जोधपुर. मथुरादास माथुर अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शनों के गड़बड़ झाले ने अब तूल पकड़ लिया है. अस्पताल प्रबंधन की तरफ से बनाई गई कमेटी में सिर्फ नर्सों को ही आरोपी या संदिग्ध माना जा रहा है. जबकि अस्पताल के वार्ड में इंजेक्शन मंगवाने का जिम्मा डॉक्टर, सीएमओ का है. उसके बाद इंजेक्शन फार्मासिस्ट जारी करता है. जिनका पूरी जांच में कोई जिक्र नहीं है. इसके विरोध में सोमवार को मेडिकल कॉलेज नर्सेज एसोसिएशन के अध्यक्ष पीयूष ज्ञानी के नेतृत्व में नर्सों ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को ज्ञापन देकर निष्पक्ष जांच की मांग की.
पीयूष ज्ञानी ने बताया कि इस प्रकरण में बड़े-बड़े नाम आ रहे हैं. लेकिन आरोपी केवल नर्सों को ही बनाया जा रहा है. जो गलत है, हम निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं. जांच कमेटी ने 230 रेमडेसिविर इंजेक्शनों के गड़बड़ झाले की बात कही है. इसमें सर्वाधिक 68 इंजेक्शन नर्स भरत विश्नोई के नाम से जारी किए गए हैं. जबकि भरत विश्नोई का कहना है कि फार्मासिस्ट ने ही फर्जीवाड़ा किया है. उसने एक दस्तावेज प्रस्तुत किया. जिसमें फार्मासिस्ट द्वारा उसका नाम लिखकर उसके नाम से 4 इंजेक्शन जारी कर दिए. जबकि उसमें उसके हस्ताक्षर नहीं है.
![remdesivir scam in mdm hospital, remdesivir scam jodhpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11965664_thu.jpg)
ऐसे में कई नर्सेज के नाम से फार्मासिस्ट ने फर्जी हस्ताक्षर कर इंजेक्शन उठाए इसकी भी आशंका बनी हुई है. इसके अलावा नर्सेज ने यह भी बताया कि ज्यादातर इस तरह के इंजेक्शन डॉक्टरों के कहने से जारी हुए हैं. उनके परिजन या उनकी जान-पहचान वालों के लिए इंजेक्शन घर भेजे गए हैं.
डॉक्टरों को बचाने के लिए लीपापोती की आशंका
नर्सों की तरफ से डॉक्टरों के नाम उजागर करने के बाद आशंका जताई जा रही है कि डॉक्टरों को बचाने के लिए इस पूरे प्रकरण की लीपापोती कर दी जाएगी. इसको लेकर जल्दी एक जांच कमेटी की घोषणा होनी है ताकि वह लंबी चलती रहे और डॉक्टरों को बचा लिया जाए.