जोधपुर. लोक देवता बाबा रामदेव का मेला 1 सितंबर से रामेदवरा में शुरू हो रहा है. इसकी रौनक जोधपुर में भी रहती है, क्योंकि बाबा रामदेव के गुरु मल्लीनाथजी की समाधी जोधपुर के मसुरिया स्थित मंदिर में है. जहां बाबा रामदेव के जाने वाले भक्त भी आते हैं. यहीं कारण है कि अगले दस दिनों तक जोधपुर में भक्तों के रेलमपेल रहेगी. इसमें एक जत्था पाक विस्थापित हिंदुओं का है. जो भी हर वर्ष जोधपुर से 184 किमी दूर पैदल जाते हैं.
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लेकिन सबसे अनोखी बात यह है कि इस दौरान यह भक्त 100 किलो चावल की बोरी लेकर जाते है. जिससे वहां आने वाले भक्तों के भंडारे में उसका उपयोग हो सकें. इस यात्रा की शुरूआत शुक्रवार को हुई. जिसमें यह जत्था दो बोरी लेकर रवाना हुआ. एक बोरी जोधपुर के मंदिर में चढ़ाई और दूसरी बोरी रामदेवरा लेकर रवाना हो गए. जो करीब 7 दिन बाद वहां पहुंचेंगे. जोधपुर में बड़ी संख्या में पाक विस्थापित हिंदू रहते हैं. जो बाबा रामदेव के भक्त माने जाते हैं.
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वहीं पाक विस्थापित एक्टिविस्ट भागचंद ने बताया कि इस जत्थे में 150 विस्थापित है. जो हर साल रामदेवरा चावल की बोरी लेकर जाते है. जो लंगर में काम आती है. गौरतलब हे कि जोधपुर में इस मेले के दौरान करीब दस लाख श्रद्धालु आएंगे. इसके चलते पुलिस ने कई तरह के इंतजाम किए है. खास तौर से मसुरिया मेला परिसर क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई है.