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आसाराम मामले में एक बार फिर आदेश संशोधन प्रार्थना पत्र पेश, 12 जनवरी को होगी सुनवाई - Rajasthan latest Hindi news

राजस्थान उच्च न्यायालय में अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से अधिवक्ता ने 23 नवम्बर 2020 को पारित आदेश में संशोधन कर जल्द सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 12 जनवरी 2021 को सुनवाई के निर्देश दिए हैं.

hearing on Asaram's petition, Asaram's petition in High Court
आसाराम के मामले में एक बार से आदेश संशोधन प्रार्थना पत्र पेश
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Published : Nov 25, 2020, 10:52 PM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से अधिवक्ता ने 23 नवम्बर 2020 को पारित आदेश में संशोधन कर जल्द सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 12 जनवरी 2021 को सुनवाई के निर्देश दिए हैं.

दरअसल, 23 नवम्बर को उच्च न्यायालय में आसाराम की अपील पर जल्द सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए उसी दिन बहस के लिए कहा था, लेकिन अधिवक्ता तैयार नहीं थे. ऐसे में उच्च न्यायालय ने जनवरी के तीसरे सप्ताह में सुनवाई के निर्देश दिए थे. जिसमें सप्ताह शब्द टाइपिंग मिस्टेक से सबसे अंत में था, जिसे असमंजस की स्थिति हो गई थी कि सुनवाई 3 जनवरी को है या फिर जनवरी के तीसरे सप्ताह में.

ऐसे में बुधवार को एक बार फिर से अधिवक्ताओं ने प्रार्थना पत्र पेश कर संशोधन का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास ने अब अगली सुनवाई 12 जनवरी 2021 को करने के निर्देश दिए हैं. आज ही अपील पर बहस करने के लिए कहा तो उनके अधिवक्ता ने कहा कि तैयारी करके नहीं आए हैं.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़ : कपासन पुलिस ने 3 क्विंटल डोडा चूरा के साथ 2 तस्करों को किया गिरफ्तार

गौरतलब है कि आसाराम अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. केन्द्रीय कारागृह में विशेष अदालत का गठन करते हुए एससी-एसटी एक्ट कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा जिनको पॉक्सो एक्ट के तहत दायर मामलों की सुनवाई करने के अधिकार था. करीब 6 वर्ष की सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाते हुए जहां मुख्य अभियुक्त आसाराम को प्राकृतिक उम्र की समाप्ति तक के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

किशोर न्याय बोर्ड गठन को लेकर स्व प्रेरणा से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई...

राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर मुख्यपीठ में राज्य के प्रत्येक जिले में किशोर न्याय बोर्ड गठन को लेकर स्व प्रेरणा से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली की ओर से उनके सहयोगी अभिषेक पुरोहित ने पक्ष रखा कि पूर्व में जारी आदेश अनुसार प्रत्येक जिले में स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट गठित करने के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने इन यूनिट्स में इन संवेदनशील पद पर प्रशिक्षित अफसर को नियुक्त करने के लिए कहा था.

उच्च न्यायालय के इन आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट पेश करने के लिए कुछ समय चाहिए, इस पर कोर्ट ने 14 दिसम्बर 2020 तक का समय देते हुए अगली सुनवाई पर अनुपालना रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक जिले में विशेष किशोर पुलिस इकाई गठित की जाए, इनको गठित करने के लिए सरकार तत्काल कदम उठाए.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से अधिवक्ता ने 23 नवम्बर 2020 को पारित आदेश में संशोधन कर जल्द सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 12 जनवरी 2021 को सुनवाई के निर्देश दिए हैं.

दरअसल, 23 नवम्बर को उच्च न्यायालय में आसाराम की अपील पर जल्द सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए उसी दिन बहस के लिए कहा था, लेकिन अधिवक्ता तैयार नहीं थे. ऐसे में उच्च न्यायालय ने जनवरी के तीसरे सप्ताह में सुनवाई के निर्देश दिए थे. जिसमें सप्ताह शब्द टाइपिंग मिस्टेक से सबसे अंत में था, जिसे असमंजस की स्थिति हो गई थी कि सुनवाई 3 जनवरी को है या फिर जनवरी के तीसरे सप्ताह में.

ऐसे में बुधवार को एक बार फिर से अधिवक्ताओं ने प्रार्थना पत्र पेश कर संशोधन का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास ने अब अगली सुनवाई 12 जनवरी 2021 को करने के निर्देश दिए हैं. आज ही अपील पर बहस करने के लिए कहा तो उनके अधिवक्ता ने कहा कि तैयारी करके नहीं आए हैं.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़ : कपासन पुलिस ने 3 क्विंटल डोडा चूरा के साथ 2 तस्करों को किया गिरफ्तार

गौरतलब है कि आसाराम अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. केन्द्रीय कारागृह में विशेष अदालत का गठन करते हुए एससी-एसटी एक्ट कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा जिनको पॉक्सो एक्ट के तहत दायर मामलों की सुनवाई करने के अधिकार था. करीब 6 वर्ष की सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाते हुए जहां मुख्य अभियुक्त आसाराम को प्राकृतिक उम्र की समाप्ति तक के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

किशोर न्याय बोर्ड गठन को लेकर स्व प्रेरणा से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई...

राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर मुख्यपीठ में राज्य के प्रत्येक जिले में किशोर न्याय बोर्ड गठन को लेकर स्व प्रेरणा से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली की ओर से उनके सहयोगी अभिषेक पुरोहित ने पक्ष रखा कि पूर्व में जारी आदेश अनुसार प्रत्येक जिले में स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट गठित करने के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने इन यूनिट्स में इन संवेदनशील पद पर प्रशिक्षित अफसर को नियुक्त करने के लिए कहा था.

उच्च न्यायालय के इन आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट पेश करने के लिए कुछ समय चाहिए, इस पर कोर्ट ने 14 दिसम्बर 2020 तक का समय देते हुए अगली सुनवाई पर अनुपालना रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक जिले में विशेष किशोर पुलिस इकाई गठित की जाए, इनको गठित करने के लिए सरकार तत्काल कदम उठाए.

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