जोधपुर. मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि वे दिल्ली की केंद्र की सरकार के खिलाफ नहीं हैं और न ही ऐसा कोई बयान देना चाहते हैं. लेकिन ये जरूर कहते हैं कि किसानों को अब और दबाकर नहीं रखा जा सकता. वे अपना हक लेकर रहेंगे. बातचीत से नहीं मिलेगा तो वे लड़ाई लड़कर लेंगे. तो केंद्र सरकार के लिए राय है कि किसानों से पंगा मत लें.
शुक्रवार को जोधपुर में मारवाड़ जाट समाज के कार्यक्रम में मलिक (Satyapal Malik in Jodhpur) ने कहा कि जब आंदोलन शुरू हुआ तो मैंने प्रधानमंत्री से कहा था कि साहब इनको कुछ ले देकर रवाना कर दो. यह बहुत कठोर लोग हैं ऐसे नहीं जाएंगे, लेकिन उस वक्त उनको घमंड था तो नहीं सुने. आंदोलन बढ़ गया तो बाद में उन्होंने बात भी मानी और माफी भी मांगी. अभी हमारी मांगें बाकी हैं जो उन्हें माननी ही पड़ेंगी.
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एमएसपी सहित अन्य मांगें भी लोकसभा चुनाव से पहले मान ली जाएंगी. मलिक ने कहा कि मेरा रिटायरमेंट आठ-दस माह में हो जाएगा. इसके बाद मैं अपने लोगों को घूम घूम कर एकजूट होने के लिए प्रेरित करूंगा. मलिक ने कहा कि मुझे पता है कि मैं जो बोल रहा हूं उसके बाद शाम को मेरे पास फोन आ जाएगा. अगर मुझे कहा जाएगा कि सत्यपाल राज्यपाल पद छोड़ दो तो मैं छोड़ दूंगा, लेकिन किसानों का साथ नहीं छोडूंगा.
मलिक ने किसान आंदोलन की उठाने पर कहा कि कल मीडिया तो बढ़ा-चढ़ा कर छाप देगा लेकिन मैं संभल कर बोलूंगा. उन्होंने कहा कि कुतिया मर जाती है तो दिल्ली से संदेश जाता है लेकिन 700 किसानों के मरने पर भी एक संदेश तक नहीं दिया गया. मैं इससे दुखी था. मेरा वक्त खराब था कि मैं प्रधानमंत्री से मिलने चला गया. जाते ही पांच मिनट बाद ही मेरा झगड़ा हो गया. मैंने कहा कि बातचीत से रास्ता निकालें.
उन्होंने कहा कि कुछ दिन किसान चले जाएंगे, लेकिन मैंने कहा कि आप इन्हें नहीं जानते अभी जब आप चले जाएंगे उसके बाद ही यह जाएंगे. आपको इनके मिजाज का पता नहीं हैं. मलिक ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से पंगा सिर्फ इसलिए ले पाया क्योंकि मुझे कुछ नहीं चाहिए था. आज भी मेरे पास कोई प्रॉपर्टी नहीं हैं सिर्फ 6 जोड़ी कुर्ते हैं.
अंबानी की फाइल रोकी, पीएम को बताया
कश्मीर में अपने राज्यपाल कार्यकाल की बात करते हुए उन्होंने बताया कि उनके पास अंबानी और एक और फाइल आई थी जिसमें कुछ घपला था. मैंने उसे खारिज कर दिया. सेक्रेटरी ने कहा कि इन फाइलों से 150.15 करोड़ मिल जाएंगे, लेकिन मैं नहीं माना. खारिज करने के बाद दिल्ली गया और प्रधानमंत्री को बताया कि क्योंकि अंबानी उनके दोस्त हैं. उनसे कहा कि अगर इस फाइल को आगे बढ़ाना है तो मुझे पद से हटा दीजिए, लेकिन पीएम ने साफ कहा कि करप्शन पर कोई समझौता नहीं होगा. मुझे कहा कि आपने ठीक किया है.
शिक्षा पर जोर दिया
मलिक ने कहा कि जाट समाज को अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देना होगा. बिना शिक्षा के जीवन कुछ नहीं है. समाज को एकजुट होना होगा. तब कभी मांगने की नौबत नहीं आएगी. बेटियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा. कार्यक्रम में मारवाड़ जाट समाज के इतिहास पर लिखी पुस्तक का विमोचन किया गया. समाज की प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में वनमंत्री हेमाराम चौधरी, भाजपा नेता रामनारायण डूडी, कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी आदि मौजूद थे.