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पाक विस्थापितों की रामसा पीर में गहरी आस्था...100 किलो चावल की बोरी सिर उठाकर ले जाते हैं 184 किमी... देखिए स्पेशल रिपोर्ट

लोकदेवता बाबा रामदेव का मेला 1 सितंबर से शुरू होने जा रहा है. रामसा पीर के दर्शनों के लिए रामदेवरा में भारी सैलाब उमड़ेगा. भक्तों का जत्था बाबा के दर्शन के लिए रवाना हो गया है. ऐसें में एक तस्वीर आस्था ही ऐसी भी सामने आई है. जहां जोधपुर के पाक विस्थापित 184 किमी पैदल 100 किलो चावल की बोरी उठाकर बाबा के दर पर हाजिरी लगाते है.

baba ramdev fair, बाबा रामदेव का मेला
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Published : Aug 31, 2019, 6:50 PM IST

जोधपुर. लोक देवता बाबा रामदेव का मेला 1 सितंबर से रामेदवरा में शुरू हो रहा है. इसकी रौनक जोधपुर में भी रहती है, क्योंकि बाबा रामदेव के गुरु मल्लीनाथजी की समाधी जोधपुर के मसुरिया स्थित मंदिर में है. जहां बाबा रामदेव के जाने वाले भक्त भी आते हैं. यहीं कारण है कि अगले दस दिनों तक जोधपुर में भक्तों के रेलमपेल रहेगी. इसमें एक जत्था पाक विस्थापित हिंदुओं का है. जो भी हर वर्ष जोधपुर से 184 किमी दूर पैदल जाते हैं.

पाक विस्थापितों की आस्था..100 किलो चावल की बोरी सिर पर उठाकर पहुंचेंगे रामदेवरा..देखें रिपोर्ट

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: आस्था या अंधिवश्वास ! इस तालाब में डुबकी लगाने से भागते हैं भूत

लेकिन सबसे अनोखी बात यह है कि इस दौरान यह भक्त 100 किलो चावल की बोरी लेकर जाते है. जिससे वहां आने वाले भक्तों के भंडारे में उसका उपयोग हो सकें. इस यात्रा की शुरूआत शुक्रवार को हुई. जिसमें यह जत्था दो बोरी लेकर रवाना हुआ. एक बोरी जोधपुर के मंदिर में चढ़ाई और दूसरी बोरी रामदेवरा लेकर रवाना हो गए. जो करीब 7 दिन बाद वहां पहुंचेंगे. जोधपुर में बड़ी संख्या में पाक विस्थापित हिंदू रहते हैं. जो बाबा रामदेव के भक्त माने जाते हैं.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: बाबा रामदेव जी का ऐसे हुआ था अवतार....हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक रामसा पीर

वहीं पाक विस्थापित एक्टिविस्ट भागचंद ने बताया कि इस जत्थे में 150 विस्थापित है. जो हर साल रामदेवरा चावल की बोरी लेकर जाते है. जो लंगर में काम आती है. गौरतलब हे कि जोधपुर में इस मेले के दौरान करीब दस लाख श्रद्धालु आएंगे. इसके चलते पुलिस ने कई तरह के इंतजाम किए है. खास तौर से मसुरिया मेला परिसर क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई है.

जोधपुर. लोक देवता बाबा रामदेव का मेला 1 सितंबर से रामेदवरा में शुरू हो रहा है. इसकी रौनक जोधपुर में भी रहती है, क्योंकि बाबा रामदेव के गुरु मल्लीनाथजी की समाधी जोधपुर के मसुरिया स्थित मंदिर में है. जहां बाबा रामदेव के जाने वाले भक्त भी आते हैं. यहीं कारण है कि अगले दस दिनों तक जोधपुर में भक्तों के रेलमपेल रहेगी. इसमें एक जत्था पाक विस्थापित हिंदुओं का है. जो भी हर वर्ष जोधपुर से 184 किमी दूर पैदल जाते हैं.

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लेकिन सबसे अनोखी बात यह है कि इस दौरान यह भक्त 100 किलो चावल की बोरी लेकर जाते है. जिससे वहां आने वाले भक्तों के भंडारे में उसका उपयोग हो सकें. इस यात्रा की शुरूआत शुक्रवार को हुई. जिसमें यह जत्था दो बोरी लेकर रवाना हुआ. एक बोरी जोधपुर के मंदिर में चढ़ाई और दूसरी बोरी रामदेवरा लेकर रवाना हो गए. जो करीब 7 दिन बाद वहां पहुंचेंगे. जोधपुर में बड़ी संख्या में पाक विस्थापित हिंदू रहते हैं. जो बाबा रामदेव के भक्त माने जाते हैं.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: बाबा रामदेव जी का ऐसे हुआ था अवतार....हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक रामसा पीर

वहीं पाक विस्थापित एक्टिविस्ट भागचंद ने बताया कि इस जत्थे में 150 विस्थापित है. जो हर साल रामदेवरा चावल की बोरी लेकर जाते है. जो लंगर में काम आती है. गौरतलब हे कि जोधपुर में इस मेले के दौरान करीब दस लाख श्रद्धालु आएंगे. इसके चलते पुलिस ने कई तरह के इंतजाम किए है. खास तौर से मसुरिया मेला परिसर क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई है.

Intro:Body:पाक विस्थापित 184 किमी लेकर जाते हैं 100 किलो चावल की बोरी उठाकर

जोधपुर। लोक देवता बाबा रामदेव का मेला 1 सितंबर से रामेदवरा में शुरू हो रहा है। इसकी रौनक जोधपुर में भी रहती हे क्योंकि बाबा रामदेव के गुरु मल्लीनाथजी कीसमाधी जोधपुर के मसुरिया स्थित मंदिर में है जहां बाबा रामदेव के जाने वाले भक्त भी आते हैं यही कारण है कि अगले दस दिनों तक जोधपुर में भक्तों के रेलमपेल रहेगी। इसमें एक जत्था पाक विस्थापित हिंदुओं का है जो भी हर वर्ष जोधपुर से 184 किमी दूर पैदल जाते हैं लेकिन सबसे अनोखी बात यह है कि इस दौरान यह भक्त 100 किलो चावल की बोरी लेकर जाते है जिससे वहां आने वाले भक्तों के भंडारे में उसका उपयोग हो सके। इस यात्रा की शुरूआत शुक्रवार को हुई जिसमें यह जत्था दो बोरी लेकर रवाना हुआ एक बोरी जोधपुर के मंदिर में चढाई और दूसरी बोरी रामदेवरा लेकर रवाना हो गए। जो करीब 7 दिन बाद वहां पहुंचेगे। जोधपुर में बडी संख्या में पाक विस्थापित हिंदू रहते हैं जो बाबा रामदेव के भक्त माने जाते हैं। पाक विस्थापित एक्टिविस्ट भागचंद ने बताया कि इस जत्थे में 150 विस्थापित है जो हर वर्ष रामदेवरा चावल की बोरी लेकर जाते है जो लंगर में काम आती है। गौरतलब हे कि जोधपुर में इस मेले के दौरान करीब दस लाख श्रद्धालु आएंगे इसके चलते पुलिस ने कई तरह के इंतजाम किए है। खास तौर से मसुरिया मेला परिसर क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई है।
बाईट :1 अचलाराम, पाक विस्थापित
बाईट 2 भागचंद, एक्टिविस्ट पाक विस्थापित
Conclusion:
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