जोधपुर. प्रदेश के आयुर्वेद एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने शुक्रवार को जोधपुर में (Subhash garg in jodhpur) जनसुनवाई के दौरान अधिकारियों को तल्ख व तीखे तेवर दिखाए. मंत्री ने उनकी जनसुनुवाई में नहीं आने वाले श्रम विभाग के संयुक्त निदेशक को 17 सीसी की चार्जशीट देने के निर्देश कलेक्टर को दिए. साथ ही इस बात को लेकर सख्त नाराजगी जताई (Subhash Garg on AEN JEN) कि फील्ड के एईएन जेईएन जनप्रतिनिधियों के फोन नहीं उठाते हैं. उच्च अधिकारियों के साथ-साथ उन्होंने कलेक्टर से कहा कि एमएलए या जिलाध्यक्ष के फोन नहीं उठाने की शिकायत होने पर उन्हें चार्जशीट दी जाए.
प्रभारी मंत्री जोधपुर शहर के दोनों जिलाध्यक्ष को भी अपने साथ लेकर बैठे. उन्होंने बैठक में अधिकारियेां को खरी खोटी (Subhash Garg lambasted Officers) सुनाई. इतना ही नहीं बिजली और पानी के महकमे के अधिकारियों की जमकर क्लास ली. उनसे कहा कि पानी बिजली का संकट है सभी को पता है लेकिन आपके अधिनस्थ अगर फील्ड में नहीं जाएंगे जनता की बात नहीं सुनेंगे तो कैसे काम चलेगा? सभी को इसके लिए पाबंद करें. बैठक में कई लोगों की शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण भी किया गया. हालांकि इस दौरान जब प्रभारी मंत्री की सभागार में मीडिया के लोगों पर नजर पड़ी तो उन्हें बाहर जाने को कहा. जिससे अंदर की बातें अंदर ही रह सकें. बंद कमरे में हुई इस जनसुनवाई के साथ ही प्रभारी मंत्री ने जिला अधिकारियों की बैठक भी ली जिसमें खासतौर से बिजली पानी के अलावा कोरोना को लेकर सजग रहने के निर्देश दिए गए हैं.
अपराध तो होंगे, लेकिन रुकने भी चाहिए : प्रभारी मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने बताया कि बैठक में अन्य मामलों के साथ साथ पुलिस के इश्यूज भी सामने आए. उन्होंने कहा कि अपराध तो होंगे, लेकिन अपराध को रोकना पुलिस का काम है. इसे देखना आवश्यक है. इसके अलावा अपराधी नहीं बचना चाहिए. उसे पकड़ा जाए और कानून सम्मत सजा दिलवाना पुलिस का काम है. उन्होंने शहर में बढ़ रही चोरी के मामलों पर नाराजगी जाहिर भी की. साथ ही अतिक्रमण को लेकर संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए.
सब एनवक्त पर भागते हो: प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जब आपको पता था कि क्लोजर होना है तो उस हिसाब से व्यवस्थाएं करनी चाहिए थी. अब जनता परेशान हो प्रदर्शन कर रही है. सीएम स्तर से भी निर्देश आ रहे हैं. जहां पर पानी सौ लीटर जाता था उसे पचास लीटर देते तो उससे वो संतुष्ट तो रहता.ये सब काम पहले ही होने चाहिए थे जिससे जनता को परेशान नहीं होना पड़ता, इसी तरह से बिजली अधिकारियों से कहा कि फाल्ट निकालने का काम पूरी तरह से ठेके के भरोसे हैं. एईएन व जेईएन कुछ नहीं कर रहे हैं. जनता की बात तक नहीं सुन रहे हैं. बिलाडा में भी मेरे पास कोई शिकायतें आई है. सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के अधिकारी को खडा कर सबसे ज्यादा शिकायतें इस विभाग की आ रही हैं.
दरअसल, सुभाष गर्ग का एईएन और जेईएन को लेकर दिया बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल ही में बारी में कांग्रेस विधायक गिर्राज मंलिंगा पर आरोप लगा था कि उन्होंने अभियंताओं के साथ दुर्व्यवहार किया था और इसे लेकर काफी प्रदर्शन भी किया गया था.