जोधपुर. जिले में हुए सांप्रदायिक तनाव (Jodhpur Violence) के दौरान दर्ज मुकदमों के तहत पुलिस सीसीटीवी फूटेज देखकर लोगों केा थाने बुलाकर पूछताछ कर रही है. भाजपा का आरोप (BJP Big allegation on police) है कि निर्दोष और आत्मरक्षा कर रहे लोगों को पुलिस टारगेट कर रही है. इनमें उनके कई कार्यकर्ता भी शामिल हैं जिन्हें पुलिस लगातार सुबह से शाम तक थानों में बुलाकर पूछताछ के नाम पर हरेसमेंट कर रही है. उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही और बल्कि डंडे मार रही है. पुलिस की कार्यशैली का विरोध करते हुए गुरुवार को एक बार फिर भाजपा नेता कमिश्नर कार्यालय पहुंचे.
प्रदेश उपाध्यक्ष प्रसन्नचंद मेहता की अगुवाई में नेताओं ने कमिश्नर से कहा कि हम इस समस्या को लेकर कई बार मिल चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद कार्यकर्ताओं व निर्दोष लोगों को परेशान किया जा रहा है. युवकों को भी पुलिस थाने बुलाकर मारपीट रही है. एक कार्यकर्ता के थाने में घुसते ही उस पर लाठियां लेकर पुलिस वाले टूट पड़े. पूछताछ नहीं की लेकिन थाने में बिठाए रखा. भाजपा ने पुलिस कमिश्नर से यह स्पष्ट किया है कि अगर यह क्रम नहीं रुका तो भाजपा आंदोलन करेगी.
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जिलाध्यक्ष देवेंद्र जोशी ने बताया कि हमने कमिश्नर को पूरी सूची दी है. उन्हें बताया है कि कई बार शिकायत के बाद भी पुलिस लगातार अत्याचार कर रही है. यह अब असहनीय हो गया है. तीन मई की घटना के बाद भाजपा के नेताओं ने तीन बार अब तक पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर निर्दोषों नहीं फंसाने के लिए ज्ञापन दिए थे. उसके बाद कुछ सुधार हुआ. भाजपा ने आरोप लगाया कि पुलिस लगातार लोगों को थाने बुलाकर प्रताड़ित कर रही है. उन लोगों को फंसाने की कोशिश की जा रही है जो आत्मरक्षा और अपना घर बचाने के लिए बाहर आए थे.