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सलमान खान से जुड़ी अपीलों पर नहीं हुई सुनवाई, 16 जुलाई को होगी अगली पेशी

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Published : Jun 4, 2020, 7:48 PM IST

बॉलीवुड स्टार सलमान खान से जुड़ी अपीलों पर गुरुवार को भी सुनवाई नहीं हो सकी. बता दें कि सलमान खान से जुड़ी चारों अपीलों पर अब 16 जुलाई को अगली सुनवाई होगी.

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बॉलीवुड स्टार सलमान खान

जोधपुर. अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश जोधपुर ग्रामीण की अदालत में बॉलीवुड फिल्म स्टार सलमान खान से जुड़ी 4 अपीलों पर सुनवाई आगे नहीं बढ पाई. वैसे तो चारों अपील जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में है, लेकिन अभी पीठासीन अधिकारी के नहीं होने से एडीजे ग्रामीण के पास चार्ज हैं.

सलमान खान से जुड़ी अपीलों पर नहीं हुई सुनवाई

प्रदेश भर में कोरोना वायरस के कारण अदालतों में अभी अति आवश्यक मामलों की ही सुनवाई हो रही है, ऐसे में सलमान खान से जुड़ी 4 अपील सूचीबद्ध थी, लेकिन सभी मामलों की सुनवाई अब 16 जुलाई 2020 को होगी. गौरतलब है कि तत्कालीन सीजेएम ग्रामीण देव कुमार खत्री की अदालत ने बहुचर्चित कांकाणी हिरण शिकार के मामले में 5 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाते हुए सलमान खान को 5 साल की सजा के आदेश दिए थे, जिसके खिलाफ सलमान खान ने जिला एवं सेशन न्यायाधीश जोधपुर ग्रामीण चन्द्र कुमार सोनगरा के समक्ष अपील पेश की थी.

पढ़ें- SHO विष्णु दत्त बिश्नोई आत्महत्या मामला: CM गहलोत ने CBI जांच के दिए आदेश

वहीं, दूसरे मामले में तत्कालीन सीजेएम ग्रामीण दलपत सिंह राजपुरोहित ने सलमान खान को अवैध हथियारों के मामले में 18 जनवरी 2017 को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ सरकार की ओर से जिला एवं सेशन न्यायाधीश जोधपुर ग्रामीण कोर्ट में अपील पेश की थी. वहीं, 2 अपील सरकार की ओर से ओर से पेश की गई थी, जिसमें की अभियोजन पक्ष की ओर से सलमान खान के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत पेश दोनों प्रार्थना पत्रों को तत्कालीन सीजेएम जोधपुर ग्रामीण अंकित रमन ने 17 जून 2019 को खारिज करते हुए सलमान को राहत दी थी.

अभियोजन पक्ष की ओर से सलमान खान के खिलाफ साल 2006 में कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए 19 जून 2006 को सीआरपीसी 340 का प्रार्थना पत्र पेश कर भादस 193 के तहत कार्रवाई करने की गुहार की थी. अभियोजन पक्ष ने प्रार्थना पत्र में कहा कि सलमान खान के रिवाल्वर का लाइसेंस गुम होने की एफआईआर और शपथ पत्र कोर्ट में पेश किया था, जो कि झूठा था क्योंकि सलमान खान के रिवाल्वर का लाइसेंस गुम नहीं हुआ था.

पढ़ें- खान आवंटन मामलाः पूर्व आईएएस सिंघवी की जमानत अर्जी पर बहस पूरी

रिवाल्वर का लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए मुंबई पुलिस आयुक्त में भेजा हुआ था, लेकिन सलमान खान ने अदालत में झूठा शपथ पत्र पेश किया है. यह अपराध मिथ्या साक्ष्य की श्रेणी में आता है, इसीलिए सलमान खान के खिलाफ भादस 193 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए, जिसमें अधिकतम 7 साल की सजा का प्रावधान है.

अभियोजन पक्ष के इस प्रार्थना पत्र का सलमान खान के अधिवक्ताओं ने शपथ पत्र के साथ जवाब पेश किया, लेकिन अभियोजन ने सलमान खान के जवाब को भी झूठा बताते हुए एक और प्रार्थना पत्र सीआरपीसी की धारा 340 के तहत पेश कर कार्रवाई की गुहार की थी. कोर्ट ने दोनों प्रार्थना पत्रों को खारिज करते हुए सलमान खान को बड़ी राहत दी थी, जिसके खिलाफ अभियोजन पक्ष ने दोनों मामलों में 2 अपील और पेश कर दी. जिला एवं सेशन न्यायाधीश की अदालत में अब कुल 4 अपील हैं, जिसमें एक सलमान की ओर से और 3 अभियोजन की ओर से हैं.

