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जोधपुर में स्वर्ण प्राशन के तहत बच्चों को पिलाई गई दवाइयां

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Published : Feb 8, 2020, 11:24 PM IST

जोधपुर के शनिचर मंदिर में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय की ओर से बच्चों को दवाइयां पिलाई गईं. आयुर्वेद विभाग के विभागाध्यक्ष प्रेम प्रकाश व्यास ने बताया कि स्वर्ण प्राशन की दवाई प्रत्येक माह के पुण्य नक्षत्र के दिन पिलाई जाती है. जिससे बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में वृद्धि होने के साथ पाचन तंत्र की शक्ति भी बढ़ती है.

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पिलाई गई दवाइयां

जोधपुर. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर की ओर से स्वर्ण प्राशन अभियान के तहत शनिवार को शनिचर मंदिर में स्वर्ण प्राशन की दवाई पिलाई गई. आयुर्वेद विभाग के विभागाध्यक्ष प्रेम प्रकाश व्यास ने बताया कि स्वर्ण प्राशन की दवाई प्रत्येक माह के पुण्य नक्षत्र के दिन पिलाई जाती है.

बच्चों को पिलाई गई दवाइयां

अभियान के तहत अगले 12 जनवरी, 8 जनवरी, 6 मार्च, 3 अप्रैल, 30 अप्रैल, 27 मई, 24 जून ,21 जुलाई,17 अगस्त,14 सितंबर,11 अक्टूबर, 7 नवंबर और 5 दिसंबर को भी यह दवाई बच्चों को पिलाई जाएगी.

पढ़ेंः SMS अस्पताल को उत्तरी भारत का सबसे बड़ा ऑर्गन ट्रांसप्लांट केंद्र बनाया जाएगा : रघु शर्मा

विभागाध्यक्ष ने कहा कि इससे बच्चों के रोग से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है. शारीरिक और मानसिक विकास में वृद्धि होने के साथ पाचन तंत्र की शक्ति भी बढ़ती है.

उन्होंने बताया कि जन्म से लेकर 16 वर्ष तक के सभी बच्चों को प्रतिमाह पुण्य नक्षत्र के दिन प्रात काल खाली पेट स्वर्ण प्राशन बच्चो के लिए श्रेष्ठ है. बच्चों को स्वर्ण प्राशन से आधे घंटे पूर्व और पश्चात कुछ भी नहीं खिलाना है. जिससे बच्चा तंदुरुस्त और स्वच्छ रहता है. वहीं कोई बीमारी नहीं होती है.

जोधपुर. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर की ओर से स्वर्ण प्राशन अभियान के तहत शनिवार को शनिचर मंदिर में स्वर्ण प्राशन की दवाई पिलाई गई. आयुर्वेद विभाग के विभागाध्यक्ष प्रेम प्रकाश व्यास ने बताया कि स्वर्ण प्राशन की दवाई प्रत्येक माह के पुण्य नक्षत्र के दिन पिलाई जाती है.

बच्चों को पिलाई गई दवाइयां

अभियान के तहत अगले 12 जनवरी, 8 जनवरी, 6 मार्च, 3 अप्रैल, 30 अप्रैल, 27 मई, 24 जून ,21 जुलाई,17 अगस्त,14 सितंबर,11 अक्टूबर, 7 नवंबर और 5 दिसंबर को भी यह दवाई बच्चों को पिलाई जाएगी.

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विभागाध्यक्ष ने कहा कि इससे बच्चों के रोग से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है. शारीरिक और मानसिक विकास में वृद्धि होने के साथ पाचन तंत्र की शक्ति भी बढ़ती है.

उन्होंने बताया कि जन्म से लेकर 16 वर्ष तक के सभी बच्चों को प्रतिमाह पुण्य नक्षत्र के दिन प्रात काल खाली पेट स्वर्ण प्राशन बच्चो के लिए श्रेष्ठ है. बच्चों को स्वर्ण प्राशन से आधे घंटे पूर्व और पश्चात कुछ भी नहीं खिलाना है. जिससे बच्चा तंदुरुस्त और स्वच्छ रहता है. वहीं कोई बीमारी नहीं होती है.

Intro:डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर की ओर से आज सुवर्णप्राशन के तहत बच्चों को दवाइयां पिलाई गई ‌ ।स्वर्ण प्राशन के तहत आज जोधपुर के शनिचर मंदिर में सुवर्णप्राशन की दवाई पिलाई गई । आयुर्वेद विभाग के विभागाध्यक्ष प्रेम प्रकाश व्यास ने बताया कि स्वर्ण प्राशन प्रत्येक माह के पुण्य नक्षत्र के दिन यह दवाई पिलाई जाती है । इसके तहत अगले 12 जनवरी को, 8 जनवरी को, 6 मार्च को, 3 अप्रैल को, 30 अप्रैल को, 27 मई ,24 जून ,21 जुलाई ,17 अगस्त ,14 सितंबर ,11 अक्टूबर, 7 नवंबर और 5 दिसंबर को भी यह दवाई बच्चों को पिलाई जाएगी । वही विभागाध्यक्ष ने कहा कि इससे बच्चों के रोग से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है । स्मरण शक्ति बढ़ती है । शारीरिक व मानसिक विकास में वृद्धि होने के साथ पाचन तंत्र की शक्ति भी बढ़ती है । Body:वहीं उन्होंने बताया कि जन्म से लेकर 16 वर्ष तक के सभी बच्चों को प्रतिमाह पुण्य नक्षत्र के दिन प्रात काल खाली पेट स्वर्ण प्राशन बच्चो के लिए श्रेष्ठ है । बच्चों को स्वर्ण प्राशन से आधे घंटे पूर्व तथा पश्चात कुछ भी नहीं खिलाना है । जिससे बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास होता है जिससे बच्चा तंदुरुस्त और स्वच्छ रहता है और कोई बीमारी नहीं होती है|

बाइट प्रेम प्रकाश व्यास विभागाध्यक्षConclusion:
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