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IIT जोधपुर में मिनी इंडिया की झलक, 16 तरह की भाषाएं बोलते हैं यहां पढ़ने वाले छात्र और कार्मिक - आईआईटी जोधपुर में संपूर्ण भारत की छवि

आईआईटी जोधपुर में संपूर्ण भारत की छवि बसती है. खास तौर से भाषाई आधार पर बात करें तो यहां पढ़ने वाले छात्र और यहां के कार्मिक 16 तरह की भाषा बोलते हैं. यह सभी देश के कोने-कोने से आए हैं. जोधपुर आईआईटी की ओर से अंतराष्ट्रीय मातृ दिवस पर शुरू किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है.

Glimpse of Mini India in Jodhpur
जोधपुर में मिनी इंडिया की झलक
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Published : Oct 6, 2022, 7:36 PM IST

Updated : Oct 6, 2022, 7:54 PM IST

जोधपुर. राजस्थान के आईआईटी जोधपुर में मिनी इंडिया की झलक दिखती है. सर्वे में पता चला है कि आईआईटी के छात्र, शिक्षक व कर्मचारी 16 तरह की भाषाएं बोलने में, 12 भाषाएं लिखने में व 18 तरह की भाषाएं समझने में सक्षम हैं, जो विविधता में एकता दर्शाता है. वर्तमान में आईआईटी जोधपुर में हिंदी व अंग्रेजी के अलावा उर्दू, तेलगू, तमिल, संस्कृत, पंजाबी, उडिया, मराठी, मलयालम, मैथिली, असमिया, डोगरी, बंगाली, गुजराती, नेपाली, कोंकणी, सिंधी, संथाली और कन्नड भाषा का चलन है.

आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. शांतनु चौधरी के अनुसार (Language Diversity in IIT Jodhpur) संस्थान भाषाई विविधता से भरा है. कैंपस में सभी का समावेश है जो मिलकर काम करते हैं. हम सब का प्रयास देश को प्रोद्योगिकी में आगे बढ़ाना है. देश के कोने-कोने से आए छात्रों और शिक्षकों का यह घर है.

पढ़ें : आईआईटी जोधपुर में तैयार होंगे साइबर एक्सपर्ट, शुरू होगा एमटेक इन साइबर सिक्योरिटी कोर्स

गौरतलब है​ कि देश में नए स्थापित आईआईटी संस्थानों में जोधपुर आईआईटी तेजी से विकसित हो रहा है. शुरुआती चुनौतियों के बाद यहां शिक्षण, शोध क्षेत्र में बेहतरीन काम हो रहा है. यहां नए पाठ्यक्रम में भी अन्य संस्थानों की अपेक्षा ज्यादा शुरू हुए हैं, जिसके चलते प्रवेश के लिए छात्रों की पसंद भी बन रहा है.

बोलने में अभी भी हिंदी सबसे आगे : आईआईटी में इस वर्ष 21 फरवरी से मातृभाषा दिवस पर सर्वे शुरू हुआ था. गुरुवार को आईआईटी में जारी सर्वे के अनुसार 37.9 फीसदी लोग हिंदी बोलते हैं जो सर्वाधिक है. इसे बाद 36.6 फीसदी लोग अंग्रेजी बोलने वाले हैं. इसके अलावा 4.8 फीसदी तेलगू, तीन फीसदी मराठी, 2.8 बंगाली व पंजाबी, 3 फीसदी गुजराती, 1.8 फीसदी कन्नड़ और ​तमिल व 1.7 फीसदी संस्कृत और उर्दू बोलने वाले भी हैं.

इसके अलावा मैथिली, संथाली, नेपाली, मलयालम सहित कुल 16 भाषाएं बोलने वाले हैं. इसी तरह से सर्वे में (Survey on International Mothers Day) सामने आया है कि लिखने के मामले में हिंदी और अंग्रेजी लिखने वालों की संख्या बराबर है. कुल 18 भाषा लिखने वाले लोग यहां हैं. हिंदी, अंग्रेजी के अलाव, उर्दू, बंगाली, पंजाबी, तेलगू व गुजराती लिखने वालों की संख्या ज्यादा है.

जोधपुर. राजस्थान के आईआईटी जोधपुर में मिनी इंडिया की झलक दिखती है. सर्वे में पता चला है कि आईआईटी के छात्र, शिक्षक व कर्मचारी 16 तरह की भाषाएं बोलने में, 12 भाषाएं लिखने में व 18 तरह की भाषाएं समझने में सक्षम हैं, जो विविधता में एकता दर्शाता है. वर्तमान में आईआईटी जोधपुर में हिंदी व अंग्रेजी के अलावा उर्दू, तेलगू, तमिल, संस्कृत, पंजाबी, उडिया, मराठी, मलयालम, मैथिली, असमिया, डोगरी, बंगाली, गुजराती, नेपाली, कोंकणी, सिंधी, संथाली और कन्नड भाषा का चलन है.

आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. शांतनु चौधरी के अनुसार (Language Diversity in IIT Jodhpur) संस्थान भाषाई विविधता से भरा है. कैंपस में सभी का समावेश है जो मिलकर काम करते हैं. हम सब का प्रयास देश को प्रोद्योगिकी में आगे बढ़ाना है. देश के कोने-कोने से आए छात्रों और शिक्षकों का यह घर है.

पढ़ें : आईआईटी जोधपुर में तैयार होंगे साइबर एक्सपर्ट, शुरू होगा एमटेक इन साइबर सिक्योरिटी कोर्स

गौरतलब है​ कि देश में नए स्थापित आईआईटी संस्थानों में जोधपुर आईआईटी तेजी से विकसित हो रहा है. शुरुआती चुनौतियों के बाद यहां शिक्षण, शोध क्षेत्र में बेहतरीन काम हो रहा है. यहां नए पाठ्यक्रम में भी अन्य संस्थानों की अपेक्षा ज्यादा शुरू हुए हैं, जिसके चलते प्रवेश के लिए छात्रों की पसंद भी बन रहा है.

बोलने में अभी भी हिंदी सबसे आगे : आईआईटी में इस वर्ष 21 फरवरी से मातृभाषा दिवस पर सर्वे शुरू हुआ था. गुरुवार को आईआईटी में जारी सर्वे के अनुसार 37.9 फीसदी लोग हिंदी बोलते हैं जो सर्वाधिक है. इसे बाद 36.6 फीसदी लोग अंग्रेजी बोलने वाले हैं. इसके अलावा 4.8 फीसदी तेलगू, तीन फीसदी मराठी, 2.8 बंगाली व पंजाबी, 3 फीसदी गुजराती, 1.8 फीसदी कन्नड़ और ​तमिल व 1.7 फीसदी संस्कृत और उर्दू बोलने वाले भी हैं.

इसके अलावा मैथिली, संथाली, नेपाली, मलयालम सहित कुल 16 भाषाएं बोलने वाले हैं. इसी तरह से सर्वे में (Survey on International Mothers Day) सामने आया है कि लिखने के मामले में हिंदी और अंग्रेजी लिखने वालों की संख्या बराबर है. कुल 18 भाषा लिखने वाले लोग यहां हैं. हिंदी, अंग्रेजी के अलाव, उर्दू, बंगाली, पंजाबी, तेलगू व गुजराती लिखने वालों की संख्या ज्यादा है.

Last Updated : Oct 6, 2022, 7:54 PM IST
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