जोधपुर. अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश जोधपुर ग्रामीण की अदालत में बॉलीवुड फिल्म स्टार सलमान खान से जुड़ी 4 अपीलों पर सुनवाई आगे नहीं बढ पाई. वैसे तो चारों अपील जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में है, लेकिन अभी पीठासीन अधिकारी के नहीं होने से एडीजे ग्रामीण के पास चार्ज हैं.

सलमान खान से जुड़ी अपीलों पर नहीं हुई सुनवाई

प्रदेश भर में कोरोना वायरस के कारण अदालतों में अभी अति आवश्यक मामलों की ही सुनवाई हो रही है, ऐसे में सलमान खान से जुड़ी 4 अपील सूचीबद्ध थी, लेकिन सभी मामलों की सुनवाई अब 16 जुलाई 2020 को होगी. गौरतलब है कि तत्कालीन सीजेएम ग्रामीण देव कुमार खत्री की अदालत ने बहुचर्चित कांकाणी हिरण शिकार के मामले में 5 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाते हुए सलमान खान को 5 साल की सजा के आदेश दिए थे, जिसके खिलाफ सलमान खान ने जिला एवं सेशन न्यायाधीश जोधपुर ग्रामीण चन्द्र कुमार सोनगरा के समक्ष अपील पेश की थी.

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वहीं, दूसरे मामले में तत्कालीन सीजेएम ग्रामीण दलपत सिंह राजपुरोहित ने सलमान खान को अवैध हथियारों के मामले में 18 जनवरी 2017 को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ सरकार की ओर से जिला एवं सेशन न्यायाधीश जोधपुर ग्रामीण कोर्ट में अपील पेश की थी. वहीं, 2 अपील सरकार की ओर से ओर से पेश की गई थी, जिसमें की अभियोजन पक्ष की ओर से सलमान खान के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत पेश दोनों प्रार्थना पत्रों को तत्कालीन सीजेएम जोधपुर ग्रामीण अंकित रमन ने 17 जून 2019 को खारिज करते हुए सलमान को राहत दी थी.

अभियोजन पक्ष की ओर से सलमान खान के खिलाफ साल 2006 में कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए 19 जून 2006 को सीआरपीसी 340 का प्रार्थना पत्र पेश कर भादस 193 के तहत कार्रवाई करने की गुहार की थी. अभियोजन पक्ष ने प्रार्थना पत्र में कहा कि सलमान खान के रिवाल्वर का लाइसेंस गुम होने की एफआईआर और शपथ पत्र कोर्ट में पेश किया था, जो कि झूठा था क्योंकि सलमान खान के रिवाल्वर का लाइसेंस गुम नहीं हुआ था.

पढ़ें- खान आवंटन मामलाः पूर्व आईएएस सिंघवी की जमानत अर्जी पर बहस पूरी

रिवाल्वर का लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए मुंबई पुलिस आयुक्त में भेजा हुआ था, लेकिन सलमान खान ने अदालत में झूठा शपथ पत्र पेश किया है. यह अपराध मिथ्या साक्ष्य की श्रेणी में आता है, इसीलिए सलमान खान के खिलाफ भादस 193 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए, जिसमें अधिकतम 7 साल की सजा का प्रावधान है.

अभियोजन पक्ष के इस प्रार्थना पत्र का सलमान खान के अधिवक्ताओं ने शपथ पत्र के साथ जवाब पेश किया, लेकिन अभियोजन ने सलमान खान के जवाब को भी झूठा बताते हुए एक और प्रार्थना पत्र सीआरपीसी की धारा 340 के तहत पेश कर कार्रवाई की गुहार की थी. कोर्ट ने दोनों प्रार्थना पत्रों को खारिज करते हुए सलमान खान को बड़ी राहत दी थी, जिसके खिलाफ अभियोजन पक्ष ने दोनों मामलों में 2 अपील और पेश कर दी. जिला एवं सेशन न्यायाधीश की अदालत में अब कुल 4 अपील हैं, जिसमें एक सलमान की ओर से और 3 अभियोजन की ओर से हैं.

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