भरतपुर: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में बर्ड इन्फ्लूएंजा से पेंटेड स्टार्क पक्षी की मौत का मामला सामने आया है. बीते दिनों उद्यान में दर्जनों की संख्या में पेंटेड स्टार्क पक्षी मृत पाए गए हैं. भोपाल की लैब से आई जांच रिपोर्ट में बर्ड इन्फ्लूएंजा की पुष्टि हुई है, जिसमें से दो में से एक सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. पशुपालन विभाग ने इस घटना के मद्देनजर संभाग के सभी जिलों में एलर्ट घोषित किया है. खासतौर पर भरतपुर और डीग जिलों की 12 रैपिड रिस्पॉन्स टीमों को अलर्ट कर दिया गया है. यह कदम इस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए उठाया गया है, ताकि और पक्षियों के बीच संक्रमण न फैले.
पेंटेड स्टार्क की मौत का आंकड़ा बढ़ा : उद्यान के निदेशक मानस सिंह ने बताया कि घना क्षेत्र में अब तक करीब एक दर्जन पेंटेड स्टार्क पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिनमें से अधिकांश बच्चे हैं. हालांकि, स्थानीय सूत्रों के अनुसार दर्जनों पक्षियों की मौत हो चुकी है. उद्यान प्रशासन ने सुरक्षा उपायों के तहत, उन स्थानों पर पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी है, जहां पक्षियों की मौत हुई है. निदेशक मानस ने बताया कि किचन में बर्ड फ्लू से मौत के बाद से ही उद्यान में सावधानी बरती जा रही है.
सैंपल्स की जांच और स्थिति : उद्यान से अलग-अलग करीब सौ सैंपल भोपाल भेजे गए थे. मॉर्गेज सैंपल की रिपोर्ट भी अब तक प्राप्त नहीं हुई है. पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक खुशीराम मीणा ने इस बात की पुष्टि की है कि भोपाल से जांच की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है, जिनमें से एक सैंपल पॉजिटिव पाया गया है, जिसमें बर्ड इन्फ्लूएंजा की पुष्टि हुई है.
संभाग में एलर्ट : पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक खुशीराम मीणा ने बताया कि संभाग के छह जिलों में बर्ड फ्लू को लेकर एलर्ट जारी कर दिया गया है. विभाग ने निर्देश दिए हैं कि यदि कहीं भी कोई पक्षी मृत पाया जाता है तो इसकी तुरंत सूचना संबंधित अधिकारियों को दी जाए, ताकि समय पर उचित कदम उठाए जा सकें और संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके.
गौरतलब है कि इस साल घना क्षेत्र में पेंटेड स्टार्क की संख्या काफी बढ़ी है. लगभग 3000 से अधिक पेंटेड स्टार्क ने घना में नेस्टिंग की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना अधिक है. यह संख्या क्षेत्र के लिए एक रिकॉर्ड है और इस कारण इस घटना को लेकर अधिक चिंता जताई जा रही है.