जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाली एक एफआईआर को निरस्त करवाने वाली याचिका को खारिज कर दिया. बता दें कि जस्टिस मनोज गर्ग की अदालत में पेश की गई याचिका की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षो को सुनने के बाद जस्टिस गर्ग ने आरोपी को राहत देने से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया.
वहीं सुनवाई के दौरान आरोपी के अधिवक्ता का कहना था कि यह पोस्ट दो साल पहले की गई थी और बाद में हटा भी ली गई. जबकि पुलिस ने अब मुकदमा दर्ज किया है. वहीं दूसरे पक्ष के वकील ने इसका विरोध करते हुए एफआईआर के तथ्य बताए जिसमें कहा गया कि आरोपी पहले भी इस तरह के विवादित पोस्ट कर अपने अकाउंट से हटा देता था. बता दें कि हाई कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद कहा कि पूरा का पूरा मामला पुलिस की जांच अनुसंधान के योग्य है. पुलिस इस मामले की पूरी जांच कर कार्रवाई करें, हाईकोर्ट इसमें किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगा.
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बता दें कि जैसलमेर निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होकर खिलजी द्वारा की गई पोस्ट के तथ्य रखे थे. जिसके बाद कोतवाली थाने में 7 नवंबर को खिलजी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. ज्ञात रहे कि 8 नवंबर को ही अयोध्या मामले का फैसला आया था. यह कार्रवाई ठीक एक दिन पहले हुई थी. जैसलमेर पुलिस ने ततपरता दिखाते हुए मामला दर्ज किया था.