऐसा पार्क है जहां छोटे जीव जंतुओं के साथ ही बड़े जानवरों को भी रखा जाता है. साथ ही इस पार्क का उपयोग एजुकेशन के लिए भी किया जाता है. खास बात यह है कि अब जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क और कैलिफोर्निया की लिविंग डेजर्ट के बीच एमओयू होने की तैयारी है.
कैलिफोर्निया लिविंग डेजर्ट और माचिया बायोलॉजिकल पार्क के अधिकारियों के बीच आगामी 11 फरवरी को एक महत्वपूर्ण बैठक रखी गई है. इस बैठक में दोनों के बीच एमओयू किया जाएगा. कैलिफोर्निया लिमिटेड की ओर से भारत में सिर्फ 14 बायोलॉजिकल पार्क के साथ एमओयू किया गया है. इसमें से राजस्थान में एकमात्र जोधपुर का माचिया बायोलॉजिकल पार्क शामिल है. आगामी बैठक के बाद जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क के साथ भी कैलिफोर्निया के लिविंग डेजर्ट की ओर से एमओयू किया जाएगा.
11 फरवरी को है बैठक
जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क के सहायक वन संरक्षक केके व्यास ने बताया कि आगामी 11 फरवरी को बैठक रखी गई है जिसमें कैलिफोर्निया लिविंग डेजर्ट और जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क के बीच एमओयू होगा. सहायक वन संरक्षक ने बताया कि द कैलिफोर्निया लिविंग डेजर्ट और माचिया बायोलॉजिकल पार्क दोनों के द्वारा एक दूसरे के साथ टेक्निकल नॉलेज को शेयर किया जाएगा और देखा जाएगा कि कौन सी टेक्निक को कैलिफोर्निया लिविंग डेजर्ट से जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क में लाया जा सकता है. साथ ही अगर किसी प्रकार की कोई कमी भी हुई तो उसे माचिया बायोलॉजिकल पार्क द्वारा पूरा किया जाएगा.
सहायक वन संरक्षक ने बताया कि कैलिफोर्निया के लिविंग डेजर्ट का ग्लोबल स्ट्रक्चर जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क के ग्लोबल स्ट्रक्चर से कितना मिलता है और अगर नहीं मिलता तो इस कमी को पूरा करने के लिए प्रयास किया जाएगा. माचिया बायोलॉजिकल पार्क के सहायक वन संरक्षक ने बताया कि समय के बाद अगर जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क के पास फंडिंग की व्यवस्था सही रही तो उनके द्वारा विदेशों से जीव जंतुओं, जानवरों को भी जोधपुर लाया जाएगा. साथ ही अगर यहां से कुछ जानवरों को कैलिफोर्निया भेजना पड़े तो नियमानुसार उन्हें भेजने की कार्यवाही भी जाएगी.
पर्याप्त जमीन, पानी और जलवायु की समानता के चलते सेलेक्ट हुआ माचिया पार्क
माचिया बायोलॉजिकल पार्क के सहायक वन संरक्षक ने बताया कि कैलिफ़ोर्निया के द लिविंग डेजर्ट द्वारा पूरे राजस्थान में सिर्फ जोधपुर माचिया बायोलॉजिकल पार्क एमओयू के लिए चुना गया है. इसका मुख्य कारण है कि जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क के पास पर्याप्त जमीन है और वर्तमान समय में माचिया बायोलॉजिकल पार्क 41 हेक्टेयर भूमि में बना हुआ है तो वहीं पार्क के पास लगभग 684 हेक्टेयर वन खंड की भूमि भी उपलब्ध है. यहां पानी की पर्याप्त व्यवस्था होने के साथ ही जलवायु भी काफी अनुकूल है जिसके चलते भविष्य में यहां और भी अन्य जीव-जंतुओं को शिफ्ट करने में आसानी होगी.
सहायक वन संरक्षक ने बताया कि जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क का स्टैंडर्ड भी लिविंग स्टैंडर्ड है और यहां पर जीव जंतु सहित जानवर काफी स्वस्थ तरीके से रह रहे हैं. ऐसे में कैलिफोर्निया के द लिविंग डेजर्ट को भी जोधपुर के मार्बल जी कृपा से काफी कुछ जानकारी मिल सकेगी. वहीं मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि कैलिफोर्निया के द लिविंग डेजर्ट और जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क का लेटस्ट्यूट एक समान है. साथ ही दोनों के जलवायु ओर वातावरण में भी काफी समानता है जिसके चलते कैलिफोर्निया के द लिविंग डेजर्ट की ओर से राजस्थान में एकमात्र माचिया बायोलॉजिकल पार्क के साथ एमओयू किया जाएगा.
मुख्य वन संरक्षक तक ने बताया कि जलवायु में समानता होने के कारण यहां के जानवरों को वहां भेजा जा सकता है तो वहीं वहां के जानवरों को भी यहां पर आसानी से रखा जा सकता है. उन्होंने बताया कि जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क का प्रयोग एजुकेशन के लिए भी हो रहा है, जहां विद्यार्थियों को वन्यजीवों के बारे में जानकारी दी जाती है. मुख्य वन संरक्षक का कहना है कि बायोलॉजिकल पार्क बनाने का ध्येय वन्य जीवों को बढ़ाने के साथ उनकी ब्रीडिंग करवाना है. ऐसे में माचिया बायोलॉजिकल पार्क में भविष्य में यह सभी सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी.
कैलिफ़ोर्निया के द लिविंग दे शर्ट और माचिया बायोलॉजिकल पार्क के अधिकारियों के बीच आगामी 11 फरवरी को एक महत्वपूर्ण बैठक होनी है. इस बैठक के बाद दोनों के बीच एमओयू होगा और उसके बाद माचिया बायोलॉजिकल पार्क का आधुनिक स्तर पर विस्तार किया जाएगा.