जोधपुर. संभाग के सबसे बड़े ऑटो डीलर एलएमजे मोटर्स के निदेशक एच सी जैन से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत और जाने मंदी से जुड़े कारण और इससे निपटने के उपाय. जैन ने बताया कि मंदी का सबसे बड़ा कारण सरकार की नीति है. सरकार ने जब यह घोषणा की थी कि डीजल गाड़ियां 2020 के बाद बंद हो जाएगी इसके बाद से ही खरीदारों ने भी हाथ खींच लिए.
उनका मानना था कि डीजल कारें बंद हो जाएंगी और उसका विकल्प पेट्रोल व इलेक्ट्रिक कार रहेगी जिस को लेकर सरकार ने प्लानिंग शुरू की थी लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ी. इसके साथ ही मंदी का जो दौर हर सेक्टर शुरू हुआ उसकी चपेट में ऑटो सेक्टर आ गया. खासतौर से इस वर्ष मई के बाद से जबरदस्त गिरावट ऑटो सेक्टर में देखने को मिली. जैन के अनुसार राजस्थान के अंदर 24 से 26 फ़ीसदी गिरावट आई है और जोधपुर में करीब 20 फ़ीसदी की गिरावट क्षेत्र में हुई है.
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अब सरकार ने डीजल गाड़ियां बंद नहीं करने का निर्णय भी लिया है. लेकिन ऑटोमोबाइल कंपनियां तब तक डीजल गाड़ियों का निर्माण कम करना शुरू कर चुकी है. अगर सरकार के अनुसार डीजल गाड़ियां बनती भी हैं और उनको अगर बी एस सिक्स स्टैंडर्ड तक ले जाया जाता है तो गाड़ी कोस्ट ढाई से 3 लाख रुपए तक बढ़ जाएगी. यही कारण है कि निर्माता भी असमंजस की स्थिति में हैं. इसके चलते पेट्रोल गाड़ियों का निर्माण ज्यादा हो रहा है और आने वाले समय में उपभोक्ता भी इस बात को जान जाएंगे.
जैन ने उपाय बताते हए कहा कि सरकार को और बैंकिंग व्यवस्था को रेट ऑफ इंटरेस्ट पर थोड़ा ध्यान देना चाहिए जिससे इस सेक्टर में तेजी आ सकेगी. एलएमजे मोटर्स जोधपुर प्रतिवर्ष चोपन 100 यूनिट की सेल करता है इसमें इस साल 20 फीसद की गिरावट आई है. जैन का कहना है कि क्योंकि हमारा नेटवर्क बड़ा है. ऐसे में अभी सरवाइव कर रहे हैं. लेकिन सिंगल डीलरशिप वाले डीलर को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.
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सभी की उम्मीदें अब श्राद्ध पक्ष के बाद दीपावली तक की सीजन पर टिकी हैं जिसको लेकर कंपनियां ऑफर भी दे रही हैं. उम्मीद की जा रही है कि श्राद्ध के बाद सरकार बैंकिंग सेक्टर से रेट ऑफ इंटरेस्ट कम कर इस सेक्टर को कुछ बढ़ावा देगी.
क्या सरकार जीएसटी कम कर इस सेक्टर को संबल दे सकती है के सवाल पर जैन का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है क्योंकि अगर सरकार जीएसटी में कटौती करती है तो उसकी भरपाई करने का दूसरा रास्ता सरकार के पास नहीं है. ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर को पता है कि जीएसटी में कटौती की उम्मीद करना बेमानी है फिर भी अगर सरकार करती है तो फायदा होगा.