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जोधपुर हाईकोर्ट ने नारी निकेतनों के लिए दिए निर्देशों की पालना के लिए दिया गया समय - राजस्थान उच्च न्यायालय

राजस्थान उच्च न्यायालय में नारी निकेतन,बालिका गृह व बाल अवलोकन गृह को लेकर जारी निर्देशों को लेकर सोमवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने अतिरिक्त महाधिवक्ता के आग्रह पर समय देते हुए अगली सुनवाई 7 अप्रैल को मुकरर्र की है.

राजस्थान उच्च न्यायालय, instructions by Jodhpur HC
जोधपुर हाईकोर्ट ने दिया आदेश
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Published : Mar 15, 2021, 11:10 PM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में नारी निकेतन,बालिका गृह व बाल अवलोकन गृह को लेकर जारी निर्देशों को लेकर सोमवार को सुनवाई हुई. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ के समक्ष सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली ने 28 जनवरी 2021 को जारी आदेश की पालना के लिए समय चाहा. न्यायालय ने अतिरिक्त महाधिवक्ता के आग्रह पर समय देते हुए अगली सुनवाई 7 अप्रैल को मुकरर्र की है.

पढ़ें: डूंगरपुर: शराब तस्करी करते टेंपो और एस्कॉर्ट करती लग्जरी कार जब्त, अंग्रेजी शराब के साथ 4 आरोपी गिरफ्तार

पिछली सुनवाई पर सरकार की ओर से बताया गया कि नारी निकेतन,बालिका गृह व बाल अवलोकन गृह को लेकर जारी निर्देशो की पालना कर दी गई है वही ओपन एयर जिम भी स्थापित किये जा रहे है अगले दो महिने में राजस्थान के सभी स्थानो पर कार्य पूरा हो जायेगा.न्यायमित्र डॉ नुपूर भाटी ने सुझाव पेश किया कि नारी निकेतनो में रहने वाली महिलाओं को व्यावसायिक कौशल प्रदान करना चाहिए जो कि एलईडी स्क्रीन के जरिये हो सकता है.न्यायालय ने तीनो अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित,मनीष व्यास व पंकज शर्मा को निर्देश दिये है कि नारी निकेतन व बाल अवलोकन गृहो में स्मार्ट टेलीविजन लगाने के साथ उन पर शिक्षा विभाग की ओर से पूर्व दर्ज पाठ्यक्रमों से उनको शिक्षा दी जा सकती है. इसके लिए जल्द से जल्द कार्य पूरा करे.उन पर आयु के अनुसार खेल भी हो ताकि उनको वहा पर खेल भी सिखने को मिले.

पढ़ें: धौलपुर: स्वच्छ भारत मिशन के तहत न्यूनतम प्रगति वाली ग्राम पंचायतों के विकास अधिकारियों को नोटिस

अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली ने न्यायालय को बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा स्माइल नाम से अभी एक कार्यक्रम विकसित किया गया है, जो आसानी से उन महिलाओं को प्रदर्शित कर सिखाया जा सकता है.वही स्वास्थ्य विभाग की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास ने कहा कि जो भी निर्देश दिये गये उसकी पालना हो रही है मेडिकल कॉलेज की ओर से समय समय पर स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और मनोचिकित्सक वहा जाकर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है और बेहतर मेडिकल सुविधाए दी जा रही है. न्यायालय में सोमवार को पालना रिपोर्ट पेश करनी थी लेकिन अब 7 अप्रैल तक का समय दिया गया है.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में नारी निकेतन,बालिका गृह व बाल अवलोकन गृह को लेकर जारी निर्देशों को लेकर सोमवार को सुनवाई हुई. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ के समक्ष सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली ने 28 जनवरी 2021 को जारी आदेश की पालना के लिए समय चाहा. न्यायालय ने अतिरिक्त महाधिवक्ता के आग्रह पर समय देते हुए अगली सुनवाई 7 अप्रैल को मुकरर्र की है.

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पिछली सुनवाई पर सरकार की ओर से बताया गया कि नारी निकेतन,बालिका गृह व बाल अवलोकन गृह को लेकर जारी निर्देशो की पालना कर दी गई है वही ओपन एयर जिम भी स्थापित किये जा रहे है अगले दो महिने में राजस्थान के सभी स्थानो पर कार्य पूरा हो जायेगा.न्यायमित्र डॉ नुपूर भाटी ने सुझाव पेश किया कि नारी निकेतनो में रहने वाली महिलाओं को व्यावसायिक कौशल प्रदान करना चाहिए जो कि एलईडी स्क्रीन के जरिये हो सकता है.न्यायालय ने तीनो अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित,मनीष व्यास व पंकज शर्मा को निर्देश दिये है कि नारी निकेतन व बाल अवलोकन गृहो में स्मार्ट टेलीविजन लगाने के साथ उन पर शिक्षा विभाग की ओर से पूर्व दर्ज पाठ्यक्रमों से उनको शिक्षा दी जा सकती है. इसके लिए जल्द से जल्द कार्य पूरा करे.उन पर आयु के अनुसार खेल भी हो ताकि उनको वहा पर खेल भी सिखने को मिले.

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अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली ने न्यायालय को बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा स्माइल नाम से अभी एक कार्यक्रम विकसित किया गया है, जो आसानी से उन महिलाओं को प्रदर्शित कर सिखाया जा सकता है.वही स्वास्थ्य विभाग की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास ने कहा कि जो भी निर्देश दिये गये उसकी पालना हो रही है मेडिकल कॉलेज की ओर से समय समय पर स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और मनोचिकित्सक वहा जाकर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है और बेहतर मेडिकल सुविधाए दी जा रही है. न्यायालय में सोमवार को पालना रिपोर्ट पेश करनी थी लेकिन अब 7 अप्रैल तक का समय दिया गया है.

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