जोधपुर. राज्य सरकार द्वारा एक माह पहले प्रदेश में अधिसूचना जारी कर नियम लागू किया था, जिसके तहत किसी भी वाहन पर किसी तरह का नाम नहीं लिखा जाएगा. साथ ही किसी तरह की नेमप्लेट भी नहीं लगेगी. इस आदेश के बाद भी जमीनी हकीकत तो नहीं बदलती दिखाई दी, लेकिन जोधपुर निगम के महापौर ने अपनी नेमप्लेट हटाकर अच्छी पहल को अंजाम दिया है.
सरकार की ओर से जारी आदेश में बताया गया था कि वाहनों पर जाति या पद लिखे होने से जातिवाद तो फैलता ही है. साथ ही लोगों में हीन भावना भी होती है. इस आदेश के जारी होने के बाद भी इसकी पालना अभी भी कहीं भी सुनिश्चित तौर पर नजर नहीं आती है, लेकिन इसके उलट जोधपुर नगर निगम के महापौर घनश्याम ओझा ने आगे आकर खुद ही अपने वाहन पर लगी महापौर की नेमप्लेट को हटा दिया.
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महापौर ओझा का कहना है कि वह एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. सभी लोगों को भी सरकार के आदेशों की पालना करनी चाहिए. ज्ञात रहे कि जोधपुर नगर निगम के महापौर घनश्याम ओझा बीते 5 सालों में एक बार भी निगम की सरकारी गाड़ी में नहीं बैठे हैं. वह अपना सफर अपने निजी वाहन से ही करते हैं. 5 सालों में उन्होंने निगम के किसी भी कर्मचारी की सेवा भी अपने लिए नहीं ली है.