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जोधपुर: सरपंच और ग्राम सचिव ने फर्जी तरीके से उठाया नरेगा का भुगतान, 9 साल बाद मामला दर्ज - fraud in mgnrega

जोधपुर जिले की पीपाड़ पंचायत समिति की खांगटा ग्राम पंचायत की एक ढाणी में सितंबर 2012 में पाइप लाइन बिछाने का काम नरेगा के तहत किया गया था. तत्कालीन सरपंच व ग्राम सचिव ने नरेगा में फर्जी तरीके से एक छात्र का नाम मस्टरोल मजदूर के रूप दर्ज कराकर भुगतान उठा लिया. जबकि छात्र कक्षा 12वीं में पढ़ाई कर रहा था. प्रकरण के 9 साल बाद मामला दर्ज किया गया है.

जोधपुर न्यूज, jodhpur news
जोधपुर पुलिस थाना पीपाड़
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Published : Oct 11, 2021, 12:25 PM IST

जोधपुर. एक नाबालिग छात्र को नरेगा का मजदूर बताकर फर्जी तरीके से भुगतान उठाने के मामले में 9 साल बाद तत्कालीन सरपंच व ग्राम सचिव पर पुलिस थाना पीपाड़ में गबन का प्रकरण दर्ज किया गया है. सरपंच और ग्राम सचिव की मात्र 1740 रुपए के लिए नियत बिगड़ गई. मामला जिले की पीपाड़ पंचायत समिति की खांगटा ग्राम पंचायत से जुड़ा है. प्रकरण के अनुसार सितंबर, 2012 में ग्राम पंचायत की ढाणी में पाइप लाइन बिछाने का काम नरेगा के तहत किया गया था. इस कार्य में जिन मजूदरों ने काम किया उसमें सुरेंद्र सैन पुत्र धन्नाराम सेन का भी नाम था. रामनारायण चौधरी नाम के एक व्यक्ति ने जुलाई में ​पंचायत विभाग को शिकायत दर्ज करवाई ​थी कि सुरेंद्र सैन का नाम मस्टरोल में डाला गया जबकि वह कक्षा 12वीं में पढ़ाई कर रहा था.

पढ़ें- किसानों के लिए आगे आए हनुमान बेनीवाल, केंद्रीय उर्वरक मंत्री और प्रदेश के कृषि मंत्री से डीएपी उपलब्ध कराने की मांग

शिकायत के बाद विकास अधिकारी प्यारेलाल की अगुवाई में तीन सदस्य कमेटी का गठन किया गया. कमेटी ने प्रकरण की जांच शुरू की. गांव की उच्च माध्यमिक स्कूल से रिकाॅर्ड निकलवाए गए. जिसमें सामने आया कि सुरेंद्र सैन पुत्र धन्नाराम सैन को 16 से 30 सितंबर 2012 के पखवाड़े में 12 दिन तक उसका नाम मस्टरोल मजदूर के रूप में दर्ज बताया गया. जबकि इस दौरान उसकी उपस्थिति स्कूल में दर्ज थी. इसके अलावा यह भी सामने आया कि सुरेंद्र की उम्र उस समय 18 वर्ष से कम थी.

12 दिन के काम के लिए 1740 रुपए का किया था भुगतान

जांच में सामने आया कि पीवीसी पाइप लाइन बिछाने के काम में प्रतिदिन 145 रुपए का भुगतान किया गया. सुरेंद्र को 12 दिन के काम के लिए 1740 रुपए का भुगतान किया गया. इसके वाउचर भी बनाए गए. जिस पर सुरेंद्र के फर्जी हस्ताक्षर कर राशि उठाई गई. इस प्रकरण में नाबालिग से काम करवाने एंव गबन के आरोप में तत्कालीन सरंपच कैली देवी व ग्राम सचिव रामप्रकाश प्रजापत के विरुद्ध मामला पीपाड़ थाने में दर्ज हुआ है.

शिकायत दर्ज होने पर की गई मामले की जांच

सितंबर 2012 में ग्राम पंचायत की ढाणी में पाइप लाइन बिछाने का काम नरेगा के तहत किया गया. इस कार्य में जिन मजूदरों ने काम किया उसमें सुरेंद्र सैन पुत्र धन्नाराम सेन का भी नाम था. ​कुछ समय पहले खांगटा के ही रहने वाले रामनारायण चौधरी ने इसको लेकर गत जुलाई में ​पंचायत विभाग को शिकायत दर्ज करवाई ​थी कि सुरेंद्र सैन का नाम मस्टरोल में डाला गया जबकि वह 12वीं में पढ़ रहा था. जिसके बाद विकास अधिकारी प्यारेलाल की अगुवाई मे एक तीन सदस्य कमेटी का गठन किया गया.

