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जोधपुर में बड़ी लापरपवाही : बिना सैंपल लिए ही चिकित्सा विभाग ने भेज दी कोरोना जांच की रिपोर्ट... - जोधपुर में चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही

जोधपुर में कोरोना टेंस्टिंग पर सवाल खड़े हो गए हैं. चिकित्सा विभाग ने बिना सैंपल जांच के दो लोगों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव भेज दी है.

राजस्थान में कोरोना टेंस्टिंग, Jodhpur news
जोधपुर में टेंस्टिंग पर उठे सवाल
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Published : Jul 13, 2020, 12:51 PM IST

जोधपुर. जोधपुर में टेंस्टिंग को लेकर चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां दो लोगों की कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए ही नहीं गए, लेकिन उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है. जिसके बाद दोनों पीड़ितों ने कहा कि ये रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करता है.

जोधपुर में टेंस्टिंग पर उठे सवाल

राजस्थान में कोरोना टेंस्टिंग के मामले में जोधपुर अव्वल है. यहां जयपुर से भी ज्यादा लोगों की जांच की जा रही है, लेकिन दो ऐसे मामले सामने आए हैं. जिन्होंने जोधपुर की कोरोना टेस्टिंग पर सवाल खड़ा कर दिया है. दरअसल, जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड निवासी पवन कुमार और जय कुमार की दुकान है. उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया कि वे अपनी जांच करवाएं. वहीं, दुकानदार पवन कुमार पहले भी अपनी जांच करवा चुके थे.

यह भी पढ़ें. जोधपुर: चौराहे के नामकरण को लेकर दो पक्षो में पथराव, घटना सीसीटीवी में कैद

जिसमें वह नेगेटिव आए थे लेकिन स्वास्थ विभाग ने फिर से उन्हें जांच करवाने के लिए कहा. जिसके बाद दोनों दुकानदार 9 जुलाई को अपना नमूना देने के लिए बताए गए कैंप पर पहुंचे. वहां करीब डेढ़ घंटे इंतजार करने के बाद भी उनका नंबर नहीं आया. जिसके बाद उन्हें यह कहा गया कि उन्हें कल आना होगा.

यह भी पढ़ें. दौसा में गीतों से भागेगा Corona, महिलाएं कर रहीं जागरूक

इस पर उन्होंने कहा कि वे अपना काम धंधा छोड़ कर आए हैं, फिर इतना इंतजार क्यों करवाया जा रहा है. दोनों 9 जुलाई को वापस अपने काम पर लौट आए, लेकिन 10 जुलाई को उन्हें SMS मिला कि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव है. जबकि उनके नमूने लिए ही नहीं गए. ऐसे में दोनों का कहना है कि अगर बिना जांच किए ही नेगेटिव रिपोर्ट का मैसेज आता है तो स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े होते हैं.

रिपोर्ट पॉजिटिव आती तो क्या होता...

वहीं दोनों पीड़ितों का कहना है कि अगर नेगेटिव की जगह पॉजिटिव रिपोर्ट आती तो हमारा क्या होता. इस प्रकरण से जोधपुर में तेजी से बढ़ रही टेस्टिंग के आंकड़ों पर भी सवाल खड़ा हो गया है. कहीं सिर्फ टेस्टिंग के आंकड़े बढ़ाने के लिए सिर्फ लोगों के नाम और फोन नंबर तो एकत्र नहीं किए जा रहे हैं.

चिकित्सा विभाग बात करने को तैयार नहीं

हालांकि, इस को लेकर स्वास्थ्य विभाग से ईटीवी भारत ने संपर्क कर उनसे बात करने के कोशिश की लेकिन कोई अधिकारी इस पर बात करने को तैयार नहीं हुआ. ऑफ द रिकॉर्ड यह बताया गया कि टेस्टिंग से पहले ही एक्सेल शीट तैयार कर ली गई थी. गलती से बिना क्रॉस वेरिफिकेशन के लैब में चली गई. लैब में नमूना नहीं था तो वह नेगेटिव मार्क हो गया. ऐसे में उनके फोन नंबर पर SMS निगेटिव का चला गया.

जोधपुर. जोधपुर में टेंस्टिंग को लेकर चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां दो लोगों की कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए ही नहीं गए, लेकिन उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है. जिसके बाद दोनों पीड़ितों ने कहा कि ये रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करता है.

जोधपुर में टेंस्टिंग पर उठे सवाल

राजस्थान में कोरोना टेंस्टिंग के मामले में जोधपुर अव्वल है. यहां जयपुर से भी ज्यादा लोगों की जांच की जा रही है, लेकिन दो ऐसे मामले सामने आए हैं. जिन्होंने जोधपुर की कोरोना टेस्टिंग पर सवाल खड़ा कर दिया है. दरअसल, जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड निवासी पवन कुमार और जय कुमार की दुकान है. उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया कि वे अपनी जांच करवाएं. वहीं, दुकानदार पवन कुमार पहले भी अपनी जांच करवा चुके थे.

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जिसमें वह नेगेटिव आए थे लेकिन स्वास्थ विभाग ने फिर से उन्हें जांच करवाने के लिए कहा. जिसके बाद दोनों दुकानदार 9 जुलाई को अपना नमूना देने के लिए बताए गए कैंप पर पहुंचे. वहां करीब डेढ़ घंटे इंतजार करने के बाद भी उनका नंबर नहीं आया. जिसके बाद उन्हें यह कहा गया कि उन्हें कल आना होगा.

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इस पर उन्होंने कहा कि वे अपना काम धंधा छोड़ कर आए हैं, फिर इतना इंतजार क्यों करवाया जा रहा है. दोनों 9 जुलाई को वापस अपने काम पर लौट आए, लेकिन 10 जुलाई को उन्हें SMS मिला कि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव है. जबकि उनके नमूने लिए ही नहीं गए. ऐसे में दोनों का कहना है कि अगर बिना जांच किए ही नेगेटिव रिपोर्ट का मैसेज आता है तो स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े होते हैं.

रिपोर्ट पॉजिटिव आती तो क्या होता...

वहीं दोनों पीड़ितों का कहना है कि अगर नेगेटिव की जगह पॉजिटिव रिपोर्ट आती तो हमारा क्या होता. इस प्रकरण से जोधपुर में तेजी से बढ़ रही टेस्टिंग के आंकड़ों पर भी सवाल खड़ा हो गया है. कहीं सिर्फ टेस्टिंग के आंकड़े बढ़ाने के लिए सिर्फ लोगों के नाम और फोन नंबर तो एकत्र नहीं किए जा रहे हैं.

चिकित्सा विभाग बात करने को तैयार नहीं

हालांकि, इस को लेकर स्वास्थ्य विभाग से ईटीवी भारत ने संपर्क कर उनसे बात करने के कोशिश की लेकिन कोई अधिकारी इस पर बात करने को तैयार नहीं हुआ. ऑफ द रिकॉर्ड यह बताया गया कि टेस्टिंग से पहले ही एक्सेल शीट तैयार कर ली गई थी. गलती से बिना क्रॉस वेरिफिकेशन के लैब में चली गई. लैब में नमूना नहीं था तो वह नेगेटिव मार्क हो गया. ऐसे में उनके फोन नंबर पर SMS निगेटिव का चला गया.

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