लूणी (जोधपुर). 21वीं सदी में विज्ञान और स्वास्थ्य विभाग हर गंभीर से गंभीर बीमारी दूर करने के लिए तैयार है, लेकिन फिर भी अंधविश्वास और झूठे चमत्कार का मकड़जाल लगातार पनपता ही जा रहा है. ऐसे ही लूणी के कुड़ी हाउसिंग बोर्ड स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में लगा नीम का पेड़ पिछले चार-पांच दिनों से कौतूहल का विषय बना हुआ है.
अंधविश्वास और चमत्कार को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर कई दावे किए जा रहे हैं. लोग अपने जीवन में या अपनी बीमारी में सुधार के चमत्कार की संभावनाओं में चक्कर काटते नजर आते देखे जाते हैं. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक नीम का पेड़ दिखाई देता है. उस पर एक शाख से प्रेशर के साथ सफेद रंग का झाग युक्त पानी निकलता नजर आ रहा है. इस पानी को क्षेत्र के लोग चमत्कार मान रहे हैं. क्योंकि यह पेड़ एक महादेव मंदिर के बाहर है. आसपास के क्षेत्र वाले लोग इस पेड़ के आसपास इकट्ठा हो रहे हैं और से निकलने वाले पानी को अपनी बोतल में डाल रहे हैं.
इस वीडियो के जरिए यह भी दावा किया जा रहा है कि इस नीम के पेड़ से निकलने वाले सफेद दृव्य को पीने से गंभीर बीमारी ठीक हो रही है. जैसे डायबिटीज, लकवा सहित अन्य प्रकार की बीमारियां इस पानी को पीने से ठीक होती हैं. एक दिन में करीब एक से डेढ़ लीटर सफेद द्रव्य निकलता है. वैसे देशभर में सोशल मीडिया के जरिए इस तरह के चमत्कारी वीडियो वायरल होने के बाद बीमार व्यक्ति उस जगह पहुंचता है और कोई मिट्टी को अपने शरीर पर लगाता है तो कोई वहां का पानी पीकर ही यह सोचता है कि मैं अब ठीक हो गया हूं, लेकिन ऐसा होता नहीं है.
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वहीं इसको लेकर केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक अर्चना वर्मा ने बताया कि पेड़ों से इन्फेक्शन फंगल होने के चलते सफेद द्रव्य निकलता है. इसको पीने से आपके ठीक होने की संभावना तो नहीं उल्टा आपके बॉडी में रिएक्शन हो सकता है. इसलिए इसका सेवन नहीं करें. इस पेड़ को लेकर काजरी ने पेड़ के इंफेक्शन को जांचने के लिए दौरे की तैयारियां कर ली हैं. जल्दी इस पेड़ में हो रहे इन्फेक्शन को सही किया जाएगा. वैसे इंफेक्शन पौधों में बहुत कम होता है. इसी के चलते लोगों में एक चमत्कार जैसी भावनाएं जाग जाती हैं.