कमेटी ने प्रकरण की जांच शुरू की. गांव की उच्च माध्यमिक स्कूल से रिकाॅर्ड निकलवाए गए. जिसमें सामने आया कि सुरेंद्र सैन पुत्र धन्नाराम सैन को 16 से 30 सितंबर 2012 के पखवाडे़ में 12 दिन तक उसका नाम मस्टरोल मजदूर के रूप में दर्ज बताया गया. जबकि इस दौरान उसकी उपस्थिति स्कूल में दर्ज थी. इसके अलावा यह भी सामने आया कि सुरेंद्र की उम्र उस समय 18 वर्ष से कम थी.

जोधपुर. एक नाबालिग छात्र को नरेगा का मजदूर बताकर फर्जी तरीके से भुगतान उठाने के मामले में 9 साल बाद तत्कालीन सरपंच व ग्राम सचिव पर पुलिस थाना पीपाड़ में गबन का प्रकरण दर्ज किया गया है. सरपंच और ग्राम सचिव की मात्र 1740 रुपए के लिए नियत बिगड़ गई. मामला जिले की पीपाड़ पंचायत समिति की खांगटा ग्राम पंचायत से जुड़ा है. प्रकरण के अनुसार सितंबर, 2012 में ग्राम पंचायत की ढाणी में पाइप लाइन बिछाने का काम नरेगा के तहत किया गया था. इस कार्य में जिन मजूदरों ने काम किया उसमें सुरेंद्र सैन पुत्र धन्नाराम सेन का भी नाम था. रामनारायण चौधरी नाम के एक व्यक्ति ने जुलाई में ​पंचायत विभाग को शिकायत दर्ज करवाई ​थी कि सुरेंद्र सैन का नाम मस्टरोल में डाला गया जबकि वह कक्षा 12वीं में पढ़ाई कर रहा था.

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शिकायत के बाद विकास अधिकारी प्यारेलाल की अगुवाई में तीन सदस्य कमेटी का गठन किया गया. कमेटी ने प्रकरण की जांच शुरू की. गांव की उच्च माध्यमिक स्कूल से रिकाॅर्ड निकलवाए गए. जिसमें सामने आया कि सुरेंद्र सैन पुत्र धन्नाराम सैन को 16 से 30 सितंबर 2012 के पखवाड़े में 12 दिन तक उसका नाम मस्टरोल मजदूर के रूप में दर्ज बताया गया. जबकि इस दौरान उसकी उपस्थिति स्कूल में दर्ज थी. इसके अलावा यह भी सामने आया कि सुरेंद्र की उम्र उस समय 18 वर्ष से कम थी.

12 दिन के काम के लिए 1740 रुपए का किया था भुगतान

जांच में सामने आया कि पीवीसी पाइप लाइन बिछाने के काम में प्रतिदिन 145 रुपए का भुगतान किया गया. सुरेंद्र को 12 दिन के काम के लिए 1740 रुपए का भुगतान किया गया. इसके वाउचर भी बनाए गए. जिस पर सुरेंद्र के फर्जी हस्ताक्षर कर राशि उठाई गई. इस प्रकरण में नाबालिग से काम करवाने एंव गबन के आरोप में तत्कालीन सरंपच कैली देवी व ग्राम सचिव रामप्रकाश प्रजापत के विरुद्ध मामला पीपाड़ थाने में दर्ज हुआ है.

शिकायत दर्ज होने पर की गई मामले की जांच

सितंबर 2012 में ग्राम पंचायत की ढाणी में पाइप लाइन बिछाने का काम नरेगा के तहत किया गया. इस कार्य में जिन मजूदरों ने काम किया उसमें सुरेंद्र सैन पुत्र धन्नाराम सेन का भी नाम था. ​कुछ समय पहले खांगटा के ही रहने वाले रामनारायण चौधरी ने इसको लेकर गत जुलाई में ​पंचायत विभाग को शिकायत दर्ज करवाई ​थी कि सुरेंद्र सैन का नाम मस्टरोल में डाला गया जबकि वह 12वीं में पढ़ रहा था. जिसके बाद विकास अधिकारी प्यारेलाल की अगुवाई मे एक तीन सदस्य कमेटी का गठन किया गया.

कमेटी ने प्रकरण की जांच शुरू की. गांव की उच्च माध्यमिक स्कूल से रिकाॅर्ड निकलवाए गए. जिसमें सामने आया कि सुरेंद्र सैन पुत्र धन्नाराम सैन को 16 से 30 सितंबर 2012 के पखवाडे़ में 12 दिन तक उसका नाम मस्टरोल मजदूर के रूप में दर्ज बताया गया. जबकि इस दौरान उसकी उपस्थिति स्कूल में दर्ज थी. इसके अलावा यह भी सामने आया कि सुरेंद्र की उम्र उस समय 18 वर्ष से कम थी.

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