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Jodhpur: घर बनाने में किया था घटिया सामग्री का इस्तेमाल, ठेकेदार ने नहीं मानी उपभोक्ता आयोग की बात...हुई 6 माह की जेल - Jodhpur

जोधपुर (Jodhpur) के उपभोक्ता संरक्षण आयोग (District Consumer Protection Commission) ने उपभोक्ता के साथ धोखा करने वाले एक कॉन्ट्रैक्टर को 6 माह की सजा सुनाई है. इससे पहले कोर्ट ने ठेकेदार से जुर्माना भरने को कहा था जिसका पालन उसने नहीं किया.

Jodhpur
ठेकेदार को 6 माह की सजा
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Published : Nov 16, 2021, 12:56 PM IST

जोधपुर: जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग (District Consumer Protection Commission) द्वितीय ने ठेकेदार को आयोग के आदेश की अवमानना का दोषी पाया है. चूंकि आरोपी ने आदेश की पालना में ढिलाई बरती. सो, दंड स्वरूप 6 महीने के कारावास की सजा सुनाई गई है.

मामले के अनुसार अर्चना पालीवाल ने अपने मकान के निर्माण का ठेका वर्ष 2011 में आरोपी अब्दुल मुनाफ को दिया गया था. जिसके निर्माण में घटिया सामग्री (Sub Standard) काम में लेने और कार्य खराब करने के विवाद को लेकर अर्चना ने आयोग में शिकायत (Complaint In Consumer Court) पेश की थी. आयोग ने शिकायत को सही मानते हुए अक्टूबर, 2013 में परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में दो लाख रुपए का हर्जाना (Penalty) अदा करने का आदेश ठेकेदार दिया था.

पढ़ें- जोधपुर: इलाज में लापरवाही बरतने पर अस्पताल और चिकित्सकों पर हर्जाना

आरोपी ठेकेदार ने आयोग के आदेश की अवमानना करते हुए राशि का भुगतान नहीं किया. इस पर परिवादी ने उसे दंडित कराने हेतु आयोग के समक्ष अवमानना कार्यवाही प्रस्तुत की थी.

आयोग के अध्यक्ष डॉ श्याम सुन्दर लाटा, सदस्य डॉ अनुराधा व्यास, आनंद सिंह सोलंकी की न्यायपीठ ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी अब्दुल मुनाफ (निवासी सिंवाची गेट, जोधपुर) को आयोग के आदेश की पालना न करने का दोषी करार दिया. अपने फैसले में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 27 के अन्तर्गत छह माह के साधारण कारावास और दस हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है. जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्त को दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

जोधपुर: जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग (District Consumer Protection Commission) द्वितीय ने ठेकेदार को आयोग के आदेश की अवमानना का दोषी पाया है. चूंकि आरोपी ने आदेश की पालना में ढिलाई बरती. सो, दंड स्वरूप 6 महीने के कारावास की सजा सुनाई गई है.

मामले के अनुसार अर्चना पालीवाल ने अपने मकान के निर्माण का ठेका वर्ष 2011 में आरोपी अब्दुल मुनाफ को दिया गया था. जिसके निर्माण में घटिया सामग्री (Sub Standard) काम में लेने और कार्य खराब करने के विवाद को लेकर अर्चना ने आयोग में शिकायत (Complaint In Consumer Court) पेश की थी. आयोग ने शिकायत को सही मानते हुए अक्टूबर, 2013 में परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में दो लाख रुपए का हर्जाना (Penalty) अदा करने का आदेश ठेकेदार दिया था.

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आरोपी ठेकेदार ने आयोग के आदेश की अवमानना करते हुए राशि का भुगतान नहीं किया. इस पर परिवादी ने उसे दंडित कराने हेतु आयोग के समक्ष अवमानना कार्यवाही प्रस्तुत की थी.

आयोग के अध्यक्ष डॉ श्याम सुन्दर लाटा, सदस्य डॉ अनुराधा व्यास, आनंद सिंह सोलंकी की न्यायपीठ ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी अब्दुल मुनाफ (निवासी सिंवाची गेट, जोधपुर) को आयोग के आदेश की पालना न करने का दोषी करार दिया. अपने फैसले में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 27 के अन्तर्गत छह माह के साधारण कारावास और दस हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है. जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्त को दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

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