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Jodhpur Consumer Protection Commission : दो साल तक बिजली कनेक्शन नहीं दिया, देरी होने पर डिस्कॉम पर 200 रुपए प्रतिदिन जुर्माना

जोधपुर जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग द्वितीय ने चौथी तारीख पर ही न्याय देकर (Jodhpur Consumer Protection Commission) एक नई मिशाल कायम कर दी है. उपभोक्ता को जो कनेक्शन दो साल की मेहनत के बाद भी नहीं मिला उसे एक महीने में ही देने के निर्देश हुए हैं. देरी होने पर डिस्कॉम पर 200 रुपए प्रतिदिन का जुर्माना भी लग जाएगा.

Consumer Protection Commission Jodhpur
विद्युत उपभोक्ता को चौथी पेशी पर ही मिला न्याय
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Published : Jan 24, 2022, 12:34 PM IST

जोधपुर. तारीख-पे-तारीख के जुमले को जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग द्वितीय ने चौथी तारीख (Jodhpur Consumer Protection Commission) पर ही न्याय देकर झूठा साबित कर दिया है. दरअसल, गवाल बेरा, नारवां निवासी गोपाराम और देवाराम ने डिस्कॉम, मंडोर के सहायक अभियंता के खिलाफ आयोग में परिवाद प्रस्तुत कर बताया कि उनकी तरफ से 3 वर्ष पहले आवेदन करने और विभाग को संपूर्ण राशि जमा करा देने के बावजूद अभी तक विद्युत कनेक्शन (Electricity Connection) उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है.

डिस्कॉम (Discom) की ओर से जवाब प्रस्तुत कर बताया गया कि प्रार्थी को दिसंबर, 2019 में ही कनेक्शन के आदेश जारी कर दिए गए, लेकिन पड़ोस के लोगों की तरफ से बाधा उत्पन्न की गई. जिसकी वजह से कनेक्शन नहीं किया जा सका. प्रार्थी की तरफ से पुलिस सहायता उपलब्ध करवाने पर ही कनेक्शन किया जा सकता है. लेकिन उपभोक्ता संरक्षण आयोग के सामने डिस्काॅम के तर्क काम नहीं आए.

जोधपुर जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग

पढ़ें: Revenue target of Jaipur Nagar Nigams: राजस्व लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अपनी संपत्तियों को नीलाम कर रहे जयपुर के निगम

आयोग के अध्यक्ष डॉ. श्याम सुन्दर लाटा, सदस्य डॉ. अनुराधा व्यास, आनंद सिंह सोलंकी की बैंच ने दोनो पक्षों की सुनवाई के बाद निर्णय में कहा कि विद्युत अधिनियम की धारा 43 के अनुसार उपभोक्ता के आवेदन करने पर उसे एक महीने के अंदर कनेक्शन दिया जाना आवश्यक है. कनेक्शन हेतु कानून-व्यवस्था बनाए रखने और पुलिस सहायता लिए जाने की ड्यूटी विभाग की है, न कि उपभोक्ता की. आयोग ने कनेक्शन में विलंब के लिए डिस्कॉम की सेवाओं में कमी मानते हुए उपभोक्ता को एक महीने में कनेक्शन नहीं देने पर 200 रुपए प्रतिदिन हर्जाना अदा करने का आदेश दिया है.

चौथी तारीख पर मिल गया न्याय: इस मामले में परिवादी ने गत वर्ष 14 दिसंबर को शिकायत दर्ज कराई थी, उसी पेशी पर प्रसंज्ञान लेकर विपक्ष को नोटिस जारी कर दिया गया था. दूसरी पेशी पर डिस्कॉम का जबाव और तीसरी पेशी पर दोनों पक्षों की साक्ष्य लिए जाने के बाद आयोग ने चौथी पेशी पर ही उपभोक्ता के पक्ष में निर्णय पारित कर दिया. उपभोक्ता कानून के मुताबिक शिकायत का निपटारा करने की अवधि चार माह निर्धारित है. लेकिन इस मामले में आयोग ने एक माह से भी कम समय में उपभोक्ताओं को न्याय देकर रिकॉर्ड कायम किया है.

जोधपुर. तारीख-पे-तारीख के जुमले को जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग द्वितीय ने चौथी तारीख (Jodhpur Consumer Protection Commission) पर ही न्याय देकर झूठा साबित कर दिया है. दरअसल, गवाल बेरा, नारवां निवासी गोपाराम और देवाराम ने डिस्कॉम, मंडोर के सहायक अभियंता के खिलाफ आयोग में परिवाद प्रस्तुत कर बताया कि उनकी तरफ से 3 वर्ष पहले आवेदन करने और विभाग को संपूर्ण राशि जमा करा देने के बावजूद अभी तक विद्युत कनेक्शन (Electricity Connection) उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है.

डिस्कॉम (Discom) की ओर से जवाब प्रस्तुत कर बताया गया कि प्रार्थी को दिसंबर, 2019 में ही कनेक्शन के आदेश जारी कर दिए गए, लेकिन पड़ोस के लोगों की तरफ से बाधा उत्पन्न की गई. जिसकी वजह से कनेक्शन नहीं किया जा सका. प्रार्थी की तरफ से पुलिस सहायता उपलब्ध करवाने पर ही कनेक्शन किया जा सकता है. लेकिन उपभोक्ता संरक्षण आयोग के सामने डिस्काॅम के तर्क काम नहीं आए.

जोधपुर जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग

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आयोग के अध्यक्ष डॉ. श्याम सुन्दर लाटा, सदस्य डॉ. अनुराधा व्यास, आनंद सिंह सोलंकी की बैंच ने दोनो पक्षों की सुनवाई के बाद निर्णय में कहा कि विद्युत अधिनियम की धारा 43 के अनुसार उपभोक्ता के आवेदन करने पर उसे एक महीने के अंदर कनेक्शन दिया जाना आवश्यक है. कनेक्शन हेतु कानून-व्यवस्था बनाए रखने और पुलिस सहायता लिए जाने की ड्यूटी विभाग की है, न कि उपभोक्ता की. आयोग ने कनेक्शन में विलंब के लिए डिस्कॉम की सेवाओं में कमी मानते हुए उपभोक्ता को एक महीने में कनेक्शन नहीं देने पर 200 रुपए प्रतिदिन हर्जाना अदा करने का आदेश दिया है.

चौथी तारीख पर मिल गया न्याय: इस मामले में परिवादी ने गत वर्ष 14 दिसंबर को शिकायत दर्ज कराई थी, उसी पेशी पर प्रसंज्ञान लेकर विपक्ष को नोटिस जारी कर दिया गया था. दूसरी पेशी पर डिस्कॉम का जबाव और तीसरी पेशी पर दोनों पक्षों की साक्ष्य लिए जाने के बाद आयोग ने चौथी पेशी पर ही उपभोक्ता के पक्ष में निर्णय पारित कर दिया. उपभोक्ता कानून के मुताबिक शिकायत का निपटारा करने की अवधि चार माह निर्धारित है. लेकिन इस मामले में आयोग ने एक माह से भी कम समय में उपभोक्ताओं को न्याय देकर रिकॉर्ड कायम किया है.

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