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एमडीएम मोर्चरी में शव शिनाख्ती में लापरवाही...अंतिम संस्कार की तैयारी के बीच शव को वापस मंगवाया

जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में शव की अदला-बदली का मामला सामने आया (Misidentification of dead body kept in the mortuaryl) है. बाद में पता चलने पर आनन-फानन में शव को दोबारा मोर्चरी लाया और संबंधित परिजनों को सुपुर्द किया गया.

Keep wrong identification of dead body in MHD hospital
मथुरा दास अस्पताल
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Published : Jul 13, 2022, 9:02 PM IST

जोधपुर. संभाग के सबसे बड़े मथुरा दास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में बुधवार को एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई (Misidentification of dead body kept in the mortuary) है. यहां शव की गलत शिनाख्त हो गई. शहर के राईकाबाग निवासी मृतक मानसिंह के परिजन उसकी जगह रामेश्वर लाल का शव मोर्चरी से लेकर आ गए. शव की घर पर अंतिम संस्कार की तैयारी हो गई. अचानक घरवालों को अस्पताल प्रशासन ने सूचना दी कि जिस शव की पहचान कर लाए हैं वह रामेश्वर लाल का शव है. इसके बाद शव को वापस एमडीएम मोर्चरी लाया गया और रामेश्वर लाल के परिजनों को सुपर्द किया गया. अगर थोड़ी देर हो जाती तो अंतिम संस्कार की यात्रा शुरू हो जाती.

दरअसल जोधपुर के उदयमंदिर थानांतर्गत राइका बाग निवासी मानसिंह पुत्र भंवर सिंह की बुधवार को उपचार के दौरान मृत्यु हुई थी. उसका शव मोर्चरी में रखा था. शव लेने पहुंचे परिजनों ने रोहट निवासी रामेश्वरलाल के शव की मानसिंह के रूप शिनाख्त कर दी. साथ ही शव लेकर चले गए.

अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित का बयान

कुछ देर बाद पाली जिले के रोहट निवासी रामेश्वर लाल के परिजन शव लेने पहुंचे तो उन्हें मानसिंह का शव दिखाया गया जिसकी परिजनों ने शिनाख्त नहीं की और विरोध जताया. इसके बाद कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए. अधीक्षक कार्यालय को सूचित किया गया. पता किया तो सामने आया कि कुछ देर पहले मानसिंह का शव लेने आए परिजनो ने गलत शिनाख्त कर रामेश्वरलाल का शव लेकर चले गए थे.

पढ़ें: MDM अस्पताल में ACB कार्रवाई, ऑपरेशन करवाने के एवज में रिश्वत लेते दलाल को किया गिरफ्तार

अस्पताल प्रशासन ने तुरंत मानसिंह के परिजनों से संपर्क किया. जिस एंबुलेंस से शव लेकर गए थे, उसके ड्राइवर से भी संपर्क किया और रामेश्वर लाल के शव को वापस मोर्चरी मंगवाया. अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित ने बताया कि दोनों पक्षों को बैठा कर शव सुपुर्द कर दिए गए. मानसिंह के परिजनो ने शिनाख्ती के समय उनसे हुईं चूक का लिखित माफीनामा भी दिया है. लेकिन पूरे मामले में मोर्चरी के कर्मचारियों की भी लापरवाही रही. उन्होंने परिजन के भरोसे ही शिनाख्तगी छोड़ दी थी. उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई.

18 दिन पहले भी यही हुआः 26 जून को भी जालोर के रहने वाले भैराराम की 21 जून को तबीयत खराब हुई तो उसे मथुरादास माथुर अस्पताल भेजा गया. उस समय अज्ञात के रूप में उसका एडमिशन फॉर्म भरकर उसे भर्ती कर लिया गया. 24 जून को उसकी मृत्यु हो गई. पुलिस ने उसके भाई को 25 जून की शाम तक पता कर सूचित किया. सुबह उसका भाई भूराराम शव लेने मोर्चरी पहुंचा. लेकिन मोर्चरी में शव नहीं था. बाद में पता चला कि उसके शव की एक महिला ने अपने परिजन के रूप में शिनाख्त कर हिंदू सेवा मंडल के मार्फत अंतिम संस्कार करवा दिया. बाद में भूराराम के भाई ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया जिसकी जांच चल रही है.

