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जोधपुरः कायलाना का घटता जलस्तर, विभाग का दावा नियंत्रण में हालात - जलदाय विभाग

जोधपुर के पानी की समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पा रहा है. शहर के सबसे बड़े स्टोरेज कायलाना और तख्त सागर की स्थिति देखने पर पता चलता है कि हालात कैसे है. इसके अलावा अन्य स्टोरेज से पानी की कमी हुई है. इन सबके बीच जलदाय विभाग की पूरी निर्भरता अब बारिश पर बनी हुई है.

Kayana Water Level, etv bharat hindi news
कायलाना का घटता जलस्तर...
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Published : Jul 21, 2020, 8:24 PM IST

जोधपुर. प्रदेश के दूसरे बड़े शहर जोधपुर की जनता पेयजल के मामले में पूरी तरह से नहर के पानी पर निर्भर है. लॉकडाउन के दौरान यहां नहर का क्लोजर होना था, लेकिन नहीं हुआ. बावजूद इसके लिए पानी की आवक हुई. जिसके चलते शहर में बने रिजर्व वायर का पानी पेंदे तक पहुंच गया. सबसे बड़े स्टोरेज कायलाना और तख्त सागर की स्थिति देखने पर पता चलता है कि हालात कैसे है. इसके अलावा अन्य स्टोरेज से पानी की कमी हुई है.

कायलाना का घटता जलस्तर...

विभाग की पूरी निर्भरता अब बारिश पर बनी हुई है. यही कारण है कि विभाग गाहे बगाहे अघोषित कटौती तो करता रहा है. बावजूद इसके लिए दावा किया जा रहा है कि पानी की उपलब्धता पूरी है. लेकिन इन सबके बीच 24 जुलाई को एक दिन की कटौती का एलान कर दिया गया है. पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता शहर एसके व्यास का कहना है कि कायलाना और तख्त सागर में 158 एमसीएफटी पानी अभी मौजूद है. इसके अलावा सुरपुरा रिजर्व वायर में 67 एमसीएफटी पानी है.

पढ़ेंः Special: कब बुझेगी अलवर के बांधों की प्यास ?...पानी की आस में सूखे कई बांध

नहर से प्रतिदिन 13 से 14 एमसीएफटी पानी मिल रहा है. जोधपुर शहर के लिए प्रतिदिन 15 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता होती है जो पूरी की जा रही है. व्यास का कहना है कि आने वाले दिनों में बारिश होने से अधिकतम 100 अन्यथा कम से कम 30 एमसीएफटी पानी एकत्र हो जाएगा. जिससे कई दिनों तक आपूर्ति की जा सकेगी. दरअसल लॉकडाउन के चलते नहर की मरम्म्त के लिए शटडाउन नहीं हुआ था.

पढ़ेंः दौसा में किसानों का सरकार के खिलाफ फूटा गुस्सा, बिजली और पानी सहित कई मुद्दों को लेकर किया प्रदर्शन

उधर, पंजाब की ओर से आने वाले दिनों में यह कभी करने की घोषणा हो सकती है. ऐसे में 70 दिन तक का पानी स्टोरेज होना जरूरी है. लेकिन गर्मी में छीजत और लॉकडाउन के चलते पानी की खपत ने विभाग की गणित बिगाड़ दी है. अब विभाग स्टोरेज बनाने के लिए कटौती का सहारा और कम दबाव से आपूर्ति का सहारा ले रहा है. जिसके तहत 24 जुलाई को 1 दिन के लिए जोधपुर शहर की जलापूर्ति कटौती करने की घोषणा की गई है. जिससे विभाग 15 एमसीएफटी पानी बचाएगा.

जोधपुर. प्रदेश के दूसरे बड़े शहर जोधपुर की जनता पेयजल के मामले में पूरी तरह से नहर के पानी पर निर्भर है. लॉकडाउन के दौरान यहां नहर का क्लोजर होना था, लेकिन नहीं हुआ. बावजूद इसके लिए पानी की आवक हुई. जिसके चलते शहर में बने रिजर्व वायर का पानी पेंदे तक पहुंच गया. सबसे बड़े स्टोरेज कायलाना और तख्त सागर की स्थिति देखने पर पता चलता है कि हालात कैसे है. इसके अलावा अन्य स्टोरेज से पानी की कमी हुई है.

कायलाना का घटता जलस्तर...

विभाग की पूरी निर्भरता अब बारिश पर बनी हुई है. यही कारण है कि विभाग गाहे बगाहे अघोषित कटौती तो करता रहा है. बावजूद इसके लिए दावा किया जा रहा है कि पानी की उपलब्धता पूरी है. लेकिन इन सबके बीच 24 जुलाई को एक दिन की कटौती का एलान कर दिया गया है. पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता शहर एसके व्यास का कहना है कि कायलाना और तख्त सागर में 158 एमसीएफटी पानी अभी मौजूद है. इसके अलावा सुरपुरा रिजर्व वायर में 67 एमसीएफटी पानी है.

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नहर से प्रतिदिन 13 से 14 एमसीएफटी पानी मिल रहा है. जोधपुर शहर के लिए प्रतिदिन 15 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता होती है जो पूरी की जा रही है. व्यास का कहना है कि आने वाले दिनों में बारिश होने से अधिकतम 100 अन्यथा कम से कम 30 एमसीएफटी पानी एकत्र हो जाएगा. जिससे कई दिनों तक आपूर्ति की जा सकेगी. दरअसल लॉकडाउन के चलते नहर की मरम्म्त के लिए शटडाउन नहीं हुआ था.

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उधर, पंजाब की ओर से आने वाले दिनों में यह कभी करने की घोषणा हो सकती है. ऐसे में 70 दिन तक का पानी स्टोरेज होना जरूरी है. लेकिन गर्मी में छीजत और लॉकडाउन के चलते पानी की खपत ने विभाग की गणित बिगाड़ दी है. अब विभाग स्टोरेज बनाने के लिए कटौती का सहारा और कम दबाव से आपूर्ति का सहारा ले रहा है. जिसके तहत 24 जुलाई को 1 दिन के लिए जोधपुर शहर की जलापूर्ति कटौती करने की घोषणा की गई है. जिससे विभाग 15 एमसीएफटी पानी बचाएगा.

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