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जोधपुरः सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट शेयर कर धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोपी की याचिका खारिज, हाइकोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार

राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाली एक एफआईआर को निरस्त करवाने वाली याचिका को खारिज कर दिया. बता दें कि जैसलमेर के यूसुफ अज़हर की फेसबुक पर एक आपत्तिजनक पोस्ट को शेयर करने वाले अली खिलजी के खिलाफ कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी.

Petition filed by accused of disturbing religious harmony by sharing inflammatory posts on social media, jodhpur news, जोधपुर न्यूज
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Published : Nov 18, 2019, 7:26 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाली एक एफआईआर को निरस्त करवाने वाली याचिका को खारिज कर दिया. बता दें कि जस्टिस मनोज गर्ग की अदालत में पेश की गई याचिका की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षो को सुनने के बाद जस्टिस गर्ग ने आरोपी को राहत देने से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट शेयर कर धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोपी की याचिका खारिज

वहीं सुनवाई के दौरान आरोपी के अधिवक्ता का कहना था कि यह पोस्ट दो साल पहले की गई थी और बाद में हटा भी ली गई. जबकि पुलिस ने अब मुकदमा दर्ज किया है. वहीं दूसरे पक्ष के वकील ने इसका विरोध करते हुए एफआईआर के तथ्य बताए जिसमें कहा गया कि आरोपी पहले भी इस तरह के विवादित पोस्ट कर अपने अकाउंट से हटा देता था. बता दें कि हाई कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद कहा कि पूरा का पूरा मामला पुलिस की जांच अनुसंधान के योग्य है. पुलिस इस मामले की पूरी जांच कर कार्रवाई करें, हाईकोर्ट इसमें किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगा.

पढ़ेंः आनंदपाल सिंह के भाई को जेल में जान का खतरा, हाईकोर्ट ने मामले में मांगा जवाब

बता दें कि जैसलमेर निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होकर खिलजी द्वारा की गई पोस्ट के तथ्य रखे थे. जिसके बाद कोतवाली थाने में 7 नवंबर को खिलजी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. ज्ञात रहे कि 8 नवंबर को ही अयोध्या मामले का फैसला आया था. यह कार्रवाई ठीक एक दिन पहले हुई थी. जैसलमेर पुलिस ने ततपरता दिखाते हुए मामला दर्ज किया था.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाली एक एफआईआर को निरस्त करवाने वाली याचिका को खारिज कर दिया. बता दें कि जस्टिस मनोज गर्ग की अदालत में पेश की गई याचिका की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षो को सुनने के बाद जस्टिस गर्ग ने आरोपी को राहत देने से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट शेयर कर धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोपी की याचिका खारिज

वहीं सुनवाई के दौरान आरोपी के अधिवक्ता का कहना था कि यह पोस्ट दो साल पहले की गई थी और बाद में हटा भी ली गई. जबकि पुलिस ने अब मुकदमा दर्ज किया है. वहीं दूसरे पक्ष के वकील ने इसका विरोध करते हुए एफआईआर के तथ्य बताए जिसमें कहा गया कि आरोपी पहले भी इस तरह के विवादित पोस्ट कर अपने अकाउंट से हटा देता था. बता दें कि हाई कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद कहा कि पूरा का पूरा मामला पुलिस की जांच अनुसंधान के योग्य है. पुलिस इस मामले की पूरी जांच कर कार्रवाई करें, हाईकोर्ट इसमें किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगा.

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बता दें कि जैसलमेर निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होकर खिलजी द्वारा की गई पोस्ट के तथ्य रखे थे. जिसके बाद कोतवाली थाने में 7 नवंबर को खिलजी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. ज्ञात रहे कि 8 नवंबर को ही अयोध्या मामले का फैसला आया था. यह कार्रवाई ठीक एक दिन पहले हुई थी. जैसलमेर पुलिस ने ततपरता दिखाते हुए मामला दर्ज किया था.

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सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट शेयर कर धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोपी की याचिका खारिज, हाइकोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार


जोधपुर।
जैसलमेर निवासी अली खिलजी द्वारा फेस बुक पर यूसुफ अज़हर नामक व्यक्ति द्वारा पोस्ट की पोस्ट जिसमे भगवान को आतंक जोडते हुए उन्हें आतंकी बताने को लेकर जैसलमेर के कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर को निरस्त करवाने की याचिका राजस्थान हाइकोर्ट ने खारिज कर दी। 
जस्टिस मनोज गर्ग की अदालत में पेश की गई याचिका की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षो को सुनने के बाद जस्टिस गर्ग ने आरोपी को राहत देने से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया। सुनवाई के दौरान आरोपी के अधिवक्ता का कहना था कि यह पोस्ट दो साल पहले की गई थी, और बाद में हटा भी ली गई। जबकि पुलिस ने अब मुकदमा दर्ज किया है। वही दूसरे पक्ष के वकील ने इसका विरोध करते हुए एफआईआर के तथ्य बताये जिसमे कहा गया कि आरोपी पहले भी इस तरह के विवादित पोस्ट कर अपने अकाउंट से हटा देता रहा है। हाई कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद कहा कि पूरा का पूरा मामला पुलिस की जांच अनुसंधान के योग्य है पुलिस इस मामले की पूरी जांच कर कार्रवाई करें हाईकोर्ट इसमें किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगा। जैसलमेर निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होकर खिलजी द्वारा की गई पोस्ट के तथ्य रखे थे जिसके बाद कोतवाली थाने में 7 नवंबर को खिलजी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया । ज्ञात रहे 8 नवंबर को ही अयोध्या मामले का फैसला आया था। यह कार्यवाही ठीक एक दिन पहले हुई थी। जैसलमेर पुलिस ने ततपरता दिखाते हुए मामला दर्ज किया था।

बाईट-मोती सिंह राजपुरोहित, अधिवक्ता, हाई कोर्ट,जोधपुर



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