जोधपुर. संभाग के सबसे बड़े मथुरा दास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में बुधवार को एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई (Misidentification of dead body kept in the mortuary) है. यहां शव की गलत शिनाख्त हो गई. शहर के राईकाबाग निवासी मृतक मानसिंह के परिजन उसकी जगह रामेश्वर लाल का शव मोर्चरी से लेकर आ गए. शव की घर पर अंतिम संस्कार की तैयारी हो गई. अचानक घरवालों को अस्पताल प्रशासन ने सूचना दी कि जिस शव की पहचान कर लाए हैं वह रामेश्वर लाल का शव है. इसके बाद शव को वापस एमडीएम मोर्चरी लाया गया और रामेश्वर लाल के परिजनों को सुपर्द किया गया. अगर थोड़ी देर हो जाती तो अंतिम संस्कार की यात्रा शुरू हो जाती.

दरअसल जोधपुर के उदयमंदिर थानांतर्गत राइका बाग निवासी मानसिंह पुत्र भंवर सिंह की बुधवार को उपचार के दौरान मृत्यु हुई थी. उसका शव मोर्चरी में रखा था. शव लेने पहुंचे परिजनों ने रोहट निवासी रामेश्वरलाल के शव की मानसिंह के रूप शिनाख्त कर दी. साथ ही शव लेकर चले गए.

अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित का बयान

कुछ देर बाद पाली जिले के रोहट निवासी रामेश्वर लाल के परिजन शव लेने पहुंचे तो उन्हें मानसिंह का शव दिखाया गया जिसकी परिजनों ने शिनाख्त नहीं की और विरोध जताया. इसके बाद कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए. अधीक्षक कार्यालय को सूचित किया गया. पता किया तो सामने आया कि कुछ देर पहले मानसिंह का शव लेने आए परिजनो ने गलत शिनाख्त कर रामेश्वरलाल का शव लेकर चले गए थे.

पढ़ें: MDM अस्पताल में ACB कार्रवाई, ऑपरेशन करवाने के एवज में रिश्वत लेते दलाल को किया गिरफ्तार

अस्पताल प्रशासन ने तुरंत मानसिंह के परिजनों से संपर्क किया. जिस एंबुलेंस से शव लेकर गए थे, उसके ड्राइवर से भी संपर्क किया और रामेश्वर लाल के शव को वापस मोर्चरी मंगवाया. अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित ने बताया कि दोनों पक्षों को बैठा कर शव सुपुर्द कर दिए गए. मानसिंह के परिजनो ने शिनाख्ती के समय उनसे हुईं चूक का लिखित माफीनामा भी दिया है. लेकिन पूरे मामले में मोर्चरी के कर्मचारियों की भी लापरवाही रही. उन्होंने परिजन के भरोसे ही शिनाख्तगी छोड़ दी थी. उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई.

18 दिन पहले भी यही हुआः 26 जून को भी जालोर के रहने वाले भैराराम की 21 जून को तबीयत खराब हुई तो उसे मथुरादास माथुर अस्पताल भेजा गया. उस समय अज्ञात के रूप में उसका एडमिशन फॉर्म भरकर उसे भर्ती कर लिया गया. 24 जून को उसकी मृत्यु हो गई. पुलिस ने उसके भाई को 25 जून की शाम तक पता कर सूचित किया. सुबह उसका भाई भूराराम शव लेने मोर्चरी पहुंचा. लेकिन मोर्चरी में शव नहीं था. बाद में पता चला कि उसके शव की एक महिला ने अपने परिजन के रूप में शिनाख्त कर हिंदू सेवा मंडल के मार्फत अंतिम संस्कार करवा दिया. बाद में भूराराम के भाई ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया जिसकी जांच चल रही है.

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