जोधपुर. राज्य सरकार द्वारा जोधपुर नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने के बाद उत्तर और दक्षिण के बोर्ड के बीच रस्साकशी शुरू हो गई है. मंगलवार को जोधपुर नगर निगम दक्षिण के बोर्ड की पहली साधारण सभा में यह साफ भी हो गया कि दोनों के बीच गतिरोध बरकरार रहेगा. महापौर वनीता सेठ ने महत्वपूर्ण प्रस्ताव इस बैठक में रखे, जिसमें एक प्रस्ताव यह था कि नगर निगम दक्षिण अपनी निजी आय का एक भी पैसा नगर निगम उत्तर को नहीं देगा. इस राशि का उपयोग नगर निगम दक्षिण क्षेत्र के विकास के लिए किया जाएगा.
इस प्रस्ताव को रखने की वजह यह थी कि गत दिनों नगर निगम आयुक्त द्वारा 29 नवंबर को स्वायत शासन विभाग के निदेशक को एक पत्र लिखकर नगर निगम दक्षिण में जमा होने वाले नगरीय विकास कर का बीस फीसदी हिस्सा अगले पांच साल तक नगर निगम उत्तर को देने के लिए मार्गदर्शन मांगा गया था. मंगलवार की बैठक में इस पत्र को लेकर भी प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसमें कहा गया है कि चुने गए बोर्ड के अनुमोदन के बिना राशि हस्तांतरण करने के प्रस्ताव के प्रति बोर्ड असहमति देता है.
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महापौर ने बताया कि हमारे क्षेत्र में भी विकास की संभावना अधिक है. ऐसे में राजस्व का व्यय भी अधिक होगा. इसके लिए हमारी आय भी अपर्याप्त है. निगम उत्तर द्वारा पहली बैठक में विकास कार्यों के प्रस्ताव लेने और दक्षिण में नहीं लेने के सवाल पर महापौर ने कहा कि मंत्रीजी ने जो कार्य हमारे क्षेत्र में देखे हैं, उसकी जानकारी तक हमारे से साझा नहीं की गई है. साथ ही ना ही इसके लिए राशि दी गई है. ऐसे में हम प्रस्ताव कैसे लेते हैं. सरकार को जो काम करवाने है, उसकी जानकारी और बजट जारी करना चाहिए. बैठक में सरकार ने चुर्गी पुर्नभरण राशि बढाने की मांग का भी प्रस्ताव लिया गया है.